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ग्रामीणों को 'चारा' बना सुरक्षा बलों को 'ट्रैप' करने की साजिश, खुफिया विभाग ने किया आगाह - गुमला में एक ग्रामीण

झारखंड में पुलिस और सीआरपीएफ के अभियान से बौखलाए नक्सली संगठन सुरक्षा बलों को टारगेट बनाने के लिए ग्रामीणों को 'चारा' बनाने की योजना बना रहे हैं. खुफिया विभाग के खुलासे के बाद अब नक्सल प्रभावित इलाके में काम कर रहे फोर्स के जवानों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है.

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ग्रामीणों को 'चारा' बना सुरक्षा बलों को 'ट्रैप' करने की साजिश
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Published : Mar 2, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 9:33 PM IST

रांची: झारखंड में नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार चल रहे ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली पुलिस पर लगातार प्रहार कर रहे हैं. खासकर भाकपा माओवादी किसी भी हद तक जा कर पुलिस को नुकसान पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है. पुलिस को ट्रैप करने के लिए अब नक्सलियों ने निर्दोष ग्रामीणों का अपहरण करना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें बचाने के लिए पुलिस आए और वह उन्हें निशाना बना सके.

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खुफिया विभाग ने किया आगाह

झारखंड में सक्रिय सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी पुलिस के बढ़ते दबिश और अपने बड़े साथियों के आत्मसमर्पण की वजह से बैकफुट पर हैं. लगातार नुकसान से बौखलाए नक्सली संगठन अब किसी भी हद तक जाकर पुलिस बलों को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं. झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग की आंतरिक जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रांची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना ने भी इस संबंध में अहम खुलासे किए हैं. इसके बाद अफसरों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया गया है.

कैसे रची गई थी साजिश
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर भाकपा माओवादियों ने खनन कंपनी के तीन कर्मियों का अपहरण किया था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के बाद कर्मियों को बूढ़ापहाड़ इलाके में ले जाया गया था. माओवादियों की साजिश थी कि अपहरण की सूचना फैलने के बाद बूढ़ापहाड़ इलाके में आने पर पुलिस बलों को टारगेट किया जाएगा. इसके लिए माओवादियों द्वारा आईईडी भी बिछाई गई थी. पहले भी ऐसी ही साजिश कर माओवादी पारसनाथ में सुरक्षा बलों को निशाना बना चुके हैं.

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धमक दिखाने के लिए वारदात
साल 2021 के शुरुआत से ही झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी अपनी धमक दिखाने की कोशिश में वारदातों को अंजाम दे रहा है. खासकर आईईडी धमाकों के जरिये पुलिस को लगातार नुकसान पहुचा रहा है. फरवरी में आईईडी ब्लास्ट में लोहरदगा में एक जवान को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि गुमला में एक ग्रामीण और एक जवान को आईईडी ब्लास्ट में अपने पैर गवांने पड़े. रांची पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के मुताबिक, चाईबासा में कई जगहों पर पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए आईईडी बिछाई गई है. डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार अभियान में लगातार सावधानी बरती जा रही है. जीवन की निशानदेही और दूसरी सूचनाओं पर चले अभियान के बाद अलग-अलग जगहों से 100 से ज्यादा आईईडी की बरामदगी भी की गई है.

सभी जिलों के एसपी को पहले भी किया गया है आगाह

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान साकेत सिंह ने नक्सलियों के ट्रैप में पुलिस बलों को फंसने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्यरत सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह इलाके में किसी भी तरह की हत्या या वारदात की सूचना के बाद पहले पूरे मामले की जानकारी लें. इसके बाद पूरी तैयारी के साथ इलाके में मूव करें. पुलिस मुख्यालय ने आशंका जताई थी कि बैनर पोस्टर लगाकर भी माओवादी मौके पर पहुंचने वाली पुलिस टीम पर हमला कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह अभियान या मूवमेंट के दौरान कच्चे रास्तों पर मूवमेंट न करें. साथ ही अभियान में बम डिस्पोजल स्कवॉड की टीम भी साथ साथ होगी.

रांची: झारखंड में नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार चल रहे ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली पुलिस पर लगातार प्रहार कर रहे हैं. खासकर भाकपा माओवादी किसी भी हद तक जा कर पुलिस को नुकसान पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है. पुलिस को ट्रैप करने के लिए अब नक्सलियों ने निर्दोष ग्रामीणों का अपहरण करना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें बचाने के लिए पुलिस आए और वह उन्हें निशाना बना सके.

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खुफिया विभाग ने किया आगाह

झारखंड में सक्रिय सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी पुलिस के बढ़ते दबिश और अपने बड़े साथियों के आत्मसमर्पण की वजह से बैकफुट पर हैं. लगातार नुकसान से बौखलाए नक्सली संगठन अब किसी भी हद तक जाकर पुलिस बलों को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं. झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग की आंतरिक जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रांची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना ने भी इस संबंध में अहम खुलासे किए हैं. इसके बाद अफसरों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया गया है.

कैसे रची गई थी साजिश
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर भाकपा माओवादियों ने खनन कंपनी के तीन कर्मियों का अपहरण किया था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के बाद कर्मियों को बूढ़ापहाड़ इलाके में ले जाया गया था. माओवादियों की साजिश थी कि अपहरण की सूचना फैलने के बाद बूढ़ापहाड़ इलाके में आने पर पुलिस बलों को टारगेट किया जाएगा. इसके लिए माओवादियों द्वारा आईईडी भी बिछाई गई थी. पहले भी ऐसी ही साजिश कर माओवादी पारसनाथ में सुरक्षा बलों को निशाना बना चुके हैं.

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धमक दिखाने के लिए वारदात
साल 2021 के शुरुआत से ही झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी अपनी धमक दिखाने की कोशिश में वारदातों को अंजाम दे रहा है. खासकर आईईडी धमाकों के जरिये पुलिस को लगातार नुकसान पहुचा रहा है. फरवरी में आईईडी ब्लास्ट में लोहरदगा में एक जवान को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि गुमला में एक ग्रामीण और एक जवान को आईईडी ब्लास्ट में अपने पैर गवांने पड़े. रांची पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के मुताबिक, चाईबासा में कई जगहों पर पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए आईईडी बिछाई गई है. डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार अभियान में लगातार सावधानी बरती जा रही है. जीवन की निशानदेही और दूसरी सूचनाओं पर चले अभियान के बाद अलग-अलग जगहों से 100 से ज्यादा आईईडी की बरामदगी भी की गई है.

सभी जिलों के एसपी को पहले भी किया गया है आगाह

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान साकेत सिंह ने नक्सलियों के ट्रैप में पुलिस बलों को फंसने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्यरत सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह इलाके में किसी भी तरह की हत्या या वारदात की सूचना के बाद पहले पूरे मामले की जानकारी लें. इसके बाद पूरी तैयारी के साथ इलाके में मूव करें. पुलिस मुख्यालय ने आशंका जताई थी कि बैनर पोस्टर लगाकर भी माओवादी मौके पर पहुंचने वाली पुलिस टीम पर हमला कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह अभियान या मूवमेंट के दौरान कच्चे रास्तों पर मूवमेंट न करें. साथ ही अभियान में बम डिस्पोजल स्कवॉड की टीम भी साथ साथ होगी.

Last Updated : Mar 2, 2021, 9:33 PM IST
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