रांची: झारखंड हाई कोर्ट में आज (2 दिसंबर) बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग को शपथ पत्र के माध्यम से अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया है साथ ही सांसद को पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
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6 जनवरी को अगली सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में आज (2 दिसंबर) सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री को फर्जी ठहराते हुए दर्ज किए गए एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सांसद पर निराधार आरोप लगाए गए हैं और इस मामले में सरकार जानबूझकर बार-बार समय ले रही है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से सरकार को और समय नहीं देने की मांग की. सरकार की तरफ से कोर्ट में जवाब के लिए आखिरी बार समय की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और दो सप्ताह का समय जवाब देने के लिए दिया है. अदालत ने निर्वाचन आयोग को भी शपथ पत्र के माध्यम से अपना पक्ष रखने को कहा है. इस बीच पूर्व से दिए गए अंतरिम राहत को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अगले आदेश तक बढ़ाने की मांग की. अदालत ने सांसद को पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि सांसद निशिकांत दुबे ने 2014 चुनाव के समय नॉमिनेशन में एमबीए डिग्री प्राप्त होने की घोषणा की थी. देवघर के ही विष्णु कांत झा ने उनके एमबीए डिग्री को फर्जी बताते हुए निर्वाचन आयोग में शिकायत दायर की थी. देवघर थाना में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया था. सांसद ने उसी एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.