रांचीः झारखंड का गठन होने के तकरीबन दो दशक के बाद प्रदेश सरकार अब अपना प्रतीक चिन्ह (लोगो) बदलने जा रही है. नए प्रतीक चिन्ह के मॉडल को प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है पर इससे पहले 22 जुलाई को स्वीकृत लोगो में आंशिक बदलाव किया जाएगा. 14 अगस्त को नए प्रतीक चिन्ह की औपचारिक घोषणा किए जाने की उम्मीद है.
हिंदी में लिखे झारखंड सरकार को किया जाएगा ऊपर
सूत्रों की मानें तो कैबिनेट से स्वीकृत लोगों में हिंदी में लिखे झारखंड सरकार को अब सबसे ऊपर किया जाएगा. वहीं प्रतीक चिन्ह में पलाश के फूल और राजकीय पशु हाथी की संख्या पर भी अभी निर्णय लिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो कैबिनेट की मीटिंग के बाद सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने कथित रूप से हाथी के रंग को लेकर आपत्ति जाहिर की थी.
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इसलिए रंग पर आपत्ति
दरअसल प्रस्तावित लोगो में हाथी का रंग सफेद दर्शाया गया है. सफेद हाथी का वास्तविक अर्थ ऐसी वस्तु से होता है जो बहुमूल्य हो लेकिन बहुपयोगी न हो. इस कारण कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने इसके रंग को लेकर आपत्ति जताई थी. हाथी के रंग के विकल्प पर विचार भी किया गया, लेकिन सफेद हाथी पर ही सहमति बनी.
हाथी और पलाश के फूल की संख्या होगी निर्धारित
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिस तरह अशोक चक्र में 24 तीलियों की संख्या निर्धारित है, उसी तरह का फार्मूला झारखंड के लोगों में भी हाथी और पलाश के फूलों की संख्या तय करने की योजना बनाई गई है. इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि 15 अगस्त को नया लोगो राज्य के लोगों के बीच पेश कर दिया जाएगा.
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ऐसा होगा झारखंड सरकार का नया लोगो
नए लोगो के केंद्र में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में चक्र युक्त अशोक स्तंभ है, वहीं 6 परिधि के अंतर्गत पड़ने वाले अशोक स्तंभ के बाहर प्रकृति और समृद्धि का मेल दर्शाया गया है. राज्य चिन्ह का विन्यास चक्राकार होगा जो राज्य की प्रगति का द्योतक होगा. वहीं उसके बीच में उपयोग किया गया हरा रंग झारखंड की हरियाली धरती और वनसंपदा का प्रतीक होगा.
पुराने लोगो से इस तरह अलग होगा नया प्रतीक चिन्ह
राज्य के नए लोगो में हाथी का भी चित्रण किया गया है, जो राज्य के ऐश्वर्य को दर्शाएगा. साथ ही राज्य चिन्ह में प्रयोग किया गया पलाश का फूल झारखंड के अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य का परिचायक होगा. वहीं वृत्ताकार खंडों के बीच चौरा चित्रकारी प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा. दरअसल पुराने प्रतीक चिन्ह में अशोक चक्र बीच में था, जबकि चारों तरफ हरे रंग से अंग्रेजी अल्फाबेट जी लिखा हुआ था.