नई दिल्ली: आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के अनुसार झारखंड में अभी सीएम हेमंत सोरेन से पीएम मोदी (PM Modi is more popular than CM Hemant) अधिक चहेते हैं. सर्वे के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 29.8 प्रतिशत लोगों ने नाराजगी (Anger with CM Hemant Soren) व्यक्त की है, जबकि राज्य के 25.9 प्रतिशत लोग पीएम मोदी से असंतुष्ट (Anger with PM Modi) हैं.
यह एक आम सोच बन गई है कि वर्ष 2014 से जारी भाजपा की अविश्वसनीय चुनावी विजय का श्रेय वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को है. आइएएनएस-सीवोटर के सत्ता विरोधी ट्रैकर के ताजा सर्वे में एक तरफ जहां ज्यादातर राज्यों में वहां की सरकारों व निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों में नाराजगी है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की रेटिंग ऊंची बनी हुई है. हिंदी भाषी इलाकों में तो सामान्य है, लेकिन अन्य राज्यों में भी पीएम के खिलाफ नाराजगी का स्तर बहुत कम होना चकित करने वाला है।
तीन राज्यों छत्तीसगढ़ (6.7 प्रतिशत), दिल्ली (8.6 प्रतिशत), और पश्चिम बंगाल (9.8 प्रतिशत) के साथ मतदाताओं में पीएम मोदी के खिलाफ सबसे कम नाराजगी है. इनमें से प्रथम दो में तो पहले से लगाए गए अनुमान के मुताबिक ही लोगों का रूझान है, लेकिन पश्चिम बंगाल से आया लोगों का रूझान कुछ अलग ही संकेत कर रहा है. राज्य में सत्ता के सभी स्तरों, पंचायत से लेकर नगर निकायों तक में तृणमूल की मजबूत पकड़ व विधानसभा में ऐतिहासिक रूप से रिकार्ड विधायक होने के बावजूद, राष्ट्रीय सरकार की अपेक्षा राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर अधिक है.
इस बीच भाजपा के प्रभुत्व वाले कुछ राज्यों जैसे गोवा, झारखंड और कर्नाटक में वहां की सरकारों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी से औसत रूप से अधिक है.
सीवोटर के सर्वे के अलावा अन्य सर्वे एजेंसियों ने भी अपने सर्वे में यह बार-बार दिखाया है कि प्रधानमंत्री मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिया नेता बने हुए हैं. कोविड की दूसरी लहर के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में कुछ अस्थिरता आई थी, लेकिन वह सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में बरकरार रहे.
अब बात करते हैं मुख्यमंत्रियों की. आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भारत में शासन के सभी स्तरों पर सबसे कम विरोधी लहर का सामना करना पड़ा है. बघेल के बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. अगले 12 महीनों में मतदान वाले राज्यों में, हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान समेत अधिकतर अन्य मुख्यमंत्रियों को इस पैमाने पर कम स्थान दिया गया है.
सर्वे के अनुसार, छत्तीसगढ़ में केवल 6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ विचार व्यक्त किए हैं. इसके विपरीत, ट्रैकर के अनुसार, बघेल के पास सभी मुख्यमंत्रियों के मुकाबले ज्यादा समर्थन है. 2021 की इसी अवधि में किए गए ट्रैकर में भी बघेल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक थे, जिन्हें मतदाताओं के गुस्से का सबसे कम सामना करना पड़ा. बघेल के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं, जिनसे केवल 8.3 प्रतिशत उत्तरदाता नाराज हैं. तीसरे स्थान पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान है. उनके खिलाफ सिर्फ 9.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नाराजगी जाहिर की है.
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा चौथे स्थान पर हैं. सरमा के मुख्यमंत्री के कार्यकाल से 12.2 उत्तरदाता नाखुश है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पांचवें स्थान पर है. उनके खिलाफ केवल 12.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं के आपत्ति जतायी है.
सूची में सबसे नीचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, जिनसे 35.4 प्रतिशत उत्तरदाता नाराज हैं. गहलोत के बाद कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई हैं, उनके खिलाफ 33.1 फीसदी उत्तरदाताओं की नाराजगी सामने आई. वहीं बिहार में सीएम नीतीश कुमार से 32 फीसदी उत्तरदाता नाखुश हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल चौथे स्थान पर हैं. उनके मुख्यमंत्री पद पर 30.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विरोध जताया है. जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ 29.8 प्रतिशत उत्तदाताओं ने नाराजगी व्यक्त की है.
सर्वे के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के तहत दिल्ली मॉडल ऑफ गवर्नेंस के बारे में बहुत बात की गई है. इस बारे में ज्यादा बात नहीं की गई है कि कैसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री लो प्रोफाइल रखते हुए भी सत्ता विरोधी भावनाओं को इतने निचले स्तर पर रखते हैं, जिसे राजनीतिक पंडित रडार के नीचे कहते हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ ने सबसे कम बेरोजगारी दर से सभी को चौंका दिया. पूरे भारत में आईएएनएस सी-वोटर ट्रैकर्स में उत्तरदाताओं के लिए बेरोजगारी का मुद्दा सबसे ऊपर रहा है. हाल के सभी सर्वे में, चुनावी राज्यों में बेरोजगारी को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में दर्जा दिया गया.
आईएएनएस-सीवोटर गर्वनेंस ट्रैकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हर तिमाही में पच्चीस हजार से अधिक उत्तरदाताओं का इंटरव्यू लेता है. ट्रैकर 11 भाषाओं में चलाया जाता है. केंद्र, राज्य और हर राज्य में शासन की सत्ता विरोधी भावनाओं को मैप करता है. वर्तमान विश्लेषण जुलाई से सितंबर 2022 तक ट्रैकर डेटा का उपयोग करके किया जाता है. राष्ट्रीय स्तर पर एरर का मार्जिन प्लस या माइनस 3 प्रतिशत और क्षेत्रीय स्तर पर प्लस या माइनस 5 प्रतिशत है.