रांची: झारखंड पुलिस ने जनवरी महीनें में 39 नक्सलियों को गिरफ्तार किया. साल के पहले माह में हुई गिरफ्तारियों में एक जोनल और चार सबजोनल स्तर के नक्सली भी शामिल थे. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, लातेहार में अभियान के दौरान पुलिस ने पुलिस से लूटे गए तीन हथियारों की बरामदगी की, वहीं 17 देसी हथियार बरामद किए गए. पुलिस ने पूरे मामले में 622 कारतूस की बरामदगी की. लातेहार में पुलिस को सर्वाधिक सफलता मिली, जहां से पुलिस ने पांच लाख लेवी की राशि, 615 कारतूस की बरामदगी की. पुलिस ने एक माह में कुल 116.5 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया है.
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह के अनुसार पहले महीने में ही झारखंड पुलिस ने पांच क्वालिटी गिरफ्तारी की. क्वालिटी गिरफ्तारी का मतलब यह होता है कि पांच ऐसे नक्सली गिरफ्तार हुए हैं जो अपने अपने संगठन में बहुत महत्वपूर्ण पद पर थे. इन नक्सलियों की गिरफ्तारी से नक्सली संगठनों को काफी नुकसान पहुंचा.
चार ने किया आत्मसमर्पण
जनवरी महीने में चार बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी कर दिया. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के सामने पांच लाख कुख्यात नक्सली कमांडर गोपाल गंझू ने हथियार डाल दिये.
जनवरी महीने में पुलिस ने लोहरदगा में एक नक्सल कैंप को ध्वस्त किया. राज्यभर में चले अभियान के बाद पुलिस ने चार आईईडी, 11 डेटोनेटर, भी बरामद किया. सर्वाधिक 13 नक्सलियों की गिरफ्तारी पलामू से हुई है. पुलिस ने नक्सलियों के लेवी की कुल 5.30 लाख रुपए जब्त की.
कई नक्सली वारदातों को भी दिया गया अंजाम
हालांकि एक तरफ गिरफ्तारियां और आत्मसमर्पण के आंकड़ों को देखें तो पुलिस के लिए साल 2020 का पहला महीना बेहद कामयाबी भरा रहा, लेकिन इस दौरान नक्सलियों ने भी कई जगह अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवाई और कई वारदातों को अंजाम दिया. सबसे ज्यादा नक्सलियों ने कमर्शियल वाहनों को आग के हवाले कर दहशत फैलाया.
- 23 मई को सड़क निर्माण कार्य कर रही कंपनी के मुंशी रमेश मरांडी को गोलियों से नक्सलियों ने भूना. ट्रैक्टर और जेसीबी में आग लगाई.
- लातेहार में रेलवे ट्रैक बिछाने का काम कर रही कंपनी के साइट पर आगजनी और फायरिंग.
- पहले माह में तकरीबन दो दर्जन छिटपूट घटनाएं हुई, जिसमें अधिकांश आगजनी की वारदातें थी.
140 भाकपा माओवादी गिरफ्तार
साल 2020 में सबसे ज्यादा झटका पुलिस ने झारखंड के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों को दिया. जनवरी 2020 से लेकर नवंबर 2020 तक कुल 140 भाकपा माओवादी गिरफ्तार किए गए. गिरफ्तार नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए.
एक तरफ जहां राज्य का सबसे बड़ा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी पुलिस के लगातार ऑपरेशन की वजह से कमजोर हुआ. वहीं दूसरी तरफ नक्सली संगठन पीएलएफआई ने राजधानी रांची सहित कई शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. खासकर वर्चुअल नंबर से रंगदारी मांगने के मामले में पीएलएफआई पुलिस के लिए सालों भर सरदर्द बना रहा. छोटे-छोटे आपराधिक संगठनों को अपने साथ जोड़ कर पीएलएफआई लगातार राजधानी रांची को टारगेट कर रहा है. हालांकि पुलिस लगातार पीएलएफआई के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. साल 2020 में 160 पीएलएफआई नक्सली राज्यभर से गिरफ्तार किए गए हैं.
मुठभेड़ में 4 महिला नक्सली ढेर
साल 2020 में पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में पहली बार 4 महिला नक्सली भी मारी गई. यह पहली बार हुआ है जब झारखंड में पुलिस के साथ हुई आमने-सामने की लड़ाई में महिला नक्सलियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. एक अनुमान के अनुसार अभी भी 100 से अधिक महिला नक्सली झारखंड में सक्रिय हैं.
तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के कमांडर भीखन गंझू को एनआईए ने एक नए मामले में वांटेड घोषित किया है. पहले से मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में वांटेड रहे भीखन की तलाश एनआईए के साथ-साथ राज्य की पुलिस को भी है. एनआईए ने अक्तूबर महीनें में बिहार के आर्म्स तस्कर गिरोह के तस्करों के खिलाफ चार्जशीट की थी. चार्जशीट में भीखन गंझू के नाम का भी खुलासा हुआ था. एनआईए ने ऐसे में भीखन गंझू को इस मामले में वांटेड घोषित किया है. नागालैंड आर्म्स डील केस में संलिप्तता के बाद भीखन गंझू के तार नागालैंड के अलगाववादी नेता एन सांगथम से जुड़ रहे हैं. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों ने 50 से अधिक एके 47 हथियार खरीदे थे. इस सारी डील में भीखन गंझू शामिल था. म्यांमार आर्मी के हथियारों की भी तस्करी कर टीपीसी उग्रवादियों को बेचे गए थे.
पीएलएफआई के हार्डकोर उग्रवादियों और उनकी संपत्ति का सुराग जुटाने के अभियान के बाद ऐसा ही अभियान भाकपा माओवादियों के खिलाफ शुरू किया गया है. राज्य पुलिस मुख्यायल की ओर से भाकपा माओवादियों के चार शीर्ष नेताओं समेत 12 उग्रवादियों के खिलाफ घोषित इनाम की राशि को रिन्यू किया गया है. वहीं हार्डकोर माओवादियों की संपत्ति की जानकारी देने वालों को भी पुरस्कृत करने का ऐलान किया गया है. वर्तमान में ये सभी शीर्ष उग्रवादी कोल्हान के इलाके में सक्रिय हैं. पूर्व से एक करोड़ के इनामी रहे पोलित ब्यूरो मेंबर और ईस्टर्न रीजनल कमान के सचिव प्रशांत बोस, सेंटल कमेटी मेंबर मिसिर बेसरा, अनल दा उर्फ पतिराम मांझी और असीम मंडल उर्फ आकाश पर एक करोड़ का इनाम घोषित है.