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Internet Service Disrupted in RIMS: इंटरनेट सेवा बंद होने से रिम्स में नहीं कटी पर्ची, मरीज रहे परेशान, धरना पर बैठे मरीज के परिजन

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में समस्याओं का अंबार है. यहां किसी ना किसी वजह से आए दिन मरीजों को परेशानी होती रहती है. सोमवार को भी मरीज इंटरनेट सेवा बाधित होने की वजह से परेशान रहे.

Patients in RIMS were upset due to shutdown of internet service
Patients in RIMS were upset due to shutdown of internet service
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Published : Feb 20, 2023, 9:17 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 9:41 PM IST

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रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. सबसे ज्यादा समस्या उस वक्त हो जाती है, जब रिम्स में इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बाधित हो जाती है और मरीजों का निबंधन होना बंद हो जाता है. कुछ ऐसे ही स्थिति सोमवार को रिम्स में देखने को मिली. सुबह 9:00 बजे से ही रिम्स में इंटरनेट सेवा बंद हो गई. जिस वजह से एडमिशन कराने वाले मरीजों को पर्ची कटाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा.

इंटरनेट सेवा बंद होने की जैसे ही सूचना रिम्स प्रबंधन को मिली वैसे ही प्रबंधन की तरफ से सभी कर्मचारियों को मैनुअल तरीके से काम करने का निर्देश दिया गया, लेकिन मरीजों की बढ़ती भीड़ की वजह से मैनुअल तरीके से भी पर्ची काटना मुश्किल हो रहा था. गोड्डा से आए मरीज के परिजन संतोष कुमार ने बताया कि पर्ची नहीं कटने के कारण सभी जांच बाधित हो गए हैं. क्योंकि पर्ची कटने के बाद ही पैसे जमा होते हैं और उसके बाद जांच केंद्रों पर जांच हो पाती है. वह पिछले 4 घंटे से खड़े हैं लेकिन अभी तक उनकी पर्ची नहीं कटी है. इसीलिए मजबूरन उन्हें बाहर जाकर निजी जांच केंद्रों पर जांच करानी पड़ रही है.

बोकारो से अपने मरीज का इलाज कराने पहुंचे निकेतन कुमार ने बताया कि रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है लेकिन यहां पर आए दिन इंटरनेट सेवा बाधित हो जाती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. कई मरीज आंसू बहा कर वापस लौटने को मजबूर हो गए तो वहीं कई मरीजों को निजी जांच घरों में जाकर जांच कराने पर रहे हैं. मरीज के परिजनों ने बताया कि जो जांच रिम्स में 300 से 400 रूपये तक होते हैं, उसी जांच की कीमत गरीब मरीजों को निजी जांच घरों में हजार रुपए से 1200 रूपये तक देने पड़ रहे हैं.

जांच के लिए कैश काउंटर पर पर्ची कटाने आए मरीज के परिजनों ने बताया कि जब घंटों तक इंटरनेट सेवा बहाल नहीं हुई तो लाइन में खड़े सभी मरीज धरना पर बैठ गए. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए इंटरनेट सेवा बहाल तो हुई लेकिन फिर कुछ ही देर में इंटरनेट को बंद कर दिया गया. वहीं पूरे मामले पर रिम्स प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि रिम्स में नेपाल हाउस से इंटरनेट सेवा दी जाती है. जिसके लिए केबलिंग की गई है लेकिन सोमवार को केबल वायर में दिक्कत आने की वजह से बार-बार इंटरनेट सेवा बाधित हो रही है. डॉ राजीव रंजन ने बताया कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों से बात की गई है, उम्मीद है कि जल्द रिम्स में पूर्व की तरह इंटरनेट सेवा बहाल हो जाएगी.

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रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. सबसे ज्यादा समस्या उस वक्त हो जाती है, जब रिम्स में इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बाधित हो जाती है और मरीजों का निबंधन होना बंद हो जाता है. कुछ ऐसे ही स्थिति सोमवार को रिम्स में देखने को मिली. सुबह 9:00 बजे से ही रिम्स में इंटरनेट सेवा बंद हो गई. जिस वजह से एडमिशन कराने वाले मरीजों को पर्ची कटाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा.

इंटरनेट सेवा बंद होने की जैसे ही सूचना रिम्स प्रबंधन को मिली वैसे ही प्रबंधन की तरफ से सभी कर्मचारियों को मैनुअल तरीके से काम करने का निर्देश दिया गया, लेकिन मरीजों की बढ़ती भीड़ की वजह से मैनुअल तरीके से भी पर्ची काटना मुश्किल हो रहा था. गोड्डा से आए मरीज के परिजन संतोष कुमार ने बताया कि पर्ची नहीं कटने के कारण सभी जांच बाधित हो गए हैं. क्योंकि पर्ची कटने के बाद ही पैसे जमा होते हैं और उसके बाद जांच केंद्रों पर जांच हो पाती है. वह पिछले 4 घंटे से खड़े हैं लेकिन अभी तक उनकी पर्ची नहीं कटी है. इसीलिए मजबूरन उन्हें बाहर जाकर निजी जांच केंद्रों पर जांच करानी पड़ रही है.

बोकारो से अपने मरीज का इलाज कराने पहुंचे निकेतन कुमार ने बताया कि रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है लेकिन यहां पर आए दिन इंटरनेट सेवा बाधित हो जाती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. कई मरीज आंसू बहा कर वापस लौटने को मजबूर हो गए तो वहीं कई मरीजों को निजी जांच घरों में जाकर जांच कराने पर रहे हैं. मरीज के परिजनों ने बताया कि जो जांच रिम्स में 300 से 400 रूपये तक होते हैं, उसी जांच की कीमत गरीब मरीजों को निजी जांच घरों में हजार रुपए से 1200 रूपये तक देने पड़ रहे हैं.

जांच के लिए कैश काउंटर पर पर्ची कटाने आए मरीज के परिजनों ने बताया कि जब घंटों तक इंटरनेट सेवा बहाल नहीं हुई तो लाइन में खड़े सभी मरीज धरना पर बैठ गए. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए इंटरनेट सेवा बहाल तो हुई लेकिन फिर कुछ ही देर में इंटरनेट को बंद कर दिया गया. वहीं पूरे मामले पर रिम्स प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि रिम्स में नेपाल हाउस से इंटरनेट सेवा दी जाती है. जिसके लिए केबलिंग की गई है लेकिन सोमवार को केबल वायर में दिक्कत आने की वजह से बार-बार इंटरनेट सेवा बाधित हो रही है. डॉ राजीव रंजन ने बताया कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों से बात की गई है, उम्मीद है कि जल्द रिम्स में पूर्व की तरह इंटरनेट सेवा बहाल हो जाएगी.

Last Updated : Feb 20, 2023, 9:41 PM IST
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