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वज्रपात में घायल लोगों का रिम्स में नहीं हो रहा इलाज, 5 में से 2 की हालत गंभीर

रांची के जामुन टोली में मंगलवार को वज्रपात से पांच लोग घायल हो गए थे. सभी घायलों को इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था, जिनमें से इलाज नहीं होने के कारण दो की हालत गंभीर बताई जा रही है.

वज्रपात में घायल लोगों का रिम्स में नहीं हो रहा इलाज
People injured in thunderclap not treated in RIMS
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Published : Aug 26, 2020, 9:08 PM IST

रांचीः राजधानी के नामकुम प्रखंड के जामुन टोली में मंगलवार को वज्रपात से पांच लोग घायल हो गए थे, जिसे इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था. इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. उनलोगों से मिलने के लिए बुधवार को जामुन टोली निवासी रिम्स पहुंचे.

घायलों से मुलाकात करने के बाद परिजनों ने बताया कि दोनों घायल, जिसमें मनीषा तिग्गा और कोईली तिग्गा की हालत अच्छी नहीं है, लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इन्हें घर ले जाने को कहा है. बाकी तीन घायल, जिसमें शिवम टोप्पो, निकिता टोप्पो और सुमित तिग्गा का इलाज कम घायल होने के कारण नहीं हो पाया था.

ये भी पढ़ें-राहुल गांधी बोले- जो महीनों से बोल रहा था, उसे अब आरबीआई ने माना

बुधवार को तीनों ने शरीर में दर्द और झनझनाहट की शिकायत की, जिसके बाद उनकी स्थिति को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को उनकी स्थिति से अवगत कराया गया और जरूरी स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया. प्रभारी ने सभी घायलों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. 5 घायलों में 2 की स्थिति अभी भी गंभीर बताई जा रही है. इस दौरान जिला परिषद ने नामकुम स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी को इन दोनों लोगों को उचित इलाज करने का निर्देश दिया है.

बता दें कि मॉनसून शुरू होते ही नामकुम प्रखंड के कई जगहों पर वज्रपात होती रहती है और हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन इस ओर सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया हैं. अभी ऐसी स्थिति है की इन पांचों लोगों के इलाज से रिम्स ने भी हाथ खड़ा कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है गरीबों का इलाज कैसे होगा.

रांचीः राजधानी के नामकुम प्रखंड के जामुन टोली में मंगलवार को वज्रपात से पांच लोग घायल हो गए थे, जिसे इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था. इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. उनलोगों से मिलने के लिए बुधवार को जामुन टोली निवासी रिम्स पहुंचे.

घायलों से मुलाकात करने के बाद परिजनों ने बताया कि दोनों घायल, जिसमें मनीषा तिग्गा और कोईली तिग्गा की हालत अच्छी नहीं है, लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इन्हें घर ले जाने को कहा है. बाकी तीन घायल, जिसमें शिवम टोप्पो, निकिता टोप्पो और सुमित तिग्गा का इलाज कम घायल होने के कारण नहीं हो पाया था.

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बुधवार को तीनों ने शरीर में दर्द और झनझनाहट की शिकायत की, जिसके बाद उनकी स्थिति को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को उनकी स्थिति से अवगत कराया गया और जरूरी स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया. प्रभारी ने सभी घायलों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. 5 घायलों में 2 की स्थिति अभी भी गंभीर बताई जा रही है. इस दौरान जिला परिषद ने नामकुम स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी को इन दोनों लोगों को उचित इलाज करने का निर्देश दिया है.

बता दें कि मॉनसून शुरू होते ही नामकुम प्रखंड के कई जगहों पर वज्रपात होती रहती है और हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन इस ओर सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया हैं. अभी ऐसी स्थिति है की इन पांचों लोगों के इलाज से रिम्स ने भी हाथ खड़ा कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है गरीबों का इलाज कैसे होगा.

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