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रांची में 4 निजी अस्पताल को नोटिस जारी, 50% बेड आरक्षित करने के संबंध में मांगी गई थी रिपोर्ट

रांची में डीसी छवि रंजन और उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की. इस दौरान 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने संबंधी रिपोर्ट की समीक्षा की गई. चार अस्पतालों की ओर से संबंधी रिपोर्ट समर्पित नहीं करने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया.

notice issued to 4 private hospitals in ranchi
वर्चुअल मीटिंग
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Published : Apr 13, 2021, 7:53 PM IST

रांचीः कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए और राज्य सरकार की ओर से जारी 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के संदर्भ में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन लगातार कवायद कर रहा है. इसको लेकर मंगलवार को उपायुक्त छवि रंजन और उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की. वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देश के आलोक में 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने संबंधी रिपोर्ट की समीक्षा की गई.

इसे भी पढ़ें- रांची में 94 कोरोना मरीज वेंटिलेटर पर, रिम्स में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं, किस अस्पताल में कितने बचे हैं बेड, पढ़ें रिपोर्ट

आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई
समीक्षा के क्रम में यह जानकारी मिली कि चार अस्पतालों की ओर से अब तक 50 प्रतिशत बेड आरक्षित करने संबंधी रिपोर्ट समर्पित नहीं की गई है. उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने इन सभी अस्पताल प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है और जल्द से जल्द 50 प्रतिशत बेड आरक्षित कर रिपोर्ट समर्पित करने को कहा है. ऐसा नही करने पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. मेडिका, मेदान्ता, सीसीएल और सेवा सदन को नोटिस जारी किया गया है.


वर्चुअल मीटिंग के दौरान निजी अस्पताल प्रबंधकों को दिए गए निर्देश

  • प्रत्येक अस्पताल अपनी क्षमता का 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखेंगे.
  • सभी अस्पताल कोरोना मरीजों के एडमिट होने का समय सही-सही अंकित करेंगे और उनके डिस्चार्ज होने के समय का भी उल्लेख करेंगे. डैशबोर्ड पर भी इसकी ऑनलाइन इंट्री समय पर लगातार करते रहेंगे. एक एमआईएस कर्मी की प्रतिनियुक्ति इस कार्य के लिए करेंगे.
  • कोरोना संक्रमण को मात देकर नेगेटिव हुए डिस्चार्ज मरीजों के ब्लड ग्रुप संधारित करेंगे और डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे. यह भविष्य में प्लाज्मा डोनेशन के लिए उपयोग में आएगा.
  • सभी निजी अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें. प्रशासन इस संबंध में ऑक्सीजन सप्लायर्स के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है.
  • मरीजों की हालत को देखकर ही उन्हें बेड उपलब्ध कराया जाए. वैसे कोरोना मरीजों को बेड उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है, जिनको होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है. इस संबंध में सम्बंधित इनसिडेंट कमांडर से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

रांचीः कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए और राज्य सरकार की ओर से जारी 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के संदर्भ में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन लगातार कवायद कर रहा है. इसको लेकर मंगलवार को उपायुक्त छवि रंजन और उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की. वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देश के आलोक में 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने संबंधी रिपोर्ट की समीक्षा की गई.

इसे भी पढ़ें- रांची में 94 कोरोना मरीज वेंटिलेटर पर, रिम्स में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं, किस अस्पताल में कितने बचे हैं बेड, पढ़ें रिपोर्ट

आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई
समीक्षा के क्रम में यह जानकारी मिली कि चार अस्पतालों की ओर से अब तक 50 प्रतिशत बेड आरक्षित करने संबंधी रिपोर्ट समर्पित नहीं की गई है. उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने इन सभी अस्पताल प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है और जल्द से जल्द 50 प्रतिशत बेड आरक्षित कर रिपोर्ट समर्पित करने को कहा है. ऐसा नही करने पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. मेडिका, मेदान्ता, सीसीएल और सेवा सदन को नोटिस जारी किया गया है.


वर्चुअल मीटिंग के दौरान निजी अस्पताल प्रबंधकों को दिए गए निर्देश

  • प्रत्येक अस्पताल अपनी क्षमता का 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखेंगे.
  • सभी अस्पताल कोरोना मरीजों के एडमिट होने का समय सही-सही अंकित करेंगे और उनके डिस्चार्ज होने के समय का भी उल्लेख करेंगे. डैशबोर्ड पर भी इसकी ऑनलाइन इंट्री समय पर लगातार करते रहेंगे. एक एमआईएस कर्मी की प्रतिनियुक्ति इस कार्य के लिए करेंगे.
  • कोरोना संक्रमण को मात देकर नेगेटिव हुए डिस्चार्ज मरीजों के ब्लड ग्रुप संधारित करेंगे और डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे. यह भविष्य में प्लाज्मा डोनेशन के लिए उपयोग में आएगा.
  • सभी निजी अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें. प्रशासन इस संबंध में ऑक्सीजन सप्लायर्स के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है.
  • मरीजों की हालत को देखकर ही उन्हें बेड उपलब्ध कराया जाए. वैसे कोरोना मरीजों को बेड उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है, जिनको होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है. इस संबंध में सम्बंधित इनसिडेंट कमांडर से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
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