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नर्स और डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत, बेटे ने लगाया रिम्स प्रबंधन पर आरोप

रिम्स में नर्स की लापरवाही के कारण मरीज की मौत का मामला सामने आया है. मृतका के परिजनों ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाया है. हालांकि प्रबंधन आरोपों को निराधार बता रहा है.

रिम्स
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Published : Sep 6, 2019, 2:56 AM IST

Updated : Sep 6, 2019, 7:29 AM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मरीज के इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि नर्स की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई है.

दरअसल, सोमवार को धुर्वा निवासी मरीज पूनम देवी के ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के होने के 3 दिन के बाद मरीज को होश आया. मरीज के पुत्र सत्यजीत ने बताया कि होश आने के बाद गुरुवार की अहले सुबह मरीज पूनम देवी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद हमने वार्ड में मौजूद नर्सों से गुहार लगाई. लेकिन किसी भी नर्स ने मरीज की तबीयत पर कोई ध्यान नहीं दिया.

मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ते देख मरीज के बेटे सत्यजीत ने डॉक्टर के पास जाने की कोशिश की, लेकिन वार्ड में किसी डॉक्टर के मौजूद नहीं रहने की वजह से उसकी मां की तबीयत और भी खराब होने लगी. इसके बाद उसने आसपास के लोगों से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाई. उसकी लाचारगी को देख एक गार्ड ने बताया कि रात्रि शिफ्ट के डॉक्टर बगल के कमरे में सोये हुए हैं. इसके बाद मरीज ने डॉक्टर से मां के इलाज की गुहार लगाई. इसके बाद डॉक्टर ने दवाई दी और उनकी तबीयत ठीक हो गई.

इसके बाद फिर सुबह अचानक उसकी मां पूनम देवी की तबीयत खराब होने लगी. नर्स के कहने के बाद भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया और मरीज की मौत हो गई. इस पूरे मामले पर न्यूरो विभाग के हेड सीबी सहाय ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. डॉक्टर सीबी साह ने बताया कि मरीज पूनम देवी की पहले से ही खून की नली फटी हुई थी. वहीं, इसको लेकर रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने बताया कि अगर इस तरह की लापरवाही ड्यूटी में तैनात नर्स और डॉक्टरों की तरफ से की गई है तो वैसे डॉक्टर और नर्सों पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मरीज के इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि नर्स की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई है.

दरअसल, सोमवार को धुर्वा निवासी मरीज पूनम देवी के ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के होने के 3 दिन के बाद मरीज को होश आया. मरीज के पुत्र सत्यजीत ने बताया कि होश आने के बाद गुरुवार की अहले सुबह मरीज पूनम देवी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद हमने वार्ड में मौजूद नर्सों से गुहार लगाई. लेकिन किसी भी नर्स ने मरीज की तबीयत पर कोई ध्यान नहीं दिया.

मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ते देख मरीज के बेटे सत्यजीत ने डॉक्टर के पास जाने की कोशिश की, लेकिन वार्ड में किसी डॉक्टर के मौजूद नहीं रहने की वजह से उसकी मां की तबीयत और भी खराब होने लगी. इसके बाद उसने आसपास के लोगों से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाई. उसकी लाचारगी को देख एक गार्ड ने बताया कि रात्रि शिफ्ट के डॉक्टर बगल के कमरे में सोये हुए हैं. इसके बाद मरीज ने डॉक्टर से मां के इलाज की गुहार लगाई. इसके बाद डॉक्टर ने दवाई दी और उनकी तबीयत ठीक हो गई.

इसके बाद फिर सुबह अचानक उसकी मां पूनम देवी की तबीयत खराब होने लगी. नर्स के कहने के बाद भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया और मरीज की मौत हो गई. इस पूरे मामले पर न्यूरो विभाग के हेड सीबी सहाय ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. डॉक्टर सीबी साह ने बताया कि मरीज पूनम देवी की पहले से ही खून की नली फटी हुई थी. वहीं, इसको लेकर रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने बताया कि अगर इस तरह की लापरवाही ड्यूटी में तैनात नर्स और डॉक्टरों की तरफ से की गई है तो वैसे डॉक्टर और नर्सों पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.

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राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मरीज के इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है।


पूरे मामले पर परिजन का आरोप है कि कई बार कहने के बावजूद भी नर्स द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण से मरीज की मौत हो गई।
Body:सोमवार को धुर्वा निवासी मरीज पूनम देवी के ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ था।

ऑपरेशन के होने के 3 दिन के बाद मरीज को होश आया और मरीज पूनम देवी ने अपनी आंखें खोली। जिससे मरीज के परिजनों में एक आस जग गई।

मरीज़ के पुत्र सत्यजीत ने बताया कि होश आने के बाद गुरुवार की अहले सुबह मरीज पूनम देवी की तबियत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद हमने वार्ड में मौजूद नर्सों से गुहार लगाई, लेकिन अहले सुबह होने की वजह से किसी नर्स ने मरीज की तबीयत को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया।

मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ते देख मरीज के बेटे सत्यजीत ने डॉक्टर के पास जाने की कोशिश की, लेकिन वार्ड में किसी डॉक्टर के मौजूद नहीं रहने की वजह से उसकी मां की तबीयत और भी खराब होने लगी जिसके बाद उसने आसपास के लोगों से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाई।

उसकी लाचारगी को देख एक गार्ड ने बताया कि रात्रि शिफ्ट के डॉक्टर बगल के कमरे में सोये हुए है, जिसके बाद मरीज ने डॉक्टर से गुहार लगाते हुए उसे अपनी मां की इलाज करने की बात कही।

वहीं डॉक्टर ने भी मरीज के बेटे का दर्द देख उसकी मां को बीपी कंट्रोल करने की दवा दी, जिसके बाद मरीज में सुधार दिखा।

लेकिन फिर सुबह अचानक उसकी मां पूनम देवी की तबीयत खराब होने लगी, सुबह लगभग 7 बजे दोबारा नर्स से मरीज ने अपनी गुहार लगाई।

लेकिन यह भी मरीज की गुहार सुनने के बाद भी लापरवाही का आलम दिखाया, जिससे मरीज की हालत और भी खराब हो गई और डॉक्टर एवं नर्स की लापरवाही के वजह से मरीज पूनम देवी की मौत हो गई।Conclusion:वहीं पूरे मामले पर न्यूरो विभाग के हेड सीबी सहाय ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है, डॉक्टर सी बी साह ने बताया कि मरीज पूनम देवी का पहले से ही खून की नली फटी हुई थी, इस वजह से मरीज को हाइपरटेंसिब बिल्डिंग के कारण मौत हुई है।

इसको लेकर रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने बताया कि अगर इस तरह की लापरवाही ड्यूटी में तैनात नर्स और डॉक्टरों की तरफ से की गई है तो वैसे डॉक्टर और नर्सों पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

गौरतलब है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आए दिन डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही की वजह से कई मरीज अपने मां, बेटे एवं परिवार के अभिन्न अंग को खो बैठते हैं ।

लेकिन रिम्स प्रबंधन इसको लेकर कोई कार्रवाई करते नजर नहीं आते हैं जो कहीं ना कहीं रिम्स प्रबंधन की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
Last Updated : Sep 6, 2019, 7:29 AM IST
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