रांची: कोरोना काल में झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाने में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की अहम भूमिका रही है. लेकिन कई जिलों में परफॉर्मेंस खराब होने पर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी के निर्देश पर सभी पंचायतों में 'ग्रामीणों की आस, मनेरगा से विकास' अभियान शुरू किया गया है.
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'ग्रामीणों की आस, मनेरगा से विकास' अभियान के तहत ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने के उदेश्य से पूरे राज्य के सभी पंचायतों में रोजगार महादिवस का आयोजन किया गया. रोजगार महादिवस पर सभी जिलों के प्रखंडों में क्लस्टर स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों का ऑन स्पॉट जॉब कार्ड बनाया गया और मनरेगा के तहत सौ दिन रोजगार पाने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. इस दौरान पंचायत सचिव और रोजगार सेवकों ने गांव में घूम-घूमकर मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी.
आपको बता दें कि पिछले दिनों ग्रामीणों की आस, मनेरगा से विकास अभियान शुरू किया गया था. प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में सभी जिलों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों को बुलाया गया था. इस अभियान के जरिए मनरेगा की योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़ने में पिछड़ रहे क्षेत्रों की जवाबदेही तय की गई है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड का परफॉर्मेंस शानदार रहा था. योजना से जुड़ी 98.95 फीसदी राशि खर्च की गई थी. इस मामले में झारखंड पूरे देश में अव्वल रहा था. लिहाजा इस बार भी राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को टॉप पर रखने के लिए पूरा ग्रामीण विकास विभाग महकमा जुटा हुआ है.