रांचीः राजधानी के ग्रामीण इलाकों में उग्रवादी संगठन टीपीसी और पीएलएफआई के कुछ नए दस्ते दहशत फैलाने की जुगत में लगे हुए हैं. इन दस्तों में शामिल उग्रवादियों का एकमात्र उद्देश्य है कि वह किसी भी तरह कारोबारियों को धमकाकर उनसे पैसा वसूल सके. वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस के द्वारा झारखंड जगुआर के साथ मिलकर इन उग्रवादियों खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
आतंक मचाने की साजिशः राजधानी रांची में उग्रवादी संगठन टीपीसी कारोबारियों को लगातार धमका रहा है. रंगदारी के लिए लगातार ओरमांझी, रातू, बुढ़मू, खलारी और पिठोरिया इलाके के एक दर्जन कारोबारियों को इंटरनेट कॉल के जरिये धमकी मिल रही है. सभी से केवल और केवल रंगदारी ही मांगी जा रही है. ऐसा भी नही है कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. एक सफ्ताह के भीतर पुलिस ने आधा दर्जन से ज्यादा रंगदारी मांगने वालों को सलाखों के पीछे पहुचा दिया है. लेकिन रंगदारी के लिए फोन आना बंद नहीं हुआ.
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि टीपीसी और पीएलएफआई संगठन के नाम पर एक नया दस्ता तैयार हुआ है. इस दस्ते में आधा दर्जन से अधिक सदस्य हैं. दस्ता में शामिल सदस्य टीपीसी के नाम पर रंगदारी की वसूली कर रहे हैं. हाल के दिनों में इस दस्ते के सदस्यों ने रांची के करीब आधा दर्जन ईंट भट्टा संचालक, जमीन कारोबारी और माइंस कारोबारी को फोन कर रंगदारी मांगे हैं. इस बात की जानकारी रांची पुलिस को रातू थाना क्षेत्र के हाजी चौक पर स्थित मुख्तार होटल में हुई गोलीबारी मामले की तफ्तीश के दौरान हुई. पुलिस ने गोलीबारी मामले में अभियुक्त राजा और यादव सहित चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गिरफ्तार उग्रवादियों ने ही यह खुलासा किया है कि नए दस्ते के द्वारा ही रंगदारी मांगी जा रही है.
अरविंद जी और अनल जी के नाम पर मांगी जा रही रंगदारीः पुलिस के अनुसार टीएसपीसी का नया दस्ता लगातार कारोबारियों को निशाना बना रहा है. कारोबारियों से टीएसपीसी के अरविंद जी और अनल जी के नाम पर रंगदारी मांगी जा रही है. पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि हाल के दिनों में जितने भी कारोबारियों से फोन कर रंगदारी मांगी गई है, सभी एक ही मोबाइल नंबर से मांगा गया है. दस्ता के सदस्य ने कभी अरविंद जी के नाम पर तो कभी अनल के नाम पर कारोबारियों को धमकी दी है.
कमरूल को लगातार धमकी मिलने के बाद पुलिस ने नहीं की कार्रवाईः जमीन कारोबारी कमरूल से उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के नाम पर 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी. कमरूल ने रातू थाने में दो नामजद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद भी कमरूल को टीएसपीसी के नाम पर लगातार रंगदारी की मांग के साथ धमकी भी दी जा रही थी. फोनकर्ता ने उससे कहा था कि रंगदारी नहीं देने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा. कमरूल ने रंगदारी देने से साफ इंकार कर दिया था. जिसके बाद बीते रविवार को बाइक सवार अपराधियों ने रातू हाजी चौक पर स्थित मुख्तार होटल में अंधाधुंथ फायरिंग की घटना को अंजाम दिया और फरार हो गए. हालांकि इस गोलीबारी में कमरूल बच गए, लेकिन चाय पी रहे दो लोग गोली लगने से घायल हो गए थे.
इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल, अभियान जारीः रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि संगठन कोई भी क्यों ना हो सब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. रंगदारी के कई मामलों का खुलासा भी हो चुका है और इस मामले में कुछ उग्रवादियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी पहुंचाया जा चुका है, जो लोग रंगदारी मांग रहे हैं उनको गिरफ्तार करने का भी प्रयास किया जा रहा है. शहर से भागकर कुछ लोग जंगल में छुपे हुए हैं, उन्हें भी हर हाल में दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.