रांची: 30 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का तीन साल पूरा हो गया है. उनके पहले कार्यकाल की शुरूआत 26 मई 2014 को हुई थी. उस दौरान झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार थी. इसे भाजपा के लोग डबल इंजन की सरकार कहा करते थे. धरती आबा की इस भूमि को केंद्रीय योजनाओं का लॉन्चिंग पैड कहा जाने लगा था. यही वजह है कि साल 2014 से 2019 तक पीएम मोदी ने झारखंड से कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया था. सबका साथ, सबका विकास वाले बैनर-पोस्टर हर चौक-चौराहों पर दिखते थे. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तस्वीर बदल गयी. अब यहां डबल इंजन नहीं बल्कि जल, जंगल और जमीन के नारे गूंजते हैं. पिछले ढाई वर्षों में एक बार भी प्रधानमंत्री का पदार्पण नहीं हो पाया है. इस सवाल पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि हेमंत सरकार पहले आमंत्रित तो करे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं है कि पीएम मोदी यहां आएं. इनका काम है सिर्फ कोसना. कभी कोरोना के नाम पर तो कभी पेट्रोल-डीजल के नाम पर. फिर भी पीएम मोदी सुध लेने से नहीं चूकते. पिछले दिनों उन्होंने झारखंड के दो पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की थी. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र से आयुष्मान योजना की राशि मिलने के बाद भी राज्य सरकार पूरी योजना को ठप करने पर तुली हुई है.
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लेकिन सत्ताधारी दल झामुमो की दलील कुछ और है. पार्टी नेता विनोद पांडेय ने कहा कि सभी जानते हैं कि राज्य सरकार के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रही है. पीएम मोदी सिर्फ अपनी बात करते हैं. बकाये की बात की जाती है तो सिर्फ आश्वासन मिलता है. केंद्र सरकार सिर्फ बदले की भावना से काम कर रही है. केंद्र और भाजपा की एकमात्र कोशिश है कि सरकार को कैसे अस्थिर किया जाए. विनोद पांडेय ने राज्य के ताजा हालात का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को जितना अस्थिर करने में जोर लगाया जा रहा है, उतना सहयोग करने में लगाया जाता तो झारखंड का चेहरा कुछ और होता.
क्यों झारखंड कहलाता था केंद्र का लॉन्चिंग पैड: 2019 में विधानसभा चुनाव की रैलियों को छोड़ दें तो रघुवर सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में सितंबर तक पीएम मोदी 12 बार झारखंड आए. 23 सितंबर 2018 को उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक हेल्थ स्कीम यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ भगवान बिरसा की धरती से ही किया था. यह स्कीम भाजपा के चुनावी एजेंडे में टॉप पर रही. इस स्कीम की बदौलत गरीबों को पांच लाख तक के इलाज की सुविधा मिल रही है. इससे पहले 2 अक्तूबर 2015 को पीएम मोदी ने खूंटी में 2 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बने 180 किलोवाट की रूफटॉप सोलर सिस्टम का उद्धाटन किया था. खूंटी जिला न्यायालय सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला कोर्ट बना था.
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25 मई 2018 को पीएम मोदी धनबाद आए थे. तब उन्होंने सिंदरी खाद कारखाना, देवघर में एम्स, देवघर में एयरपोर्ट के अलावा चाईबासा और कोडरमा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था. उन्होंने पतरातू ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड की क्षमता विस्तार वाली योजनाओं की आधारिशला भी रखी थी. 21 जून 2019 को पीएम मोदी ने रांची के प्रभात तारा मैदान से पूरी दुनिया को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी थी. उनकी 20 जून की रात रांची के राजभवन में बीती थी. तब उनके स्वागत के लिए रांची की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ा था. लोग उनकी एक झलक के लिए बेकरार थे.
झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी रांची आए थे. उन्होंने राज्य की नवनिर्मित विधानसभा का उद्घाटन किया था. उनकी सरकार की बदौलत राज्य को 19 साल बाद किराए की विधानसभा से मुक्ति मिली थी. 2019 के विस चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जमशेदपुर, खूंटी, पलामू और संथाल में रैलियां कर अपने सरकार की उपलब्धियां गिनायी थी. 1 जनवरी 2021 को उन्होंने रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की ऑनलाइन आधारशिला रखी थी. इसके तहत गरीबों के लिए रांची में 1008 फ्लैट का निर्माण हो रहा है.