रांची: राज्य सरकार के आदेश का अवहेलना करने वाले पारा शिक्षकों को एक माह का वेतन नहीं मिलेगा. पारा शिक्षकों ने जुलाई महीने में अपने आंदोलन के तहत बायोमैट्रिक्स उपस्थिति और ज्ञान सेतु कार्यक्रम का विरोध किया था और बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बना रहे थे. जिन पारा शिक्षकों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति के तहत अपना हाजिरी नहीं बनाया है .उन पारा शिक्षकों के जुलाई महीने का वेतन विभाग ने रोक दिया है.
बायोमेट्रिक उपस्थिति और ज्ञान सेतु जैसे कार्यक्रम का विरोध
पारा शिक्षकों ने जुलाई में राज्य सरकार के खिलाफ दोबोरा आंदोलन की शुरुआत की थी. आंदोलन के प्रथम चरण में शिक्षकों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति और ज्ञान सेतु जैसे कार्यक्रम का विरोध किया था. अनट्रेंड पारा शिक्षकों के हटाने के निर्णय के कारण यह आंदोलन दोबारा शुरू किया था. इस दिशा में अब तक राज्य सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है. इसे लेकर लगातार गतिरोध जारी है, जबकि राज्य सरकार के एक आदेश के तहत बायोमैट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य किया गया है.
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ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षक माने गए अनुपस्थित
आदेश के बाद भी जो पारा शिक्षक बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बना रहे हैं. उनके मानदेय का भुगतान सरकार ने रोक दिया है. जुलाई महीने के मानदेय भुगतान के लिए अटेंडेंटस से संबंधित एक रिपोर्ट भी तैयार किया गया है और इस रिपोर्ट के तहत ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षक अनुपस्थित माने गए हैं. इस सूची में शामिल सभी शिक्षकों को जुलाई का मानदेय नहीं देने का निर्णय लिया गया है.
शिक्षा विभाग ने एक महीने का मानदेय नहीं देने का लिया निर्णय
ऐसे हजारों शिक्षक हैं जो आंदोलन के दौरान भी निर्देश के तहत अटेंडेंस बना रहे हैं. 51 हजार पंजीकृत पारा शिक्षकों में से लगभग 42 हजार 512 पारा शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी बना रहे थे. बाकी बचे पारा शिक्षकों को अनुपस्थित मानकर शिक्षा विभाग ने एक महीने का मानदेय नहीं देने का निर्णय लिया है. इसके खिलाफ आंदोलन जोर पकड़ने का संकेत जरूर मिल रहा है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि अब पारा शिक्षक दो गुटों में बंट चुका है. ऐसे में इनका आंदोलन कितना जोरदार होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.