रांचीः नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से लगातार मंथन किया जा रहा है. राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति इस पर मंथन कर रहे हैं. साथ ही शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर विशेष रूप से काम कर रहे है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर रांची विश्वविद्यालय में मंथन हुआ. इस मंथन में राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय के कुलपति पदाधिकारी और राज्य के अन्य कई विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी भी शामिल हुए. बताते चलें कि केंद्रीय स्तर पर नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालयों में कैसे लागू किया जाए. इसे लेकर लगातार दिशा निर्देश जारी किया जा रहा है. इसी कड़ी में इस नीति के क्रियान्वयन की योजनाओं को लेकर लगातार चर्चा हो रही है.
बताते चलें कि विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति को कैसे धरातल पर उतारा जाए. उनके एकेडमिक सेशन विषयों के साथ इस नई शिक्षा नीति के जो प्रावधान किए गए हैं. उन्हें कैसे धरातल पर उतारा जाए. ऐसे ही विषयों को लेकर लगातार चरणबद्ध तरीके से विचार विमर्श किया जा रहा है. रांची विश्वविद्यालय ने भी इस दिशा में कई कदम उठाए हैं .वहीं राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की ओर से भी विशेष रूप से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर योजनाएं तैयार हो रही हैं. ऐसे तमाम मामलों की जानकारी लेने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग की ओर से इस नई शिक्षा नीति को लेकर विशेष रूप से चर्चा की जा रही है.
झारखंड के संदर्भ में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कितनी फिट बैठेगी. इस पर लगातार मंथन किया जा रहा है. बताते चलें कि इस राज्य में जनजातीय क्षेत्रीय भाषाओं में भी विद्यार्थी शोध करते हैं. इसके अलावा यहां के पाठ्यक्रम में भी जनजातीय क्षेत्रीय भाषाओं को काफी महत्व दिया गया है. ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में बल दिया गया है.