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सांसद महेश पोद्दार ने ट्रांसजेंडर्स पर मांगा सरकार से जवाब, मंत्री बोले-राष्ट्रीय परिषद बनाई, वही परखेगी नीतियों का प्रभाव - सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया

झारखंड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने साल 2020 के मानसून सत्र में सदन में ट्रांसजेंडर के अधिकार और देश में डिजिटल शिक्षा के प्रसार पर सवाल पूछे. इस दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने बताया कि ट्रांसजेंडर के लिए राष्ट्रीय परिषद बनाई गई है. वही इनसे संबंधित नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करेगी.

mp mahesh poddar
सांसद महेश पोद्दार
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Published : Sep 18, 2020, 7:17 PM IST

रांची : झारखंड से राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार ने मानसून सत्र में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों पर सदन में सरकार से सवाल पूछा. इस पर विभागीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने इस समुदाय के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने इनके हितों के संरक्षण के लिए “उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया है. इस एक्ट के तहत ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद’ का भी गठन किया गया है. यही नीति इस समुदाय के लिए बनाई गई नीतियों के प्रभाव का आकलन करेगी और तौर-तरीका निर्धारित करेगी.

राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार की ओर से पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने बताया कि उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के के अनुसार परिषद में अन्य सदस्यों के साथ-साथ, बारी-बारी से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के उभयलिंगी समुदाय के पांच प्रतिनिधि और उभयलिंगी व्यक्तियों के कल्याण के लिए कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों, संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच विशेषज्ञ शामिल होंगे. इन्हें केंद्र सरकार नामित करेगी.परिषद विभिन्न सरकारी नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने और तौर-तरीकों को निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होगी.

ये भी पढ़ें-सदन में दिखा कोरोना का असर, प्रथम अनुपूरक बजट पेश, दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि

साढे़ 53 लाख लोगों को बनाया गया डिजिटल साक्षर

इसके अलावा राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने डिजिटाइजेशन के युग में देश के कितने लोगों को सरकार ने डिजिटल साक्षर बनाया, इस बाबत सवाल पूछा. इसके जवाब में उन्हें बताया गया कि सरकार आधुनिक सूचना तकनीक को देश के जन-जन तक पहुंचाने को प्रतिबद्ध है. राष्‍ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन और डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत कुल 53.67 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 42% अभ्‍यर्थी ग्रामीण इलाकों से थे.

स्वयं प्रभा से इंटरनेट शिक्षा का प्रसार

इसके अलावा 2017 में शुरू “प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान नामक स्‍कीम के तहत 11 सितम्बर 2020 तक कुल 2,39,903 ग्राम पंचायतों को पंजीकृत किया जा चुका है. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में संचार, शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक , सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि “स्‍वयं-प्रभा” के तहत शिक्षा मंत्रालय इंटरनेट से वंचित नागरिकों के लिए विद्यालयों तथा उच्‍च शैक्षणिक संस्‍थाओं के लिए शिक्षा संबंधी विषय-वस्‍तु प्रसारित करने वाले 34 शैक्षणिक चैनल चला रहा है.

रांची : झारखंड से राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार ने मानसून सत्र में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों पर सदन में सरकार से सवाल पूछा. इस पर विभागीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने इस समुदाय के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने इनके हितों के संरक्षण के लिए “उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया है. इस एक्ट के तहत ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद’ का भी गठन किया गया है. यही नीति इस समुदाय के लिए बनाई गई नीतियों के प्रभाव का आकलन करेगी और तौर-तरीका निर्धारित करेगी.

राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार की ओर से पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने बताया कि उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के के अनुसार परिषद में अन्य सदस्यों के साथ-साथ, बारी-बारी से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के उभयलिंगी समुदाय के पांच प्रतिनिधि और उभयलिंगी व्यक्तियों के कल्याण के लिए कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों, संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच विशेषज्ञ शामिल होंगे. इन्हें केंद्र सरकार नामित करेगी.परिषद विभिन्न सरकारी नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने और तौर-तरीकों को निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होगी.

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साढे़ 53 लाख लोगों को बनाया गया डिजिटल साक्षर

इसके अलावा राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने डिजिटाइजेशन के युग में देश के कितने लोगों को सरकार ने डिजिटल साक्षर बनाया, इस बाबत सवाल पूछा. इसके जवाब में उन्हें बताया गया कि सरकार आधुनिक सूचना तकनीक को देश के जन-जन तक पहुंचाने को प्रतिबद्ध है. राष्‍ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन और डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत कुल 53.67 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 42% अभ्‍यर्थी ग्रामीण इलाकों से थे.

स्वयं प्रभा से इंटरनेट शिक्षा का प्रसार

इसके अलावा 2017 में शुरू “प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान नामक स्‍कीम के तहत 11 सितम्बर 2020 तक कुल 2,39,903 ग्राम पंचायतों को पंजीकृत किया जा चुका है. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में संचार, शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक , सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि “स्‍वयं-प्रभा” के तहत शिक्षा मंत्रालय इंटरनेट से वंचित नागरिकों के लिए विद्यालयों तथा उच्‍च शैक्षणिक संस्‍थाओं के लिए शिक्षा संबंधी विषय-वस्‍तु प्रसारित करने वाले 34 शैक्षणिक चैनल चला रहा है.

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