रांची: शहर के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में 4 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को गुरुवार को जेल भेज दिया गया है, लेकिन इस मामले में पुलिस के रवैए को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस ने समय रहते जरूरी साक्ष्य इकट्ठा नहीं किए.
क्या है मामला
वरीय पुलिस अधिकारियों की चेतावनी के बाद एक बार फिर दुष्कर्म जैसे मामले में सुखदेव नगर थानेदार की लापरवाही सामने आई है. मामले में पुलिस साक्ष्य एकत्रित करने में लापरवाह रही. इस तरह के लापरवाही बरतने से आरोपी को लाभ मिल सकता है. दुष्कर्म की वारदात की सूचना मिलने के बाद भी सुखदेव नगर के थानेदार जॉन मुर्मू पूरे मामले में लापरवाह बने रहे. पीड़ित मासूम अपने माता-पिता के साथ 3 घंटे तक थाने में ही बैठी रही, लेकिन थानेदार उसे अस्पताल भेजने की बजाय खुद दूसरे कामों में व्यस्त व्यस्त रहे. अब इस मामले की जानकारी कोतवाली डीएसपी अजीत विमल को दी गई है, जिसके बाद डीएसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला थाना प्रभारी को बिना वर्दी के सादे लिबास में मासूम बच्ची के पास भेजा और उसे अस्पताल पहुंचाया.
पुलिस गेस्ट हाउस रेप केस में भी बढ़ती गई थी लापरवाही
हाल ही में लोअर बाजार थाना क्षेत्र स्थित पुलिस गेस्ट हाउस में एक नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप के मामले में कई लापरवाही बरती गई थी. समीक्षा के दौरान रांची डीआईजी ने साक्ष्य एकत्रित करने में लापरवाही पकड़ी थी. केस के आईओ को जमकर लताड़ा लगाया था. नाराजगी जताते हुए पुलिस अधिकारी ने सही तरीके से काम करने की नसीहत दी थी.
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कब घटी वारदात
60 वर्षीय वृद्ध ने अपने किराएदार के 4 वर्षीय बच्ची को अकेला पाकर मंगलवार की देर शाम दुष्कर्म की घटना का अंजाम दिया था. बच्ची के माता-पिता उस वक्त घर के बाहर थे. दोनों जब घर पहुंचे तो बदहवास होकर बिस्तर पर सोई बच्ची माता पिता को देख रोने लगी. इसके बाद पीड़ित बच्ची ने पूरी घटना की जानकारी दी. बुधवार को सुखदेवनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.