रांची: राजधानी को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. इसी के तहत बने मॉड्यूलर टॉयलेट हाथी का दांत बन चुके हैं. वाहवाही लूटने के लिए रांची नगर निगम ने चौक-चौराहों पर लगभग 80 मॉडलर टॉयलेट का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये तमाम टॉयलेट दिखावा साबित हो रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने चौक-चौराहों पर लगे मॉड्यूलर टॉयलेट का जायजा लिया तो रांची की ओडीएफ की हकीकत सामने आ गई. यहां आधे से ज्यादा मॉड्यूलर टॉयलेट मेंटेनेंस के अभाव में धूल फांक रही है. जबकि कई ऐसे टॉयलेट थे जिनमें गंदगी का अंबार था. कई टॉयलेट में लगे नल से पानी तक नहीं आ रहा था. इसके साथ ही चारों तरफ बजबजाती गंदगी पसरी हुई थी. मजबूरन लोग सड़क के किनारे मॉड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल ना कर बाहर ही हल्का हो लेते हैं.
यहां से गुजरते हैं हाईप्रोफाइल लोग
ये तस्वीरें रातू रोड बाईपास की है. इसी सड़क से रोजाना मुख्यमंत्री सहित कई आला अधिकारियों का आना जाना होता है. मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी की वजह से ट्रैफिक पुलिस के जवान तक खुले में शौच जाने को बेबस हैं. मॉड्यूलर टॉयलेट हाथी के दांत साबित हो रहे हैं.
टॉयलेट बनाकर भूला निगम
एक तरफ सरकार खुले में शौच मुक्त करने के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही हैं जिसके लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. वहीं, वाहवाही लूटने के लिए रांची नगर निगम ने चौक चौराहों पर लगभग 80 मॉडलर टॉयलेट का निर्माण तो करा दिया है लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये तमाम टॉयलेट धूल फांक रहे हैं.
स्थानीय लोगों की परेशानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि मॉड्यूलर टॉयलेट के अंदर पहले से ही बदबूदार पानी भरा रहता है. शौचालय जाना भी पड़े तो दूर से ही बोतल में पानी भर कर लाना पड़ता है. एक ओर सरकार ने रांची को ओडीएफ घोषित कर दिया है लेकिन शौचालय में पानी नहीं होने की वजह से स्थिति फिर एक बार पहले जैसे ही नजर आने लगी है. बदबू के कारण टॉयलेट के आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इस गंदगी से कई बीमारी होने की आशंका से भी लोग परेशान हैं. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि वाहवाही लूटने के लिए कैसे राजधानी को कागजों में ओडीएफ घोषित तो कर दिया गया है लेकिन हकीकत में ये दावे गलत साबित हो रहे हैं.