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इस मुस्लिम परिवार में 2 महीने पहले ही होने लगती है रामनवमी की तैयारी, लेते हैं रामलला के जन्म उत्सव में हिस्सा - झारखंड न्यूज

क्या आपको पता है शहर के हर गली हर चौक चौराहे पर लगे महावीरी पताकों की सिलाई कौन करते हैं, कौन इन्हें सड़कों पर बेचते हैं. राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी के खेत मोहल्ले के रहने वाले ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार हैं जो महावीरी पताकों का निर्माण, रामनवमी आने के 2 महीने पहले से ही करते हैं. इनमें से ही एक परिवार है नसीम अंसारी का.

इस मुस्लिम परिवार में 2 महीने पहले ही होने लगती है रामनवमी की तैयारी
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Published : Apr 12, 2019, 6:31 PM IST

रांचीः क्या आपको पता है शहर के हर गली हर चौक चौराहे पर लगे महावीरी पताकों की सिलाई कौन करते हैं, कौन इन्हें सड़कों पर बेचते हैं. राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी के खेत मोहल्ले के रहने वाले ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार हैं जो महावीरी पताकों का निर्माण, रामनवमी आने के 2 महीने पहले से ही करते हैं. इनमें से ही एक परिवार है नसीम अंसारी का.

इस मुस्लिम परिवार में 2 महीने पहले ही होने लगती है रामनवमी की तैयारी

ये काम लगातार 15 वर्षों से ये लोग करते आ रहे हैं. ये ऐसे मुस्लिम परिवार हैं जो राम नवमी के 2 महीने पहले से ही उत्सव के माहौल में डूबे रहते हैं. साथ ही लोगों को कई तरह के सीख भी दे जाते हैं. रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेच रहे नसीम अंसारी की बातें आपके दिल को भी छू लेंगी.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव में झारखंड के जिलों को खर्च के लिए मिली है इतनी राशि, देखिए …

नसीम अंसारी समाज में उन्माद फैलाने वाले उपद्रवी तत्वों को चेतावनी देते हैं. रांची की सड़कों पर महावीरी पताका बेचने वाले 99% लोग मुस्लिम समुदाय से जुड़े हैं और ये लोग ही महावीरी पताका भी बनाते है. आज देश को ऐसे ही लोगों की जरूरत है जिनके जरिए देश में अमन चैन और शांति लाया जा सके.

राजधानी की सड़कों में महावीरी पताका बेचने वाले नसीम अंसारी भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. रमजान में बसे राम और दीपावली में अली को चरितार्थ करने वाले नसीम की सोच दूसरों से अलग है. इनका मानना है कि हर एक नागरिक को हर एक धर्मों का सम्मान करना चाहिए तभी हिंदुस्तान का अस्तित्व बचेगा.

रांचीः क्या आपको पता है शहर के हर गली हर चौक चौराहे पर लगे महावीरी पताकों की सिलाई कौन करते हैं, कौन इन्हें सड़कों पर बेचते हैं. राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी के खेत मोहल्ले के रहने वाले ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार हैं जो महावीरी पताकों का निर्माण, रामनवमी आने के 2 महीने पहले से ही करते हैं. इनमें से ही एक परिवार है नसीम अंसारी का.

इस मुस्लिम परिवार में 2 महीने पहले ही होने लगती है रामनवमी की तैयारी

ये काम लगातार 15 वर्षों से ये लोग करते आ रहे हैं. ये ऐसे मुस्लिम परिवार हैं जो राम नवमी के 2 महीने पहले से ही उत्सव के माहौल में डूबे रहते हैं. साथ ही लोगों को कई तरह के सीख भी दे जाते हैं. रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेच रहे नसीम अंसारी की बातें आपके दिल को भी छू लेंगी.

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नसीम अंसारी समाज में उन्माद फैलाने वाले उपद्रवी तत्वों को चेतावनी देते हैं. रांची की सड़कों पर महावीरी पताका बेचने वाले 99% लोग मुस्लिम समुदाय से जुड़े हैं और ये लोग ही महावीरी पताका भी बनाते है. आज देश को ऐसे ही लोगों की जरूरत है जिनके जरिए देश में अमन चैन और शांति लाया जा सके.

राजधानी की सड़कों में महावीरी पताका बेचने वाले नसीम अंसारी भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. रमजान में बसे राम और दीपावली में अली को चरितार्थ करने वाले नसीम की सोच दूसरों से अलग है. इनका मानना है कि हर एक नागरिक को हर एक धर्मों का सम्मान करना चाहिए तभी हिंदुस्तान का अस्तित्व बचेगा.

Intro:रमजान में बसे राम दीपावली में अली इसे चरितार्थ कर रहा है राजधानी रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेचने वाले नसीम अंसारी . नसीम रामनवमी के 2 महीने पहले से अपने पूरे परिवार के साथ महावीरी पताका का निर्माण का काम करते हैं और रामनवमी के दौरान राजधानी रांची के सड़कों पर महावीरी पताका की बिक्री भी करते हैं .इनकी मानें तो हर एक नागरिक को हर एक धर्मों का सम्मान करना चाहिए तभी हिंदुस्तान का अस्तित्व बचेगा.


Body:क्या आपको पता है शहर के हर गली हर चौक चौराहा पर लगे महावीरी पताको कि सिलाई कौन करते हैं और कौन इन्हें सड़कों पर बेचते हैं .तो आइए हम आपको बताते हैं ,दरसअल राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी के खेत मोहल्ले के रहने वाले ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार हैं जो महावीरी पताको का निर्माण ,रामनवमी आने के 2 महीने पहले से ही करते हैं और यह काम लगातार 15 वर्षों से ये लोग करते आ रहे हैं .ये येसे मुस्लिम परिवार हैं जो राम नवमी के 2 महीने पहले से ही उत्सव के माहौल में डूबे रहते हैं. और लोगों को कई तरह के सिख भी दे जाते हैं .हमारी टीम ने रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेच रहे नसीम अंसारी नामक एक व्यक्ति से बात की इन्होंने ऐसे कई बातें कही जो दिल को छू जाता है ,साथ ही समाज में उन्माद फैलाने वाले उपद्रवी तत्वों को चेतावनी देते हैं .रांची के सड़कों पर महावीरी पताका बेचने वाले 99% मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग हैं और इन्हीं लोगों के द्वारा महावीरी पताका बनाया भी जाता है .आज देश को ऐसे ही लोगों की जरूरत है जिनके जरिए देश में अमन चैन और शांति लाया जा सके.


बाइट-नसीम अंसारी।


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