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साइकिल शेयरिंग से मिल रहा लोगों को फायदा, सेहत की सवारी के लिए होना होगा जागरूक - रांची न्यूज

राजधानी में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट से लोगों को काफी फायदा मिल रहा है. लोगों को सेहत का फायदा तो मिल ही रहा है. वहीं, आने जाने में साइकिल का उपयोग प्रदूषण कम करने में काफी सहयोगी साबित होगा. हालांकि राजधानीवासियों को इसके प्रति काफी जागरूक होने की जरूरत है.

साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट
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Published : May 20, 2019, 8:53 PM IST

रांचीः राजधानी में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट से लोगों को काफी फायदा मिल रहा है. पब्लिक साइकिल शेयरिंग वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए काफी फायदेमंद हो रहा है. साइकिल से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है. वहीं, दूसरी ओर इस तरह के लाभ होते हैं.

साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट

फ्री सर्विस खत्म होने से लोगों का रुझान हुआ कम

लोगों ने स्मार्ट साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट का 3 मार्च से 9 मार्च तक फ्री में खूब इस्तेमाल किया. हालांकि इस दौरान कई साइकिल क्षतिग्रस्त भी हुई तो वहीं, लोग इस साइकिल को अपने घर भी लेकर चले गए. जैसे ही 9 मार्च के बाद साइकिल शेयरिंग के लिए पैसे चुकाने पड़ने लगे तो लोगों में रुझान कम देखने को मिला. कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर लोग साइकिल शेयरिंग का खूब मजा उठा रहे हैं. पहले फेज में राजधानी रांची में 60 स्टेशन बनाए गए हैं जिसमें 600 साइकिल रखे गए हैं.

ट्रैफिक हुआ है कम

वहीं, स्मार्ट साइकिल के प्रति लोगों का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लोगों को सेहत की सवारी करने का मौका मिल रहा है. लोगों की मानें तो सरकार की ओर से बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना लाया गया है. लोग मॉर्निंग वॉक में अपनी सेहत बनाने के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक युवा और स्टूडेंट वर्ग के लोग साइकिल को उठाकर अपने ट्यूशन के लिए निकल जाते हैं. जो खासकर युवा वर्ग के लिए काफी फायदेमंद है इसके साथ शहर में बढ़ता ट्रैफिक कम हुआ है.

साइकिल स्टेशन पर मौजूद वॉलेंटियर अमित यादव ने बताया कि साइकिल शेयरिंग जब फ्री था तब स्टैंड पर एक भी साइकिल नजर नहीं आ रहे थे. अब जैसे ही इसके लिए भुगतान करना पड़ रहा है तो जिन्हें जरूरत होती है वही साइकिल का इस्तेमाल करते हैं. मोरहाबादी के इस स्टैंड पर लोगों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स है. फ्री ट्रायल था उस समय थोड़ा सी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा था. लोग साइकिल की सवारी भी कर रहे थे और अपने घर ले जा रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. ऐसी शिकायतें कुछ इलाकों से आ रही थी जिसे ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-प्रोफेसर पर छात्रा ने लगाया मारपीट का आरोप, कॉलेज में बवाल


बता दें कि शुरुआती 15 मिनट मुफ्त में लोग इस साइकिल की सवारी कर सकते हैं. वहीं, एक घंटे के बाद 5 रुपए लगता है. 2 घंटा के लिए 15 रुपए और दो घंटे की सवारी के बाद10 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से अतिरिक्त जुड़ता चला जाता है. इस स्मार्ट साइकिल की सवारी करने के लिए लोगों को अपने मोबाइल एप से सदस्यता लेनी होती है. एक महीने के लिए 200 रुपए और 1 साल के लिए 1000 चूकने पड़ते है. लोग अपनी सुविधा के हिसाब से मेंबरशिप ले सकते हैं. साइकिल स्टैंड में 24 घंटे साइकिल उपलब्ध है. लोगों की सुविधा को देखते हुए शहर के विभिन्न जगहों पर 60 स्टेशन बनाए गए हैं.

रांचीः राजधानी में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट से लोगों को काफी फायदा मिल रहा है. पब्लिक साइकिल शेयरिंग वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए काफी फायदेमंद हो रहा है. साइकिल से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है. वहीं, दूसरी ओर इस तरह के लाभ होते हैं.

साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट

फ्री सर्विस खत्म होने से लोगों का रुझान हुआ कम

लोगों ने स्मार्ट साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट का 3 मार्च से 9 मार्च तक फ्री में खूब इस्तेमाल किया. हालांकि इस दौरान कई साइकिल क्षतिग्रस्त भी हुई तो वहीं, लोग इस साइकिल को अपने घर भी लेकर चले गए. जैसे ही 9 मार्च के बाद साइकिल शेयरिंग के लिए पैसे चुकाने पड़ने लगे तो लोगों में रुझान कम देखने को मिला. कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर लोग साइकिल शेयरिंग का खूब मजा उठा रहे हैं. पहले फेज में राजधानी रांची में 60 स्टेशन बनाए गए हैं जिसमें 600 साइकिल रखे गए हैं.

ट्रैफिक हुआ है कम

वहीं, स्मार्ट साइकिल के प्रति लोगों का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लोगों को सेहत की सवारी करने का मौका मिल रहा है. लोगों की मानें तो सरकार की ओर से बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना लाया गया है. लोग मॉर्निंग वॉक में अपनी सेहत बनाने के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक युवा और स्टूडेंट वर्ग के लोग साइकिल को उठाकर अपने ट्यूशन के लिए निकल जाते हैं. जो खासकर युवा वर्ग के लिए काफी फायदेमंद है इसके साथ शहर में बढ़ता ट्रैफिक कम हुआ है.

