रांचीः झारखंड की सियासत नित नई करवट ले रही है और इस करवट से सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी मझधार में आ गई है. राजनीतिक भूचाल के थपेड़े से डगमगा रही सीएम की कुर्सी को लेकर आदि पत्रकार नारद की सूचना देने की प्रवृत्ति की तरह झारखंड की राजनीति में सांसद निशिकांत दुबे लगातार जो ट्वीट कर रहे हैं वह राजनीति के इस कुरूक्षेत्र को देख रहे लोगों की धड़कनें बढ़ाए हुए है और राजनीतिक पंडित उसका मर्म समझने की जद्दोजहद में जुटे हैं. बीते दिन इसी तरह किए गए निशिकांत के ट्वीट को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.
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बीते दिन सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया कि सूत्रों के अनुसार केवल 36, बाकी का इंतजार कयामत तक. दुबे के इस ट्वीट के राजनीतिक पंडित निहितार्थ निकालने में जुटे हैं. लेकिन इसे झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को सिर्फ 36 विधायकों का समर्थन होने का आकलन किया जा रहा है. इससे सरकार के अल्पमत होने की अटकल लगाई जा रही है. इस बीच कोई स्थिति साफ हो पाती कि 27 अगस्त को सांसद निशिकांत के दूसरे ट्वीट ने हालात के और गंभीर होने की ओर इशारा किया है. इससे वर्तमान राजनीतिक हालात पर असमंजस बढ़ गया है.
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हाथ पॉंव मारने के बाद भी केवल ३३ विधायक झारखंड के राँची में सरकारी जमा हो पाया,झामुमो देर करता नहीं देर हो जाती है
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— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 27, 2022
शनिवार को सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट में झामुमो की कार्यप्रणाली पर पर तंज कसा है. सांसद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि झामुमो देर करता नहीं देर हो जाती है. भाजपा सांसद ने ट्वीट किया कि हाथ पांव मारने के बाद भी केवल ३३ विधायक झारखंड के रांची में सरकारी जमा हो पाया,झामुमो देर करता नहीं देर हो जाती है. निशिकांत के इन ट्वीट से जेएमएम नेताओं कार्यकर्ताओं की धड़कन बढ़ी हुई है.