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झारखंड विधानसभा में 2584 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश, विपक्षी दलों ने साधा निशाना - विधायक भानु प्रताप शाही का हेमंत सरकार पर निशाना

झारखंड मानसून सत्र शुरू हो गया है. सत्र के पहले ही दिन 2584 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया है. इसे लेकर बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अनुपूरक बजट किस-किस खर्च के लिए लाया गया है यह गोपनीय है.

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झारखंड विधानसभा
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Published : Sep 18, 2020, 6:26 PM IST

रांची: झारखंड मानसून सत्र के पहले दिन झारखंड विधानसभा में 2584 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया है. सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि सरकार ने सिर्फ अनुपूरक बजट पेश करने के लिए बजट सत्र का आह्वान किया है, क्योंकि अगर सत्र छोटा होता है तो सरकार को फायदा होता है और सत्र लंबा होने से जनता को फायदा होता है, क्योंकि जनता की समस्याएं सदन में आती है, जिसे पूरा किया जाता है.

अनुपूरक बजट पर प्रतिक्रिया

भानु प्रताप शाही ने कहा कि कैबिनेट की बैठक कर सत्र बड़ा भी किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने केवल अनुपूरक बजट पेश करने के लिए सत्र को बुलाया है, जिसका विपक्षी दल विरोध करती है. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी, भुखमरी, उग्रवाद, सहायक पुलिसकर्मी के आंदोलन जैसे कई मुद्दे हैं, खासकर कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार पूरी तरह से फेल है, जिसका जवाब सरकार को सदन में देना चाहिए, लेकिन उन जवाबों से बचने के लिए ही सत्र को छोटा किया गया है. उन्होंने कहा कि मूल बजट का एक रुपए भी खर्च नहीं किया गया है, ऐसे में सरकार की ओर से अनुपूरक बजट लाने के फैसले को जनता स्पष्ट रूप से समझ चुकी है.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का पूर्व मंत्री ने किया विरोध, कहा- हेमंत सरकार ला रही काला कानून


वहीं, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अनुपूरक बजट किस-किस खर्च के लिए लाया गया है यह गोपनीय है. जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सदन के पहले दिन में अनुपूरक बजट पेश होने को लेकर कहा कि अनुपूरक बजट इसलिए भी आवश्यक होता है कि ऐसे खर्च जो सरकार करती है, जिसे विधानसभा से अनुमति नहीं मिली होती है तो उसे विधानसभा लाना पड़ता है, विधानसभा में अनुपूरक बजट इसलिए जरूरी होता है कि सरकार ने कौन-कौन से खर्च किए हैं और कहां कहां खर्च हुए हैं, किसी भी सरकार के लिए अनुपूरक बजट पेश करना बेहद जरूरी होता है.

रांची: झारखंड मानसून सत्र के पहले दिन झारखंड विधानसभा में 2584 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया है. सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि सरकार ने सिर्फ अनुपूरक बजट पेश करने के लिए बजट सत्र का आह्वान किया है, क्योंकि अगर सत्र छोटा होता है तो सरकार को फायदा होता है और सत्र लंबा होने से जनता को फायदा होता है, क्योंकि जनता की समस्याएं सदन में आती है, जिसे पूरा किया जाता है.

अनुपूरक बजट पर प्रतिक्रिया

भानु प्रताप शाही ने कहा कि कैबिनेट की बैठक कर सत्र बड़ा भी किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने केवल अनुपूरक बजट पेश करने के लिए सत्र को बुलाया है, जिसका विपक्षी दल विरोध करती है. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी, भुखमरी, उग्रवाद, सहायक पुलिसकर्मी के आंदोलन जैसे कई मुद्दे हैं, खासकर कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार पूरी तरह से फेल है, जिसका जवाब सरकार को सदन में देना चाहिए, लेकिन उन जवाबों से बचने के लिए ही सत्र को छोटा किया गया है. उन्होंने कहा कि मूल बजट का एक रुपए भी खर्च नहीं किया गया है, ऐसे में सरकार की ओर से अनुपूरक बजट लाने के फैसले को जनता स्पष्ट रूप से समझ चुकी है.

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वहीं, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अनुपूरक बजट किस-किस खर्च के लिए लाया गया है यह गोपनीय है. जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सदन के पहले दिन में अनुपूरक बजट पेश होने को लेकर कहा कि अनुपूरक बजट इसलिए भी आवश्यक होता है कि ऐसे खर्च जो सरकार करती है, जिसे विधानसभा से अनुमति नहीं मिली होती है तो उसे विधानसभा लाना पड़ता है, विधानसभा में अनुपूरक बजट इसलिए जरूरी होता है कि सरकार ने कौन-कौन से खर्च किए हैं और कहां कहां खर्च हुए हैं, किसी भी सरकार के लिए अनुपूरक बजट पेश करना बेहद जरूरी होता है.

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