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झारखंड हाई कोर्ट में 2 नवंबर से फिजिकल कोर्ट होगी शुरू, रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से मांगा चॉइस - 2 नवंबर से झारखंड हाई कोर्ट खुलेगी

झारखंड हाई कोर्ट में 2 नवंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू हो रही है. इसे लेकर वकीलों की सहमति के लिए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिस जारी की है.

झारखंड हाई कोर्ट, Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Oct 24, 2020, 9:14 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में 2 नवंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू हो जाएगी. कोरोना संकट के बाद लगभग 8 महीने उपरांत हाई कोर्ट में फिजिकल अदालत लगेगी. इसके लिए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन के आदेश से हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से सहमति की मांग की है. उन्होंने नोटिस के माध्यम से अधिवक्ताओं से यह जानना चाहा है कि अधिवक्ता किस मामले में फिजिकल सुनवाई चाहते हैं, वह जिन मामले में फिजिकल सुनवाई चाहते हैं उसके लिए उस मामले से जुड़े सभी पक्ष यानी कि वादी और प्रतिवादीयों को लिखित सहमति देना होगा, उनके द्वारा दिए गए मांग और सहमति पत्र को हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा, उनकी सहमति के उपरांत मामले पर फिजिकल कोर्ट लगाया जाएगा. जब तक सभी पक्षों की सहमति नहीं होगी तब तक फिजिकल कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं की जाएगी.

बता दें कि कोरोना की वैश्विक संकट को देखते हुए और इससे बचाव को लेकर मार्च के अंतिम सप्ताह में हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट को बंद कर दिया गया था, बाद में मामले की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू किया गया, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई जारी रहेगी लेकिन वैसे मामले जिनमें अधिवक्ता चाहते हैं कि फिजिकल कोर्ट में ही ऐसे मामले की सुनवाई हो उस मामले पर सभी पक्षों की सहमति के उपरांत फिजिकल सुनवाई की जाएगी.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में 2 नवंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू हो जाएगी. कोरोना संकट के बाद लगभग 8 महीने उपरांत हाई कोर्ट में फिजिकल अदालत लगेगी. इसके लिए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन के आदेश से हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से सहमति की मांग की है. उन्होंने नोटिस के माध्यम से अधिवक्ताओं से यह जानना चाहा है कि अधिवक्ता किस मामले में फिजिकल सुनवाई चाहते हैं, वह जिन मामले में फिजिकल सुनवाई चाहते हैं उसके लिए उस मामले से जुड़े सभी पक्ष यानी कि वादी और प्रतिवादीयों को लिखित सहमति देना होगा, उनके द्वारा दिए गए मांग और सहमति पत्र को हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा, उनकी सहमति के उपरांत मामले पर फिजिकल कोर्ट लगाया जाएगा. जब तक सभी पक्षों की सहमति नहीं होगी तब तक फिजिकल कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं की जाएगी.

बता दें कि कोरोना की वैश्विक संकट को देखते हुए और इससे बचाव को लेकर मार्च के अंतिम सप्ताह में हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट को बंद कर दिया गया था, बाद में मामले की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू किया गया, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई जारी रहेगी लेकिन वैसे मामले जिनमें अधिवक्ता चाहते हैं कि फिजिकल कोर्ट में ही ऐसे मामले की सुनवाई हो उस मामले पर सभी पक्षों की सहमति के उपरांत फिजिकल सुनवाई की जाएगी.

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