रांचीः जिला पुलिस ने ओडिशा के जिस शातिर चोर संतोष राठौर को गिरफ्तार किया है, वह 12 साल से अकेले ही देश के कई राज्यों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है. वह रांची के अलावा ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है. इस दौरान वह कई बार पकड़ा भी गया. लेकिन जमानत पर जल्द ही छूट जाता था.
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मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था राठौर
शातिर चोर राठौर चोरी के समय मोबाइल का कभी भी इस्तेमाल नहीं करता था. ताकि पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिले. चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद सामान खपाने की जिम्मेदारी छोटू कुमार वर्मा, शिवा कुमार साव, अर्जुन चंद्रपाल और प्रदीप कुमार सोनी की थी. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि शातिर संतोष पूरी योजना के साथ चोरी की वारदात को अंजाम देता था. राउरकेला में भी उसने कई घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है. राउरकेला पुलिस उसे जेल भी भेज चुकी है. एसएसपी ने बताया कि राउरकेला में कुछ अरसे पहले वह एक घर में चोरी कर रहा था. पुलिस को इसकी जानकारी मिली. मौके पर जब पुलिस पहुंची तो वह चार मंजिला से ही नीचे गिर गया. जिससे उसका पैर भी टूट गया. उसे चलने में अब भी परेशानी है.
ऐसे पकड़ा गया शातिर
चोरी की घटना का खुलासा करने के लिए हटिया एएसपी विनीत कुमार के नेतृत्व में एसएसपी ने एक टीम का गठन किया था. गठित टीम में अरगोड़ा थानेदार विनोद कुमार समेत 13 पुलिसकर्मी शामिल थे. पुलिस ने एक साल में हुई चोरी की घटना का सीसीटीवी निकाला. ज्यादातर फुटेज में पुलिस को चोरी की घटना में एक दिव्यांग व्यक्ति दिखा, इसके बाद पुलिस की टीम ने राउरकेला पुलिस से संपर्क किया. वहां से यह जानकारी मिली कि संतोष राठौर नामक शातिर अपराधी को चलने में तकलीफ होती है. इसके बाद पुलिस आरोपी की खोजबीन शुरू की. इसी क्रम में पुलिस ने उसे ओडिशा से दबोच लिया.
रांची में करोड़ों की चोरी कर चुका है संतोष
शातिर संतोष राठौर दो साल से रांची में रहता था. उसने रांची में करीब 40 चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. उसने सबसे ज्यादा अरगोड़ा थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात को अंजाम दिया. इसके अलावा सदर और अन्य थाना क्षेत्रों में वह करोड़ों रुपये का सामान चोरी कर दूसरे राज्यों में बेच चुका है. पूछताछ में शातिर संतोष ने इस बात का खुलासा किया है. उसने पुलिस को बताया कि वह दो साल से रांची में चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा है.
बंद घर की तीन टाइम करता था रेकी
आरोपी संतोष राठौर पूरी प्लानिंग के साथ चोरी की वारदात को अंजाम देता था. वह ज्यादातर बंद घरों को अपना निशाना बनाता था. जिस घर में उसे चोरी करनी रहती थी, उस घर का वह प्रतिदिन तीन टाइम रेकी करता था. पूरा दिन वह घर के पास जाकर यह देखता था कि ताला लगा हुआ है या नहीं. रेकी के लिए संतोष एक बाइक का इस्तेमाल करता था. अगर तीनों टाइम ताला लगा हुआ मिलता था तो दूसरे ही दिन संतोष उस घर में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम देता था.
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बिना पूछताछ किए ही पुलिस संतोष को भेजा था जेल
आरोपी संतोष राठौर ने 27 अक्टूबर 2019 को अरगोड़ा थाना क्षेत्र में रहने वाले एक डीजी रैंक अधिकारी के घर चोरी की वारदात को अंजाम दिया. उसी साल दिसंबर में अरगोड़ा पुलिस ने संतोष को छिनतई के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लेकिन जेल भेजने से पहले पुलिस ने आरोपी से कोई पूछताछ नहीं की. उसे जेल भेज दिया. उस वक्त अगर पुलिस आरोपी से पूछताछ कर लेती तो तीन थानेदारों का तबादला नहीं होता. पुलिस वाले के घर हुई चोरी कांड का भी खुलासा हो जाता.
सुपरवाइजर होने की बात कहकर लिया था भाड़े पर रूम
संतोष राठौर काम के बारे में न तो घर वालों को बताता था और न ही मकान मालिक को. उसने अपने घर वालों को यही जानकारी दी थी कि वह एक कंपनी में सुपरवाइजर का काम करता है. उसकी ड्यूटी रात को ही रहती थी. रांची के पुंदाग में उसने दो साल पहले किराये पर कमरा लिया था. मकान मालिक को भी उसने यही बताया था कि वह एक कंपनी में सुपरवाइजर का काम करता है. उसकी ड्यूटी रात में ही रहती थी. इसलिए वह रात में घर पर नहीं रहेगा, बल्कि अपने काम में ही रहेगा.