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राहत वाली खबर! थोक मंडी में गिरा प्याज का भाव, खुदरा बाजार में भी प्याज सस्ता होने की संभावना - थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष

रांची के थोक मंडी में प्याज की बढ़ी कीमतों में कमी आई है. रांची के पंडरा बाजार समिति में प्याज की थोक कीमतों में 12 से 15 रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. जिसके बाद प्याज 35 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. इसके पीछे का कारण केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम को बताया जा रहा है. Onion prices in Ranchi wholesale market

Onion prices fall in Ranchi wholesale market
Onion prices fall in Ranchi wholesale market
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 3, 2023, 7:03 PM IST

प्याज के गिरे भाव के बारे में जानकारी देते आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष

रांची: महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर होने लगा है. झारखंड में अनाज की सबसे बड़ी मंडी पंडरा बाजार समिति में शुक्रवार को प्याज के थोक दाम में 12 से 15 रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. जिसके बाद 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की बिक्री हुई.

यह भी पढ़ें: रांची में 25 रुपये किलो प्याज, लग गई लोगों की लंबी कतार

प्याज की थोक कीमत में कमी के बाद इसका असर जल्द ही खुदरा सब्जी बाजार में भी देखने को मिलने लगेगा. प्याज की खुदरा बाजार कीमत में 10-15 रुपये प्रति किलो की कमी आने की संभावना है.

क्यों गिरे प्याज के दाम?: प्याज के थोक मूल्यों में कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्याज के दाम को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम की वजह से दाम कम हुए हैं.

केंद्र ने प्याज के दाम कम करने के लिए उठाए कदम: झारखंड आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद के मुताबिक भारत सरकार ने प्याज निर्यात की नीति में बदलाव किया है. वहीं, भारत सरकार की दो संस्थाएं नैफेड और एनसीसीएफ ने हर बाजार में पर्याप्त मात्रा में प्याज का आयात किया है. जिसके कारण रांची के पंडारा बाजार समिति में थोक में 48 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज आज 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

मदन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंडारा मंडी में ही कुल 400 टन प्याज में से 300 टन NAFED और NCCF द्वारा भेजा गया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से भी रोजाना 100 से 150 टन प्याज अमृतसर की मंडी में पहुंच रहा है. थोक प्याज विक्रेता मदन प्रसाद ने बताया कि प्याज की कीमत बढ़ने से इसकी मांग भी कम हो गयी है.

किस वजह से बढ़े प्याज के दाम: विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले 03 वर्षों में प्याज की कीमतें नहीं बढ़ने के कारण किसानों की इसकी खेती में रुचि कम हो गई थी, इसलिए इस बार प्याज उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों ने प्याज की खेती कम कर दी.

असामयिक भारी बारिश के कारण जो फसल लगी थी वह भी बर्बाद हो गयी. इन कारणों से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के नासिक से प्याज की आवक कम होने से कीमतें बढ़ गई थीं और केंद्र सरकार को इसकी कीमत नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना पड़ा था.

NCCF ने जगह-जगह बेची 25 रुपए किलो प्याज: आम जनता को राहत देने के लिए भारत सरकार के उपक्रम एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) ने राजधानी रांची के कई स्थानों पर सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध कराना जारी रखा. यहां प्याज 25 रुपये प्रति किलो की दर प्रति ग्राहक अधिकतम दो किलो दिया जा रहा है.

प्याज के गिरे भाव के बारे में जानकारी देते आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष

रांची: महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर होने लगा है. झारखंड में अनाज की सबसे बड़ी मंडी पंडरा बाजार समिति में शुक्रवार को प्याज के थोक दाम में 12 से 15 रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. जिसके बाद 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की बिक्री हुई.

यह भी पढ़ें: रांची में 25 रुपये किलो प्याज, लग गई लोगों की लंबी कतार

प्याज की थोक कीमत में कमी के बाद इसका असर जल्द ही खुदरा सब्जी बाजार में भी देखने को मिलने लगेगा. प्याज की खुदरा बाजार कीमत में 10-15 रुपये प्रति किलो की कमी आने की संभावना है.

क्यों गिरे प्याज के दाम?: प्याज के थोक मूल्यों में कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्याज के दाम को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम की वजह से दाम कम हुए हैं.

केंद्र ने प्याज के दाम कम करने के लिए उठाए कदम: झारखंड आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद के मुताबिक भारत सरकार ने प्याज निर्यात की नीति में बदलाव किया है. वहीं, भारत सरकार की दो संस्थाएं नैफेड और एनसीसीएफ ने हर बाजार में पर्याप्त मात्रा में प्याज का आयात किया है. जिसके कारण रांची के पंडारा बाजार समिति में थोक में 48 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज आज 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

मदन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंडारा मंडी में ही कुल 400 टन प्याज में से 300 टन NAFED और NCCF द्वारा भेजा गया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से भी रोजाना 100 से 150 टन प्याज अमृतसर की मंडी में पहुंच रहा है. थोक प्याज विक्रेता मदन प्रसाद ने बताया कि प्याज की कीमत बढ़ने से इसकी मांग भी कम हो गयी है.

किस वजह से बढ़े प्याज के दाम: विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले 03 वर्षों में प्याज की कीमतें नहीं बढ़ने के कारण किसानों की इसकी खेती में रुचि कम हो गई थी, इसलिए इस बार प्याज उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों ने प्याज की खेती कम कर दी.

असामयिक भारी बारिश के कारण जो फसल लगी थी वह भी बर्बाद हो गयी. इन कारणों से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के नासिक से प्याज की आवक कम होने से कीमतें बढ़ गई थीं और केंद्र सरकार को इसकी कीमत नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना पड़ा था.

NCCF ने जगह-जगह बेची 25 रुपए किलो प्याज: आम जनता को राहत देने के लिए भारत सरकार के उपक्रम एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) ने राजधानी रांची के कई स्थानों पर सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध कराना जारी रखा. यहां प्याज 25 रुपये प्रति किलो की दर प्रति ग्राहक अधिकतम दो किलो दिया जा रहा है.

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