रांची: गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूति इंटरप्राइजेज की ओर से देवघर में लगभग 31 एकड़ जमीन खरीद के विवाद में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सांसद पत्नी अनामिका गौतम के अधिवक्ता को अमेंडेड पिटिशन दायर करने का निर्देश दिया है. सरकार को उनके अमेंडेड पिटिशन पर जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूमि इंटरप्राइजेज की ओर से देवघर में जमीन खरीद के विवाद की हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सांसद की पत्नी के अधिवक्ता ने देवघर डीसी की कार्य प्रणाली पर कई गंभीर प्रश्न खड़ा किए. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि पक्षपात कर रहे हैं. इस पर अदालत ने उन्हें अमेंडेड पिटिशन अदालत में पेश करने का आदेश दिया. साथ ही प्रार्थी के अमेंडेड पिटिशन पर सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया है. प्रार्थी के अमेंडेड पिटिशन और सरकार के जवाब के बाद मामले में आगे सुनवाई होगी.
डीसी ने रद्द कर दिया है म्यूटेशन
देवघर डीसी ने सांसद निशिकांत की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूति इंटरप्राइजेज के नाम पंजीकृत करीब 31 एकड़ जमीन का म्यूटेशन रद्द करने का आदेश दिया है. यह भूमि देवघर जिले के देवीपुर के होदकुरा मौजा में स्थित है. भूमि का खाता संख्या 05 और 06 है. कुल भूमि 30.9 एकड़ है. इस विवादित जमीन का मामला लंबे समय से देवघर डीसी की अदालत में चल रहा था. जिस पर डीसी ने फैसला सुनाया है. यह पहली बार नहीं है, जब सांसद निशिकांत की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी के नाम जमीन की जमाबंदी रद्द की गई है. इससे पहले भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. जिसे लेकर निशिकांत दुबे की पत्नी झारखंड हाईकोर्ट पहुंची. कोर्ट से भी उन्हें राहत मिली है.