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निजी स्कूलों के खिलाफ 'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम की शुरुआत, जानिए क्या है पूरा कार्यक्रम - parent union protest

झारखंड में निजी स्कूलों की मनमाना फीस वसूली के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ ने 'सात वार सात गुहार' अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत एक जुलाई से 7 जुलाई तक राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया जाएगा. इसी को लेकर गुरुवार को अभिभावक संघ ने डीसी कार्यालय में मौन प्रदर्शन किया और प्रशासन से गुहार लगाई की कोरोना काल में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए डीसी कदम उठाएं.

'Saat Vaar Saat Guhaar'
'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम की शुरुआत,
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Published : Jul 1, 2021, 7:39 PM IST

रांची: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का विरोध जारी है. इसी को लेकर गुरूवार को 'सात वार सात गुहार' अभियान की शुरुआत की गई जिसमें सभी जिला मुख्यालयों पर स्कूलों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड अभिभावक संघ का 7 वार 7 गुहार कार्यक्रम, रांची डीसी के यू-टर्न के खिलाफ आंदोलन

क्या है 'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम?

झारखंड अभिभावक संघ ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में 1 जुलाई से 7 जुलाई तक शांतिपूर्ण आंदोलन चलाए जाने की रूपरेखा तैयार की है. इसके तहत एक जुलाई को जिले के उपायुक्त कार्यालय के सामने मौन प्रदर्शन, दो जुलाई को स्कूलों के सामने मौन प्रदर्शन, तीन जुलाई को जनप्रतिनिधियों के घर के सामने प्रदर्शन, 4 जुलाई को मीडिया से सहयोग के लिए मौन आग्रह, पांच जुलाई को निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रमुख चौक चौराहों पर मौन प्रदर्शन, 6 जुलाई को डिजिटल रोष प्रदर्शन और सात जुलाई को एक लाख पोस्टकार्ड राज्यपाल को प्रेषित किए जाने की योजना है.

'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम की शुरुआत, देखें पूरी खबर

प्रदर्शन में कोविड नियमों का पालन

झारखंड अभिभावक संघ पूरे कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन को पालन करेगा, गुरूवार को भी डीसी ऑफिस में प्रदर्शन के दौरान इसका पालन किया गया और सिर्फ 5 लोग ही मौन प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे.

अभिभावक संघ की क्या है मांग?

संघ के अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं और बच्चों को स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो गया है. कई स्कूल ट्यूशन फीस के अलावे अन्य मदों में कई चार्ज ले रहे हैं जिससे अभिभावक पीड़ित हैं. उन्होंने कहा डीसी के पहले के आदेश को लागू किए जाना चाहिए जिसमें कहा गया था कि ट्यूशन फीस के अलावे कोई दूसरा फीस न ली जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कोरोना काल में कई बच्चों ने अपने मां-बाप को खोया है ऐसे मे उन बच्चों का पठन-पाठन फ्री में होना चाहिए. उन्होंने कहा जिला प्रशासन भी इस मसले में संवेदनशील नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हैं कि वो इस दिशा में ठोस पहल करें. इसके अलावे संघ ने शिक्षा अधिनियम 2017 के तहत जिले के सभी स्कूलों में फीस निर्धारण समिति के गठन की मांग की है.

रांची: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का विरोध जारी है. इसी को लेकर गुरूवार को 'सात वार सात गुहार' अभियान की शुरुआत की गई जिसमें सभी जिला मुख्यालयों पर स्कूलों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड अभिभावक संघ का 7 वार 7 गुहार कार्यक्रम, रांची डीसी के यू-टर्न के खिलाफ आंदोलन

क्या है 'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम?

झारखंड अभिभावक संघ ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में 1 जुलाई से 7 जुलाई तक शांतिपूर्ण आंदोलन चलाए जाने की रूपरेखा तैयार की है. इसके तहत एक जुलाई को जिले के उपायुक्त कार्यालय के सामने मौन प्रदर्शन, दो जुलाई को स्कूलों के सामने मौन प्रदर्शन, तीन जुलाई को जनप्रतिनिधियों के घर के सामने प्रदर्शन, 4 जुलाई को मीडिया से सहयोग के लिए मौन आग्रह, पांच जुलाई को निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रमुख चौक चौराहों पर मौन प्रदर्शन, 6 जुलाई को डिजिटल रोष प्रदर्शन और सात जुलाई को एक लाख पोस्टकार्ड राज्यपाल को प्रेषित किए जाने की योजना है.

'सात वार सात गुहार' कार्यक्रम की शुरुआत, देखें पूरी खबर

प्रदर्शन में कोविड नियमों का पालन

झारखंड अभिभावक संघ पूरे कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन को पालन करेगा, गुरूवार को भी डीसी ऑफिस में प्रदर्शन के दौरान इसका पालन किया गया और सिर्फ 5 लोग ही मौन प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे.

अभिभावक संघ की क्या है मांग?

संघ के अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं और बच्चों को स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो गया है. कई स्कूल ट्यूशन फीस के अलावे अन्य मदों में कई चार्ज ले रहे हैं जिससे अभिभावक पीड़ित हैं. उन्होंने कहा डीसी के पहले के आदेश को लागू किए जाना चाहिए जिसमें कहा गया था कि ट्यूशन फीस के अलावे कोई दूसरा फीस न ली जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कोरोना काल में कई बच्चों ने अपने मां-बाप को खोया है ऐसे मे उन बच्चों का पठन-पाठन फ्री में होना चाहिए. उन्होंने कहा जिला प्रशासन भी इस मसले में संवेदनशील नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हैं कि वो इस दिशा में ठोस पहल करें. इसके अलावे संघ ने शिक्षा अधिनियम 2017 के तहत जिले के सभी स्कूलों में फीस निर्धारण समिति के गठन की मांग की है.

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