रांचीः राजधानी के ईस्ट जेल रोड स्थित 'निर्मल हृदय' आश्रम से एक और बच्चे की बिक्री का मामला सामने आया है. इस बार एक दुष्कर्म पीड़िता ने सामने आकर खुद के बच्चे की बिक्री किए जाने का आरोप लगाया है. 'निर्मल हृदय' आश्रम मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित हैं.

क्या है मामला
पीड़िता ने बताया कि साल 2012 में उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. घटना के बाद वह गर्भवती हो गई. इसके बाद परिजनों और पुलिस ने उसे निर्मल हृदय में रखवाया था. निर्मल हृदय ने ही उसके बच्चे की डिलीवरी करवाई थी. इसके बाद उसे यह कहते हुए बेच दिया गया कि उस बच्चे का वह क्या करेगी. उसने बताया कि बच्चे को बेचने में उसकी सहमति नहीं थी. उसके निर्मल हृदय से छोड़ने के समय सादे कागज पर कई हस्ताक्षर भी करवाएं गए थे.
सीआइडी की महिला अधिकारी ने लिया था बयान
हाल में पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. एडीजी के निर्देश पर एक महिला अधिकारी ने पीड़िता का बयान लिया था. बयान लेने के बाद उसे रांची एसएसपी के पास भेजा गया. इसके बाद एसएसपी ने एएचटीयू थाने में बच्चे की तस्करी का एफआइआर दर्ज कराया है. जिसमें निर्मल हृदय की संचालिका, उर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण को नामजद आरोपित बनाया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.
ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान, जानिए राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
सीआइडी की जांच में सामने आया था मामला
साल 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण का मामला सामने आया था. सीआईडी की जांच में ही दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे के जन्म और बिक्री का संदेह हुआ था. इसके बाद पीड़िता को सूचित किया गया था. इसके बाद पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. सीआइडी की एक महिला इंस्पेक्टर ने पीड़िता का बयान भी लिया था. इसके बाद रांची पुलिस के पास एफआइआर दर्ज करने के लिए भेजा गया था.