रांची: कोरोनाकाल के कारण देशभर के शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (JTU) भी इससे अछूती नहीं है. लेकिन अब धीरे-धीरे परिस्थितियां सामान्य हो रहीं हैं. इस पर JTU के कुलपति प्रदीप कुमार मिश्रा ने मीडिया से बात की और विद्यार्थियों को नए सिरे से शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू करने का भरोसा दिलाया.
ये भी पढ़ें-रांचीः इंटरनल असेसमेंट के जरिए JTU के विद्यार्थियों को करेगी प्रमोट
वीसी ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Jharkhand Technical University) ने भी विभिन्न कॉलेजों में ऑफलाइन एकेडमिक गतिविधियां संचालित करने का रोडमैप तैयार किया है. ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में एकेडमिक सेशन को संचालित किया जा रहा है.
70 से अधिक कॉलेज जेटीयू से संबद्ध
बताते चलें कि झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत बीआईटी सिंदरी समेत होटल मैनेजमेंट और टेक्निकल मैनेजमेंट को मिलाकर लगभग 70 से अधिक कॉलेज संचालित हो रहे हैं. इन कॉलेजों में थ्योरी एकेडमिक सत्र के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी जरूरी है .
प्रैक्टिकल क्लासेस संचालित करना चुनौतीपूर्ण
कोरोना महामारी के बीच प्रैक्टिकल क्लासेस संचालित करना यूनिवर्सिटी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है .क्योंकि कोरोना महामारी को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गईं हैं, उनके अनुसार प्रैक्टिकल क्लासेस संचालित करने में कई परेशानियों का सामना पड़ रहा है. हालांकि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान लगातार ऑनलाइन क्लासेज संचालित की जा रहीं थीं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार मिश्र की मानें तो ऑनलाइन क्लासेस पूरी तरह लक्ष्य पर खरी नहीं उतरीं. हालांकि समय बदल रहा है .अब धीरे-धीरे सभी चीजें सामान्य हो रहीं हैं. ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज के साथ-साथ ऑफलाइन क्लासेस को भी चलाने की कोशिश की जा रहीं हैं.
टेक्निकल विषयों की परीक्षा जल्द
झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बैकलॉग विद्यार्थियों की परेशानियों को लेकर पूछे गए सवाल पर वीसी ने कहा कि जल्द ही उनकी समस्याओं का भी समाधान कराया जाएगा. वीसी ने कहा कि टेक्निकल विषयों में डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थियों के लिए जल्द ही परीक्षा कंडक्ट की जाएगी. इससे पहले बैकलॉग विद्यार्थियों को कोरोनावायरस के मद्देनजर प्रमोट किए जाने की बात कही जा रही थी. हालांकि विश्वविद्यालय के बाइलॉज और यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार बीटेक के विद्यार्थियों की परीक्षा ले ली गई थी और ग्रेजुएशन से संबंधित बैकलॉग को पहले ही दूर कर लिया गया था.