रांची: राजधानी में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जा रही है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बुधवार की देर रात राजीव सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. वहीं, गिरफ्तार राजीव के पास से एक दर्जन से ज्यादा रेमडेसिविर बरामद हुए हैं, फिलहाल राजीव से पूछताछ की जा रही है.
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वाहन से मिली दवाइयां
गिरफ्तार शख्स राजीव कुमार के कार से रेमडेसिविर, ऑक्सीजन, पीपीई किट, कोरोना की दूसरी दवाइयां सहित कई सामान मिले. पुलिस के अनुसार राजीव समाजसेवा की आड़ में इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था. पुलिस ने राजीव की कार को जब्त कर लिया है. पुलिस ने जानकारी जुटा रही है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर इंजेक्शन राजीव के पास पहुंचे कैसे, इसके पीछे और कौन-कौन लोग हैं.
कार से डिलीवरी करने पहुंचा था
राजीव बुधवार की रात राजभवन के पास किसी व्यक्ति को रेमडेसिविर दवा ब्लैक में देने गया था. उसी दौरान पुलिस को इसकी सूचना मिली, जिसके बाद उसे धर दबोचा गया.
पुलिस अधिकारियों का चहेता है राजीव
दवा की कालाबाजारी में राजीव नामक इस शख्स की गिरफ्तारी हुई है वह बड़े पुलिस अधिकारियों का चहेता है. मिली जानकारी के अनुसार राजीव बड़े पुलिस अधिकारियों सहित कई मंत्रियों के दरबार में अपना रसूख रखता है. अक्सर वह पुलिस मुख्यालय में भी नजर आता है.
लगातार जारी है कालाबाजारी
राज्य सरकार द्वारा सीधे निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के बावजूद इसकी कालाबाजारी हो रही है. ब्लैक मार्केट में इस दवाई की कीमत एक लाख तक ली जा रही है. इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह अस्पताल से बाहर कैसे आ रहा है.
दरअसल, कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में इस इंजेक्शन के इस्तेमाल किए जाने के बाद इसकी अचानक मांग बढ़ गई. वहीं, दूसरी तरफ आवश्यकता के अनुसार इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से इसकी कालाबाजारी हो रही है.