रांची: झारखंड के 510 प्लस-2 स्कूलों में अब तक स्थायी प्राचार्यो की नियुक्ति नहीं हुई है. अतिरिक्त प्रभार के भरोसे इन स्कूलों में काम चलाया जा रहा है. वह भी हाई स्कूल के शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि वरीयता के आधार पर पीजीटी श्रेणी के शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है.
प्लस 2 स्कूलों में तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति
स्कूली और साक्षरता विभाग की ओर से साल 2012 में प्लस टू स्कूलों में प्राचार्य और उप प्राचार्य की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाई गई थी, लेकिन आज तक प्राचार्य और उप प्राचार्य का पद ही सृजित नहीं किया गया है. राज्य गठन के बाद अब तक प्लस 2 स्कूलों में तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन प्राचार्यो की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है. यह राज्य के लिए दुर्भाग्य ही है. जबकि, दूसरी तरफ राज्य के प्लस टू विद्यालय में विद्यालय का प्रभार देने से संबंधित कोई नियमावली है ही नहीं, जिसके कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से मनमाने ढंग से कनीय शिक्षकों को विद्यालय का प्रभार दे दिया जाता है.
ये भी पढ़ें-झारखंड में कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 1,01,287, अबतक 883 संक्रमितों की मौत
झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने उठाया सवाल
प्लस टू विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक सभी मामले में हाई स्कूल के शिक्षक से वरीय हैं. इसके बावजूद विद्यालय का प्रभार हाई स्कूल के शिक्षकों को दे दी जाती है. इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने नियमावली बनाने के लिए एक कमेटी भी गठित की थी, लेकिन कमेटी की ओर से रिपोर्ट सौंप दिए जाने के बावजूद भी इसे नियमावली बनाकर अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ की मानें तो जल्द इस मामले को लेकर नियमावली बनाकर लागू किया जाना चाहिए. ताकि, योग्य उम्मीदवारों को हक मिल सके. अरसे से इस मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन अब तक उनकी मांगों की ओर गौर नहीं किया गया है.