रांचीः झारखंड में दिन-प्रतिदिन कानून व्यवस्था ध्वस्त हो रही है. झारखंड में मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए विधानसभा से विधेयक पास कराया गया है, लेकिन राज्य में मॉब लिंचिंग रुक नहीं रहा है. मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर राज्य सरकार कुछ बोल भी नहीं रही है. इससे उसकी मंशा समझ सकते हैं. ये बातें शनिवार को सांसद संजय सेठ ने संवाददाता सम्मेलन में कही.
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उन्होंने कहा कि हजारीबाग के बरही में रुपेश पांडेय का क्या कसूर था? कुछ लोगों ने घर से खींच कर सरस्वती पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान उसकी हत्या कर दी. यह बेहद ही चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना पर किसी बुद्धिजीवी ने आवाज नहीं उठाई और ना ही किसी ने कैंडल मार्च निकला. वहीं, अवार्ड वापसी गैंग भी कहीं नहीं दिखाई दिया. उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले सिमडेगा सहित राज्य के कई जिलों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी है. लेकिन सरकार का बयान नहीं आया. उन्होंने कहा कि बरही की घटना में शिकार हुए रुपेश पांडेय हत्याकांड की सीबीआई जांच हो, ताकि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिले.
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मुक्त अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत रांची के एक लाख लोगों को जूट का झोला उपलब्ध करवाएंगे. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से लोगों के बीच प्लास्टिक को बाय बाय करने की अपील करने के साथ साथ झोला वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि संसद में रांची में रेलवे का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की मांग को उठाया है. उन्होंने कहा कि 255 छोटे बड़े रेलवे स्टेशन हैं. इसके माध्यम से सालाना 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व झारखंड रेलवे बोर्ड को देता है.