रांची: वैसे तो दुर्गा पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में वृहद रूप से मनाया जाता है. मगर झारखंड में मां दुर्गा की आराधना खास तरीके से की जाती है. जिस वजह से यहां के लोग अन्य प्रांतों से भी इस मौके पर आते हैं और पूजा का आनंद उठाते हैं.
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दुर्गा पूजा में 100 करोड़ होंगे खर्च: दुर्गोत्सव को लेकर उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी रांची सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों में विशेष रूप से पूजा पंडाल की तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है. इन पूजा पंडालों पर होने वाले खर्च आश्चर्य में डाल देते हैं. राजधानी रांची के नगर निगम क्षेत्र में बनने वाले दुर्गा पूजा पंडाल की बात करें तो करीब 178 पूजा पंडाल इस बार बन रहे हैं, जिसपर करीब 100 करोड़ खर्च होने की बात बताई जा रही है.
महावीर मंडल पूजा समिति ने क्या कहा: श्री महावीर मंडल पूजा समिति के राजीव रंजन मिश्रा के अनुसार समय के साथ पूजा पंडाल की लागत में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. एक समय था कि 10-12 लाख में बड़ा पंडाल बनकर तैयार हो जाता था. आज कोई भी पंडाल 30 लाख से कम में तैयार नहीं होता है.
दुर्गोत्सव को लेकर श्रद्धालु उत्साहितः 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे दुर्गोत्सव को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं. पूजा पंडाल को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है. बारिश की वजह से पंडाल निर्माण में कठिनाई सामने आ रही है. मगर कारीगरों का मानना है कि हर हाल में समय पर मां का दरबार सज जाएगा. रांची में अधिकांश पूजा पंडाल षष्ठी के दिन खुल जाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
आकर्षक थीम से बन रहे पूजा पंडाल: इस बार राजधानी के लोगों को पूजा पंडाल की भव्यता अलग तरह से दिखेगी. अलग-अलग थीम पर पूजा पंडाल बनाने में जुटे कारीगर धार्मिक, सांस्कृतिक और झारखंड की परंपरा के साथ सामाजिक संदेश को देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हरमू पंच मंदिर दुर्गा पूजा पंडाल में इस दौरान जहां गुजरात के श्री स्वामी नारायण मंदिर के साथ ज्योर्तिलिंग का दर्शन होगा. वहीं रांची रेलवे स्टेशन के बगल में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बकरी बाजार में महाभारत आधारित चक्रव्यूह देखने को मिलेगा. कुल मिलाकर यदि बारिश खलल ना डाले तो इस बार की पूजा भी काफी मनभावन होगी.