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क्या झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से लोगों को मिल रहा लाभ? जानिए, इस रिपोर्ट के जरिए

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Published : Jun 9, 2022, 9:55 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्ट, सर्वजन पेंशन योजना. झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Pension Scheme in Jharkhand) लागू करने वाला देश का पहला राज्य है. योजना के शुरु हुए 6 महीने हो चुके हैं लेकिन क्या आम लोगों को इस पेंशन स्कीम से लाभ मिल रहा है. जानिए, ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट से.

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झारखंड

रांचीः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) शुरू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसे शुरू कर हेमंत सरकार इसे जरूरतमंदों का सुरक्षा कवच के रुप में मान रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू हुए 6 महीने हो चुके हैं. इसके तहत अब तक करीब 4 लाख लोगों को लाभ मिल चुका (benefits from Universal Pension Scheme) है.

इसे भी पढ़ें- जानिए झारखंड सरकार का क्या है यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, कौन-कौन होंगे लाभान्वित


झारखंड सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना शुरू की है. जिसके तहत अब सरकारी सेवकों की तरह हर महीने निर्धारित तारीख को एक हजार रुपया लाभुकों के खाते में पहुंच जाएंगे. इससे पहले केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा संचालित पेंशन योजना से करीब 17 लाख लोग जुड़े थे. सरकारी अनुमान के मुताबिक 60 से उपर के छुटे हुए करीब 25 लाख लोग हैं, जिन्हें किसी तरह का पेंशन नहीं मिलता है ऐसे सभी लोगों को इससे जोड़ने का लक्ष्य सरकार ने बनाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


योजना को लेकर जागरुकता का अभावः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाले हर माह पेंशन की जानकारी का अभाव लोगों में देखा जा रहा है. राजधानी के कडरू में रहने वाले मुश्ताक बताते हैं कि जागरुकता का अभाव होने की वजह से लोगों तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने अधिकारी को घर-घर जाकर इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने की मांग की है. इसी तरह डोरंडा के रहने वाले मो. सुजाउद्दीन भी मानते हैं कि कागज पर योजना अच्छी बन सकती है मगर जब तक जमीन पर इसे नहीं उतारा जाएगा तब तक लोगों को कैसे लाभ मिलेगा. यह योजना वाकई में अच्छी है जिसका लाभ गरीबों को मिल सकता है मगर जानकारी के अभाव में लोग आवेदन कहां करें कैसे करें इसकी जानकारी उनको नहीं है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्टः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को हेमंत सरकार जरूरतमंदों का सुरक्षा कवच के रुप में मान रही है. इस योजना को शुरू हुए 6 महीने पूरे हो चुके हैं. इसके तहत अब तक करीब 4 लाख लोगों को लाभ मिल चुका है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव इसे सरकार की महत्वपूर्ण कार्य बताते हुए कहा है कि इसका लाभ दिलाने के लिए अधिकारी घर घर जाएंगे और इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की उम्र से अधिक के वृद्धजन, 18 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की निराश्रित महिलाएं जिसमें विधवा एकल एवं परित्यक्ता तीनों को शामिल किया गया है उन्हें पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा. योजना के तहत 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के दिव्यांगजन एवं एचआईवी एड्स से पीड़ित सभी लोगों को सहायता राशि सरकार उपलब्ध कराएगी.

यूनिवर्सल पेंशन शुरू होने के बाद पेंशन योजना से राशन कार्ड या गरीबी रेखा के नीचे होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है. साथ ही पेंशन भुगतान के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का प्रावधान कर इस योजना के तहत प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक पेंशन की राशि सभी लाभुकों के खाते में पहुंचाने की वचनबद्धता दोहराई है.

रांचीः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) शुरू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसे शुरू कर हेमंत सरकार इसे जरूरतमंदों का सुरक्षा कवच के रुप में मान रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू हुए 6 महीने हो चुके हैं. इसके तहत अब तक करीब 4 लाख लोगों को लाभ मिल चुका (benefits from Universal Pension Scheme) है.

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झारखंड सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना शुरू की है. जिसके तहत अब सरकारी सेवकों की तरह हर महीने निर्धारित तारीख को एक हजार रुपया लाभुकों के खाते में पहुंच जाएंगे. इससे पहले केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा संचालित पेंशन योजना से करीब 17 लाख लोग जुड़े थे. सरकारी अनुमान के मुताबिक 60 से उपर के छुटे हुए करीब 25 लाख लोग हैं, जिन्हें किसी तरह का पेंशन नहीं मिलता है ऐसे सभी लोगों को इससे जोड़ने का लक्ष्य सरकार ने बनाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


योजना को लेकर जागरुकता का अभावः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाले हर माह पेंशन की जानकारी का अभाव लोगों में देखा जा रहा है. राजधानी के कडरू में रहने वाले मुश्ताक बताते हैं कि जागरुकता का अभाव होने की वजह से लोगों तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने अधिकारी को घर-घर जाकर इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने की मांग की है. इसी तरह डोरंडा के रहने वाले मो. सुजाउद्दीन भी मानते हैं कि कागज पर योजना अच्छी बन सकती है मगर जब तक जमीन पर इसे नहीं उतारा जाएगा तब तक लोगों को कैसे लाभ मिलेगा. यह योजना वाकई में अच्छी है जिसका लाभ गरीबों को मिल सकता है मगर जानकारी के अभाव में लोग आवेदन कहां करें कैसे करें इसकी जानकारी उनको नहीं है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्टः यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को हेमंत सरकार जरूरतमंदों का सुरक्षा कवच के रुप में मान रही है. इस योजना को शुरू हुए 6 महीने पूरे हो चुके हैं. इसके तहत अब तक करीब 4 लाख लोगों को लाभ मिल चुका है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव इसे सरकार की महत्वपूर्ण कार्य बताते हुए कहा है कि इसका लाभ दिलाने के लिए अधिकारी घर घर जाएंगे और इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की उम्र से अधिक के वृद्धजन, 18 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की निराश्रित महिलाएं जिसमें विधवा एकल एवं परित्यक्ता तीनों को शामिल किया गया है उन्हें पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा. योजना के तहत 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के दिव्यांगजन एवं एचआईवी एड्स से पीड़ित सभी लोगों को सहायता राशि सरकार उपलब्ध कराएगी.

यूनिवर्सल पेंशन शुरू होने के बाद पेंशन योजना से राशन कार्ड या गरीबी रेखा के नीचे होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है. साथ ही पेंशन भुगतान के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का प्रावधान कर इस योजना के तहत प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक पेंशन की राशि सभी लाभुकों के खाते में पहुंचाने की वचनबद्धता दोहराई है.

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