रांची: अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो और वह अपने आप को छुपाने के लिए कितना भी प्रयास क्यों न कर ले, लेकिन अगर पुलिस चाह ले तो उसे सलाखों के पीछे पहुंचना तय है. 19 दिसंबर 2020 को रांची के अरगोड़ा इलाके में देर रात रोहित कश्यप नामक युवक की बड़े ही बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. रात के अंधेरे में इस हत्याकांड को किसने अंजाम दे दिया यह पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बनी हुई थी, लेकिन मात्र 36 घंटे के अंदर ही पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा कर एक बेहतर पुलिसिंग का नमूना पेश किया.
क्या है मामला
एक पार्टी से लौट रहे रोहित की हत्या दो अपराधियों ने 19 दिसंबर की रात लगभग 11 बजे उस समय कर दी गई जब रोहित और उसके दोस्तों का विवाद अपराधियों से ओवरटेक करने को लेकर हुआ. अपराधियों से विवाद होने के बाद रोहित के दो दोस्त उसे मौके पर छोड़कर फरार हो गए थे, जिसके बाद दो अपराधियों ने उसकी हत्या कर दी.
कई दागियों से हुई थी पूछताछ
जिस जगह रोहित की हत्या की गई थी, वहां कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था. इसके अलावा उस वक्त उस घटना को किसी ने देखा भी नहीं था. रोहित राजधानी का एक मामूली सा काम करने वाला युवक था. उसका किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी. इसकी वजह से पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था.
पुलिस ने कई दागियों को उठाया
रोहित हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए रांची में कैंडल मार्च और थाने का घेराव शुरू हो गया था. परिजन लगातार थाने पहुंचकर हंगामा कर रहे थे, जिसकी वजह से पुलिस बेहद दबाव में थी. रोहित हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अरगोड़ा पुलिस ने इलाके के 12 से अधिक दागियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन उनमें से किसी ने भी रोहित हत्याकांड में शामिल होने की बात नहीं स्वीकारी. कुल मिलाकर कहा जाय तो इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी.
कॉल डंप से निकला सुराग
रोहित हत्याकांड का कोई सुराग न मिलता देख रांची के सिटी एसपी और अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद ने घटनास्थल का कॉल डंप निकालने का निश्चय किया. कॉल डंप से वारदात के समय कौन-कौन से मोबाइल नंबर काम कर रहे थे इसका पता चल जाता है. रोहित और अपराधियों के बीच विवाद 19 दिसंबर (शनिवार) की रात लगभग 11 बजे के आसपास हुआ था. पुलिस को कॉल डंप के जरिए कई ऐसे नंबर हाथ लगे जो घटनास्थल के आसपास काम कर रहे थे. इस दौरान कुछ ऐसे नंबर थे जो लगातार एक दूसरे से घटना के समय का बाद भी बात कर रहे थे. जब नंबरों की जांच की गई तो उसमें से कुछ ऐसे नंबर थे जिससे रोहित के नंबर पर कॉल किया गया था. वह नंबर रोहित के परिजनों के थे, लेकिन एक ऐसा नंबर भी पुलिस को मिला जिसका लोकेशन लगातार अरगोड़ा चौक से लेकर पुंदाग के आसपास वाले इलाके में रहा और इस दौरान दोनों ने कई बार बातचीत की. मोबाइल नंबर की जांच करने के बाद और कुछ पुलिस के मुखबिरों ने बताया यह नंबर छोटे-मोटे लूटपाट की वारदात को अंजाम देने वाले दो युवकों की है. दोनों अक्सर स्कूटी से चला करते हैं.
सीसीटीवी में दिखी स्कूटी
इसी बीच पुलिस की एक टीम ने अरगोड़ा चौक से बाहर जाने वाले रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो उसमें एक स्कूटी पर सवार दो युवक बेहद तेज गति से जाते दिखाई दिए. जब स्कूटी का नंबर ट्रेस किया गया तो वह रांची के पुंदाग के रहने वाले मोहम्मद शाहबाज का निकला.
