रांची: शहर के गोंदा इलाके में 26 फरवरी को हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने आरोपी सुमित मुंडा को गिरफ्तार कर लिया है. संपत्ति के लालच में सुमित मुंडा ने अपने ही चाचा तेतरु पाहन और चाची लखिया देवी की हत्या कर दी थी.
इसे भी पढ़ें: देवघर में 22 साइबर अपराधी गिरफ्तार, मोबाइल, पासबुक सहित कई सामान बरामद
निसंतान दंपति को संपत्ति के लालच में मारा
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि मृतक तेतरु पाहन का रांची के कांके इलाके में कई एकड़ जमीन थी, जब भी पैसे की कमी होती तेतरु पाहन अपने जमीन में से कुछ टुकड़ा बेचकर अपना खर्चा चलाते थे, इस दौरान सुमित उनसे अक्सर पैसे की डिमांड किया करता था, साथ ही नई बाइक और मोबाइल खरीदने के लिए अक्सर परेशान करता था, सुमित जमीन के एवज में मिले पैसे अक्सर उनसे मांगता था, इनकार करने पर वह उन्हें कई बार धमकी भी दे चुका था. तेतरु पाहन और लखिया देवी की कोई संतान नहीं थी. ऐसे में सुमित को यह भी लालच था कि उनकी सारी संपत्ति उसकी हो जाए.
25 फरवरी को ही बना लिया था मर्डर का प्लान
चाचा-चाची से संपत्ति को लेकर नाराज सुमित ने 25 फरवरी की सुबह यह तय कर लिया था कि वह उन दोनों की हत्या कर देगा. 25 फरवरी को वह पूरे दिन शराब पीता रहा, जिसके बाद रात के करीब 11:30 बजे वह तेतरु पाहन के घर पहुंचा. उस समय दोनों गहरी नींद में सो रहे थे. सुमित ने धीरे से दरवाजा खोला और अपने कमर में रखे भुजाली को निकालकर पति-पत्नी पर ताबड़तोड़ वार करने लगा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद सुमित अपने गांव चला गया.
इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर में ब्यूटी पार्लर के नाम पर चल रहा था सेक्स रैकेट, तीन युवती समेत 6 लोग गिरफ्तार
सुमित ने ही दी मुखाग्नि, रोने का करता रहा था नाटक
तेतरु पाहन और लखिया देवी की कोई संतान नहीं थी. इसलिए सुमित ने ही उनका दाह संस्कार किया और उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान वह बार-बार पुलिस से उलझ रहा था और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. यहां तक कि जब विपक्ष के नेता पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गए थे, तभी वह लगातार पुलिस के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था.
टेक्निकल सेल और स्थानीय इनपुट पर हुआ गिरफ्तार
मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर हुए इस दोहरे हत्याकांड को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा था. पुलिस पर सवालिया निशान उठाए जा रहे थे. वहीं दूसरी तरफ पुलिस को पहले ही दिन यह अंदेशा हो गया था, कि इस हत्याकांड को किसी परिचित ने ही अंजाम दिया है और उसके पीछे संपत्ति का ही विवाद हो सकता है. तेतरु पाहन के नाम लगभग 20 एकड़ जमीन थी. सुमित की नजर उस पर भी थी. मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में लगी पुलिस को कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा सूचना मिली कि सुमित अक्सर अपने चाचा-चाची को जान से मारने की धमकी दिया करता था. वह उनसे उनकी जमीन अपने नाम करवाना चाहता था, साथ ही समय-समय पर मोबाइल और नया बाइक खरीदने को लेकर धमकी भी देता था. रांची पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरू की और टेक्निकल सेल के साथ-साथ एफएसएल के द्वारा लिए गए नमूने का मिलान करवाया गया तो शक की हर सुई सुमित की तरफ ही इशारा करती नजर आई, जिसके बाद गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर ने अपनी टीम के साथ सुमित को धर दबोचा और जब कड़ाई से उससे पूछताछ की गई, तो उसने अपने ही चाचा-चाची की हत्या की बात स्वीकार कर ली.