साइकिल स्टेशन पर मौजूद वॉलेंटियर अमित यादव ने बताया कि साइकिल शेयरिंग जब फ्री था तब स्टैंड पर एक भी साइकिल नजर नहीं आ रहे थे. अब जैसे ही इसके लिए भुगतान करना पड़ रहा है तो जिन्हें जरूरत होती है वही साइकिल का इस्तेमाल करते हैं. मोरहाबादी के इस स्टैंड पर लोगों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स है. फ्री ट्रायल था उस समय थोड़ा सी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा था. लोग साइकिल की सवारी भी कर रहे थे और अपने घर ले जा रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. ऐसी शिकायतें कुछ इलाकों से आ रही थी जिसे ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-प्रोफेसर पर छात्रा ने लगाया मारपीट का आरोप, कॉलेज में बवाल


बता दें कि शुरुआती 15 मिनट मुफ्त में लोग इस साइकिल की सवारी कर सकते हैं. वहीं, एक घंटे के बाद 5 रुपए लगता है. 2 घंटा के लिए 15 रुपए और दो घंटे की सवारी के बाद10 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से अतिरिक्त जुड़ता चला जाता है. इस स्मार्ट साइकिल की सवारी करने के लिए लोगों को अपने मोबाइल एप से सदस्यता लेनी होती है. एक महीने के लिए 200 रुपए और 1 साल के लिए 1000 चूकने पड़ते है. लोग अपनी सुविधा के हिसाब से मेंबरशिप ले सकते हैं. साइकिल स्टैंड में 24 घंटे साइकिल उपलब्ध है. लोगों की सुविधा को देखते हुए शहर के विभिन्न जगहों पर 60 स्टेशन बनाए गए हैं.

Intro:रांची
डे प्लान...स्पेशल
बाइट--अमित यादव वॉलिंटियर साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट
बाइट--शहरवासी महिला

राजधानी रांची में बायसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत लोग साइकिल शेयरिंग से लोगों को काफी फायदा मिल रहा है ।बहुप्रतीक्षित पब्लिक बाइसाइकिल शेयरिंग वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए काफी फायदेमंद होगा क्योंकि साइकिल से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है वहीं दूसरी ओर इस से कई तरह के लाभ होते हैं। राजधानी रांची के लोग
स्मार्ट साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट का 3 मार्च से 9 मार्च तक इसका फ्री में खूब इस्तेमाल किए इस दौरान कई साइकिल क्षतिग्रस्त भी हुए तो वही लोग इस साइकिल को अपने घर भी ले गए थे लेकिन जैसे ही 9 मार्च के बाद साइकिल शेयरिंग के लिए पैसे चुकाने पढ़ने लगे तो लोगों में रुझान कम देखने को मिला।लेकिन अब ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर लोग साइकिल शेयरिंग का खूब मजा उठा रहे है।पहले फेज में राजधानी रांची में 60 स्टेशन बनाए गए हैं जिसमें 600 साइकिल रखे गए हैं




Body: स्मार्ट साइकिल के प्रति लोगों का खास उत्साह देखने को मिल रहा है जिसके कारण लोगों को सेहत की सवारी करने का मौका मिल रहा है। लोगों की माने तो सरकार की ओर से बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना लाया गया है। लोग मॉर्निंग वॉक में अपनी सेहत बनाने के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं यहां तक युवा और स्टूडेंट वर्ग के लोग साइकिल को उठाकर अपनो ट्यूशन में निकल जा रहे हैं। जो खासकर युवा वर्ग के लिए काफी फायदेमंद है इसके साथ साथ शहर में बढ़ता ट्रैफिक कम हो है।

साइकिल स्टेशन पर मौजूद वालंटियर अमित यादव ने बताया कि फ्री था तब स्टैंड पर एक भी साइकिल नजर नहीं आ रहे थे लेकिन अब जैसे ही इसके लिए भुगतान करना पड़ रहा है तो इसमें जो लोग को जरूरत है वही लोग साइकिल का इस्तेमाल कर रहा है मोरबादी के इस स्टैंड पर लोगों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स है। फ्री ट्रायल था उस समय थोड़ा सा मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा था लोग साइकिल की सवारी भी कर रहे थे और अपने घर ले जा रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। ऐसी शिकायत कुछ इलाकों से आ रही थी जिसे ब्लैक लिस्ट भी कर दी गई है।




Conclusion:शुरुआती 15 मिनट मुफ्त में लोग इस साइकिल की सवारी कर सकते हैं इसकी एक घंटा के बाद ₹5 रेंट लगेगा 2 घंटा के लिए 15 रुपैया वही दो घंटा के सवारी के बाद ₹10 प्रति घंटे के हिसाब से अतिरिक्त जोड़ता चला जाएगा। इस स्मार्ट साइकिल की सवारी करने के लिए लोगों को अपने मोबाइल एप से सदस्यता लेनी होगी जिसके तहत के और एक महीने के लिए ₹200 और 1 साल के लिए 1000 चूकना पड़ेगा लोगो अपनी सुविधा के हिसाब से मेंबर शिप ले सकेंगे।साइकिल स्टैंड में 24 घंटे साइकिल उपलब्ध है लोगों की सुविधा को देखते हुए शहर के विभिन्न जगहों पर 60 स्टेशन बनाए गए हैं
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