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दुष्कर्म पीड़िता ने 'निर्मल हृदय' पर लगाया बच्चा बेचने का आरोप, कहा-सादे कागज पर लिए हस्ताक्षर - मिशनरीच ऑफ चैरिटी

रांची के ईस्ट जेल रोड स्थित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय' आश्रम पर एक बार फिर बच्चा बेचे जाने का आरोप लगा है. इस बार यह आरोप एक दुष्कर्म पीड़िता ने लगाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी
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Published : Nov 2, 2019, 3:40 AM IST

रांचीः राजधानी के ईस्ट जेल रोड स्थित 'निर्मल हृदय' आश्रम से एक और बच्चे की बिक्री का मामला सामने आया है. इस बार एक दुष्कर्म पीड़िता ने सामने आकर खुद के बच्चे की बिक्री किए जाने का आरोप लगाया है. 'निर्मल हृदय' आश्रम मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित हैं.

Nirmal Hriday Ashram accused of child theft in ranchi
रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी

क्या है मामला

पीड़िता ने बताया कि साल 2012 में उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. घटना के बाद वह गर्भवती हो गई. इसके बाद परिजनों और पुलिस ने उसे निर्मल हृदय में रखवाया था. निर्मल हृदय ने ही उसके बच्चे की डिलीवरी करवाई थी. इसके बाद उसे यह कहते हुए बेच दिया गया कि उस बच्चे का वह क्या करेगी. उसने बताया कि बच्चे को बेचने में उसकी सहमति नहीं थी. उसके निर्मल हृदय से छोड़ने के समय सादे कागज पर कई हस्ताक्षर भी करवाएं गए थे.

सीआइडी की महिला अधिकारी ने लिया था बयान

हाल में पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. एडीजी के निर्देश पर एक महिला अधिकारी ने पीड़िता का बयान लिया था. बयान लेने के बाद उसे रांची एसएसपी के पास भेजा गया. इसके बाद एसएसपी ने एएचटीयू थाने में बच्चे की तस्करी का एफआइआर दर्ज कराया है. जिसमें निर्मल हृदय की संचालिका, उर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण को नामजद आरोपित बनाया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.


ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान, जानिए राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

सीआइडी की जांच में सामने आया था मामला

साल 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण का मामला सामने आया था. सीआईडी की जांच में ही दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे के जन्म और बिक्री का संदेह हुआ था. इसके बाद पीड़िता को सूचित किया गया था. इसके बाद पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. सीआइडी की एक महिला इंस्पेक्टर ने पीड़िता का बयान भी लिया था. इसके बाद रांची पुलिस के पास एफआइआर दर्ज करने के लिए भेजा गया था.

रांचीः राजधानी के ईस्ट जेल रोड स्थित 'निर्मल हृदय' आश्रम से एक और बच्चे की बिक्री का मामला सामने आया है. इस बार एक दुष्कर्म पीड़िता ने सामने आकर खुद के बच्चे की बिक्री किए जाने का आरोप लगाया है. 'निर्मल हृदय' आश्रम मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित हैं.

Nirmal Hriday Ashram accused of child theft in ranchi
रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी

क्या है मामला

पीड़िता ने बताया कि साल 2012 में उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. घटना के बाद वह गर्भवती हो गई. इसके बाद परिजनों और पुलिस ने उसे निर्मल हृदय में रखवाया था. निर्मल हृदय ने ही उसके बच्चे की डिलीवरी करवाई थी. इसके बाद उसे यह कहते हुए बेच दिया गया कि उस बच्चे का वह क्या करेगी. उसने बताया कि बच्चे को बेचने में उसकी सहमति नहीं थी. उसके निर्मल हृदय से छोड़ने के समय सादे कागज पर कई हस्ताक्षर भी करवाएं गए थे.

सीआइडी की महिला अधिकारी ने लिया था बयान

हाल में पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. एडीजी के निर्देश पर एक महिला अधिकारी ने पीड़िता का बयान लिया था. बयान लेने के बाद उसे रांची एसएसपी के पास भेजा गया. इसके बाद एसएसपी ने एएचटीयू थाने में बच्चे की तस्करी का एफआइआर दर्ज कराया है. जिसमें निर्मल हृदय की संचालिका, उर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण को नामजद आरोपित बनाया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.


ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान, जानिए राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

सीआइडी की जांच में सामने आया था मामला

साल 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण का मामला सामने आया था. सीआईडी की जांच में ही दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे के जन्म और बिक्री का संदेह हुआ था. इसके बाद पीड़िता को सूचित किया गया था. इसके बाद पीड़िता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी. सीआइडी की एक महिला इंस्पेक्टर ने पीड़िता का बयान भी लिया था. इसके बाद रांची पुलिस के पास एफआइआर दर्ज करने के लिए भेजा गया था.

Intro:रांची के ईस्ट जेल रोड स्थित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदयÓ आश्रम से एक और बच्चे की बिक्री का मामला सामने आया है। इस बार एक दुष्कर्म पीडि़ता सामने आकर खुद के बच्चे की बिक्री किए जाने का आरोप लगाई है।

क्या है मामला

पीडि़ता ने अपने आवेदन में कहा है कि वर्ष 2012 में उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। घटना के बाद वह गर्भवती हो गई थी। इसके बाद परिजनों और पुलिस ने उसे निर्मल हृदय में रखवाया था था। निर्मल हृदय ने ही उसके बच्चे की डिलीवरी करवाई थी। इसके बाद उसे यह कहते हुए बेच दिया गया कि उस बच्चे का वह क्या करेगी, जब दुष्कर्म मामले से जन्मा बच्चा है। जबकि बच्चे को बेचने में उसकी सहमति नहीं थी। उसके निर्मल हृदय से छोडऩे के समय सादे कागजात पर कई हस्ताक्षर भी करवाए गए थे। पीडि़ता के अनुसार बच्चे की बिक्री में निर्मल हृदय की संचालिका, उर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण की भूमिका है। 


सीआइडी की महिला अधिकारी ने लिया था बयान : 

हाल में पीडि़ता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी। एडीजी के निर्देश पर एक महिला अधिकारी ने पीडि़ता का बयान लिया था। बयान लेने के बाद उसे रांची एसएसपी के पास भेजा गया। इसके बाद एसएसपी ने एएचटीयू थाने में बच्चे की तस्करी की एफआइआर दर्ज कराई गई है। जिसमें निर्मल हृदय की संचालिका, उर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण को नामजद आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 


एक वर्ष पहले भी हुई थी एफआइआर : 

बताते चलें कि वर्ष 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एफआइआर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा वर्मा ने दर्ज कराई थी। बाद में यह मामला सीआइडी को ट्रांसफर किया गया था। मामले में सिस्टर कांसिलिया और सफाईकर्मी अनिमा इंदवार को जेल भेजा गया था। मामले में एक-एक कर पुलिस ने बिक्री किए जा चुके पांच बच्चों को बरामद भी किया था। मामले में सिस्टर कांसिलिया को जमानत भी मिल चुकी है। 


सीआइडी की जांच में सामने आया था मामला : 

बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 के जुलाई महीने में सामने आई बच्चा बिक्री प्रकरण की जांच सीआइडी कर रही है। सीआइडी की जांच के दौरान ही दुष्कर्म पीडि़ता के बच्चे के जन्म और बिक्री का संदेह हुआ था। इसके बाद पीडि़ता को सूचित किया गया था। इसके बाद पीडि़ता एडीजी सीआइडी के पास पहुंची थी। सीआइडी की एक महिला इंस्पेक्टर ने पीडि़ता का बयान भी लिया था। इसके बाद रांची पुलिस के पास एफआइआर दर्ज करने के लिए भेजा था। 


जगन्नाथपुर इलाके में हुआ था दुष्कर्म :

जगन्नाथपुर इलाके में वर्ष 2012 में पीडि़ता से दुष्कर्म हुआ था। उस समय वह नाबालिग थी। गांगासागर साहू नाम के युवक ने नाबालिग से दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद जगन्नाथुपर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी के बाद गंगासागर साहू जेल भेजा गया था। मामले में आरोपित को कोर्ट सजा भी सुना चुकी है। पीडि़ता फिलहाल रांची से बाहर एक आवासीय स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रही है। 

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