रांची: झारखंड ऐकडेमिक काउंसिल (JAC-Jharkhand Academic Council) की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा का परिणाम प्रकाशित करने के बाद इन दोनों परीक्षाओं में असफल घोषित हुए विद्यार्थियों के लिए संपूरक परीक्षा 2022 (Supplementary Exam 2022) आयोजित करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए 14 जुलाई से 21 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. जल्द ही परीक्षा तिथि की घोषणा भी की जाएगी. वहीं पहली से सातवीं तक के विद्यार्थियों को अगले क्लास में प्रमोट किए जाने की तैयारी भी की जा रही है.
इसे भी पढ़ें: ICSE 10th बोर्ड का रिजल्ट जारी, झारखंड के स्कूलों का बेहतर परिणाम, सुरभि कुमारी सिटी टॉपर
सैकड़ों विद्यार्थी हुए थे असफल: गौरतलब है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक का रिजल्ट (Matric Result 2022) 21 जून को प्रकाशित किया गया था. वहीं इंटरमीडिएट का रिजल्ट (Intermediate Result 2022) भी 30 जून को जारी किया गया था. इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन सैकड़ों विद्यार्थी असफल भी हुए हैं. अब उन विद्यार्थियों के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से संपूरक परीक्षा 2022 आयोजित करने की तैयारी की जा रही है.
पहली से सातवीं तक के विद्यार्थियों को किया जाएगा प्रमोट: जैक के सचिव महीप कुमार सिंह (JAC Secretary) ने जानकारी दी है कि संपूरक परीक्षा 2022 को लेकर ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. वहीं जूनियर वर्ग के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की तैयारी भी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक पहली से लेकर सातवीं तक के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाएगा. वैसे विद्यार्थी जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे या फिर परीक्षा में असफल थे, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बताते चलें की पहली से सातवीं कक्षा तक की वार्षिक परीक्षा 6 से 15 जून 2022 तक हुई थी, जिसका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है.
कोरोना के कारण पिछले दो सत्र नहीं हो सकी थी परीक्षाएं: कोरोना महामारी के मद्देनजर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (Jharkhand Education Project Council) ने यह निर्णय लिया है. परीक्षा में फेल या शामिल न होने वाले विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाएगा. कोरोना महामारी के कारण यह परीक्षा पिछले सत्र 2019-20-21 में आयोजित नहीं हो सकी थी. उसके बाद कोरोना महामारी के कम होते रफ्तार के बीच 2022 में यह परीक्षाएं आयोजित हुई. हालांकि, महामारी का असर इन परीक्षाओं में भी देखने को मिला. सैकड़ों परीक्षार्थी अनुपस्थित थे. इसी वजह से विभागीय स्तर पर यह निर्णय लिया गया है.