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झारखंड में छठ घाटों पर अर्घ्य देने की छूट, सीएम ने कहा- 2 गज की दूरी है जरूरी

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Nov 17, 2020, 8:11 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 9:17 PM IST

20:09 November 17

झारखंड में छठ घाटों पर अर्घ्य देने की छूट

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान

रांची: नदी, तालाब और जलाशय में सार्वजनिक रूप से छठ पूजा पर रोक के फैसले को सरकार ने वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद सरकार के इस फैसले की जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि जन भावना को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के लिए लोग नदी, तालाब और जलाशयों में जा सकते हैं.  

दो गज की दूरी का पालन जरुरी

सीएम ने लोगों से आग्रह किया है कि छठ पूजा के दौरान दो गज की दूरी का पालन करें.  चेहरे पर मास्क लगाएं और समय-समय पर हैंड सेनेटाइज जरूर करें. व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कोशिश करें कि अपने घरों में ही छठ पूजा करें. उन्होंने कहा कि हालात अच्छे नहीं हैं. कोरोना अभी गया नहीं है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. लोगों को खुद जागरूक होना होगा.

प्रधानमंत्री पर निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. इस बात को समझते हुए राज्य सरकार की ओर से छठ को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही बिहार में चुनाव संपन्न हुआ है और उस चुनाव में झारखंड से सीआरपीएफ की कई कंपनियां गई थी, उनमें से करीब 50% लोग संक्रमित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा के लिए बिहार जा रहे हैं. अब उनके लौटने के बाद ही पता चलेगा कि संक्रमण कौन सा रूप लेता है. इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड के कई जलाशयों से पेयजल सप्लाई होता है. अगर पूजा के दौरान संक्रमण फैलता है तो इसका प्रभाव किस तरह हो सकता है, इसे समझा जा सकता है.  

छठ घाटों पर पूजा की इजाजत  

बता दें कि झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से छठ पूजा को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि ऐसे हालात में छठ घाट पर जाने की छूट नहीं दी जा सकती है. सरकार की तरफ से बताया गया था कि पानी में रहकर अर्घ देने के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. यही वजह है कि अब तक सार्वजनिक स्विमिंग पूल खोलने की छूट सरकार की तरफ से नहीं दी गई है, लेकिन सरकार की तरफ से निर्देश जारी होते ही चौतरफा विरोध शुरू हो गया था. भाजपा ने इसे आस्था पर प्रहार बताया था. यहां तक कि सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस ने भी सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. लिहाजा परिस्थिति को देखते हुए छठ घाटों पर पूजा की इजाजत दे दी गई है.

20:09 November 17

झारखंड में छठ घाटों पर अर्घ्य देने की छूट

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान

रांची: नदी, तालाब और जलाशय में सार्वजनिक रूप से छठ पूजा पर रोक के फैसले को सरकार ने वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद सरकार के इस फैसले की जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि जन भावना को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के लिए लोग नदी, तालाब और जलाशयों में जा सकते हैं.  

दो गज की दूरी का पालन जरुरी

सीएम ने लोगों से आग्रह किया है कि छठ पूजा के दौरान दो गज की दूरी का पालन करें.  चेहरे पर मास्क लगाएं और समय-समय पर हैंड सेनेटाइज जरूर करें. व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कोशिश करें कि अपने घरों में ही छठ पूजा करें. उन्होंने कहा कि हालात अच्छे नहीं हैं. कोरोना अभी गया नहीं है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. लोगों को खुद जागरूक होना होगा.

प्रधानमंत्री पर निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. इस बात को समझते हुए राज्य सरकार की ओर से छठ को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही बिहार में चुनाव संपन्न हुआ है और उस चुनाव में झारखंड से सीआरपीएफ की कई कंपनियां गई थी, उनमें से करीब 50% लोग संक्रमित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा के लिए बिहार जा रहे हैं. अब उनके लौटने के बाद ही पता चलेगा कि संक्रमण कौन सा रूप लेता है. इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड के कई जलाशयों से पेयजल सप्लाई होता है. अगर पूजा के दौरान संक्रमण फैलता है तो इसका प्रभाव किस तरह हो सकता है, इसे समझा जा सकता है.  

छठ घाटों पर पूजा की इजाजत  

बता दें कि झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से छठ पूजा को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि ऐसे हालात में छठ घाट पर जाने की छूट नहीं दी जा सकती है. सरकार की तरफ से बताया गया था कि पानी में रहकर अर्घ देने के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. यही वजह है कि अब तक सार्वजनिक स्विमिंग पूल खोलने की छूट सरकार की तरफ से नहीं दी गई है, लेकिन सरकार की तरफ से निर्देश जारी होते ही चौतरफा विरोध शुरू हो गया था. भाजपा ने इसे आस्था पर प्रहार बताया था. यहां तक कि सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस ने भी सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. लिहाजा परिस्थिति को देखते हुए छठ घाटों पर पूजा की इजाजत दे दी गई है.

Last Updated : Nov 17, 2020, 9:17 PM IST
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