जाल बिछाकर शाहबाज को उठाया गया
अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार ने अपनी टीम में शामिल कनीय अफसरों को शाहबाज की तलाश में लगा दिया. शाहबाद को पुलिस ने पुंदाग से 21 दिसंबर की सुबह को धर दबोचा. पुलिस की कड़ाई के आगे शाहबाज टूट गया और उसने रोहित हत्याकांड के सभी परतों को पुलिस के सामने खोल दिया.
छोटू खान के साथ हथियार छुपाने वाला भी गिरफ्तार
शाहबाज ने पुलिस को बताया कि वारदात की रात उसके साथ जो दूसरा शक्स था वह छोटू खान है. शाहबाज की गिरफ्तारी के बाद छोटू फरार होने की तैयारी कर रहा था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा. वहीं पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार को चिपकाने के आरोप में छोटू खान के दोस्त याकूब खान को भी गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने खून से सने कपड़े और हत्या में इस्तेमाल चाकू को ही बरामद किया है. जिसे सबूत के रूप में जांच के लिए एफएसएल भी भेजा गया है. वहीं हत्या के आरोपी छोटू खान, शाहबाज और याकूब को कोविड-19 जांच के बाद रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया.
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क्यों हुई थी रोहित की हत्या
19 दिसंबर 2020 यानी शनिवार की रात रोहित कश्यप अपने दो दोस्तों के साथ अरगोड़ा बस्ती की ओर स्कूटी से लौट रहा था. उसी दौरान एक बाइक पर सवार शाहबाज और छोटू खान पीछे से जोर-जोर से हॉर्न बजाकर रोहित को साइड होने को बोल रहे थे. सड़क खराब होने पर भी रोहित ने तेज हॉर्न की आवाज सुन अपनी बाइक किनारे कर ली. इसी बीच शाहबाज और छोटू खान रोहित को तेजी से ओवरटेक करते हुए आगे बढ़ गए. रोहित को यह नागवार गुजरा. बिना किसी काम के क्यों कोई रात में इतना परेशान करेगा. रोहित ने शाहबाज और छोटू खान को आगे बढ़ कर रोका और उनके पास जाकर कहा कि वे बाइक ठीक से चलाया करें, ऐसे में एक्सीडेंट हो सकता है. नशे में धुत शाहबाज और छोटू को रोहित का नसीहत देना बिल्कुल ही अच्छा नही लगा. दोनों आदतन अपराधी भी थे. रोहित की बात से नाराज छोटू खान ने अपने कमर से पिस्टल (नकली) और चाकू निकाल कर रोहित को कहा हीरो बनता है रुक बताते हैं. हाथ में पिस्टल और चाकू देखकर रोहित के दो दोस्त मौके से फरार हो गए. रोहित वहां अकेले फंस गया. इसी बीच रोहित भी भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन रास्ता खराब होने की वजह से वह रास्ते में ही गिर पड़ा, जिसके बाद छोटू और शाहबाज उसके ऊपर टूट पड़े और चाकू से कई वार किया. जब रोहित होश में नहीं रहा तब दोनों तेजी से मौके से फरार हो गए. थोड़ी देर बाद जब रोहित के दोस्त और परिजन मौके पर भागे भागे पहुंचे तो वहां रोहित घायल अवस्था में पड़ा हुआ था, जिसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया.
टेक्निकल टीम और मुखबिरों की मदद से मिली कामयाबी
टेक्निकल टीम और मुखबिरों की मदद से अरगोड़ा पुलिस ने एक ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को 36 घंटे के अंदर सुलझा लिया. मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने में सिटी एसपी सौरभ अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार और उनकी टीम ने दिन रात मेहनत किया. यही वजह है कि रांची के सीनियर एसपी की वजह से सभी को इनाम देने की घोषणा भी की गई है.