रांचीः क्या आपको पता है शहर के हर गली हर चौक चौराहे पर लगे महावीरी पताकों की सिलाई कौन करते हैं, कौन इन्हें सड़कों पर बेचते हैं. राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी के खेत मोहल्ले के रहने वाले ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार हैं जो महावीरी पताकों का निर्माण, रामनवमी आने के 2 महीने पहले से ही करते हैं. इनमें से ही एक परिवार है नसीम अंसारी का.
ये काम लगातार 15 वर्षों से ये लोग करते आ रहे हैं. ये ऐसे मुस्लिम परिवार हैं जो राम नवमी के 2 महीने पहले से ही उत्सव के माहौल में डूबे रहते हैं. साथ ही लोगों को कई तरह के सीख भी दे जाते हैं. रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेच रहे नसीम अंसारी की बातें आपके दिल को भी छू लेंगी.
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नसीम अंसारी समाज में उन्माद फैलाने वाले उपद्रवी तत्वों को चेतावनी देते हैं. रांची की सड़कों पर महावीरी पताका बेचने वाले 99% लोग मुस्लिम समुदाय से जुड़े हैं और ये लोग ही महावीरी पताका भी बनाते है. आज देश को ऐसे ही लोगों की जरूरत है जिनके जरिए देश में अमन चैन और शांति लाया जा सके.
राजधानी की सड़कों में महावीरी पताका बेचने वाले नसीम अंसारी भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. रमजान में बसे राम और दीपावली में अली को चरितार्थ करने वाले नसीम की सोच दूसरों से अलग है. इनका मानना है कि हर एक नागरिक को हर एक धर्मों का सम्मान करना चाहिए तभी हिंदुस्तान का अस्तित्व बचेगा.