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चांडिल में स्थापित होगा आईटीआई, टाटा फाउंडेशन और राज्य सरकार के बीच समझौता - औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना

टाटा स्टील फाउंडेशन ने झारखंड सरकार के साथ सरायकेला-खरसावां के चांडिल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है.

MOU between Tata Foundation and State Government to be set up ITI in Chandil
चांडिल में स्थापित होगा आईटीआई
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Published : Apr 6, 2022, 11:05 PM IST

रांचीः राज्य के अधिक से अधिक युवा प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने के उद्देश्य से टाटा स्टील फाउंडेशन ने झारखंड सरकार के साथ सरायकेला-खरसावां के चांडिल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और टाटा फाउंडेशन के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के चीफ सौरव राय ने इस पर हस्ताक्षर किया है.

ये भी पढ़ें-जमशेदपुर में टाटा स्टील कंपनी ने दिया गिफ्ट, 565 सहियाओं और एएनएम का बीच ई-स्कूटर का वितरण

चांडिल में स्थापित किया जाने वाला आईटीआई तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में 100 छात्रों की प्रारंभिक क्षमता के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगा और 2023 शैक्षणिक सत्र से संचालित होगा. यह दो साल की अवधि के साथ इलेक्ट्रिकल, फिटर, टर्नर और वेल्डर जैसे विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों को शुरू करेगा. इसका उद्देश्य एक ऐसे मंच का निर्माण करना है, जहां स्थानीय युवा रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें और अपने परिवार की आमदनी में महत्वपूर्ण योगदान देने के सपने को पूरा कर सकें.

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा कि झारखंड और ओडिशा में हमारे परिचालन क्षेत्रों से युवाओं के कौशल विकास की दिशा में काम किया जा रहा है. झारखंड के युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाने के हमारे मिशन के तहत हम झारखंड में अपना तीसरा आईटीआई शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व से जिन दो आईटीआई का संचालन फाउंडेशन कर रहा है, वह विदेशों सहित उत्कृष्ट प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड का साक्षी है. जिनमें राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कुछ अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं.

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के चीफ सौरभ रॉय ने कहा कि टीएसएफ का ध्यान विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समुदायों तक पहुंचने पर है. यह कौशल विकास के महत्वपूर्ण रोडमैप में अगला कदम भी है, जिसकी परिकल्पना फाउंडेशन ने झारखंड राज्य के लिए की है. टीएसएफ राज्य भर में इन पहलों को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम करने को इच्छुक है.

चांडिल और उसके आसपास के क्षेत्रों में आदिवासी लोगों की महत्वपूर्ण आबादी है. ज्यादातर लोग जीवन यापन के लिए खेती करते हैं, जो अक्सर वन उपज पर निर्भर होते हैं. यहां स्थापित किए जाने वाले आईटीआई का उद्देश्य विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण सहायता के माध्यम से युवाओं को पोषण, तरक्की और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता कौशल बल और सहायता प्रदान करना है. यह लड़कियों के मन में तकनीकी क्षेत्र में करियर तलाशने की आकांक्षा पैदा करने की दिशा में भी काम करेगा और अपने परिवारों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा. वर्तमान में झारखंड में टीएसएफ द्वारा प्रबंधित दो संस्थानों आईटीआई तामाड़ और आईटीआई जगन्नाथपुर दोनों संस्थानों का प्लेसमेंट अच्छा रहा है.

रांचीः राज्य के अधिक से अधिक युवा प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने के उद्देश्य से टाटा स्टील फाउंडेशन ने झारखंड सरकार के साथ सरायकेला-खरसावां के चांडिल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और टाटा फाउंडेशन के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के चीफ सौरव राय ने इस पर हस्ताक्षर किया है.

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चांडिल में स्थापित किया जाने वाला आईटीआई तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में 100 छात्रों की प्रारंभिक क्षमता के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगा और 2023 शैक्षणिक सत्र से संचालित होगा. यह दो साल की अवधि के साथ इलेक्ट्रिकल, फिटर, टर्नर और वेल्डर जैसे विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों को शुरू करेगा. इसका उद्देश्य एक ऐसे मंच का निर्माण करना है, जहां स्थानीय युवा रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें और अपने परिवार की आमदनी में महत्वपूर्ण योगदान देने के सपने को पूरा कर सकें.

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा कि झारखंड और ओडिशा में हमारे परिचालन क्षेत्रों से युवाओं के कौशल विकास की दिशा में काम किया जा रहा है. झारखंड के युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाने के हमारे मिशन के तहत हम झारखंड में अपना तीसरा आईटीआई शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व से जिन दो आईटीआई का संचालन फाउंडेशन कर रहा है, वह विदेशों सहित उत्कृष्ट प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड का साक्षी है. जिनमें राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कुछ अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं.

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के चीफ सौरभ रॉय ने कहा कि टीएसएफ का ध्यान विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समुदायों तक पहुंचने पर है. यह कौशल विकास के महत्वपूर्ण रोडमैप में अगला कदम भी है, जिसकी परिकल्पना फाउंडेशन ने झारखंड राज्य के लिए की है. टीएसएफ राज्य भर में इन पहलों को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम करने को इच्छुक है.

चांडिल और उसके आसपास के क्षेत्रों में आदिवासी लोगों की महत्वपूर्ण आबादी है. ज्यादातर लोग जीवन यापन के लिए खेती करते हैं, जो अक्सर वन उपज पर निर्भर होते हैं. यहां स्थापित किए जाने वाले आईटीआई का उद्देश्य विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण सहायता के माध्यम से युवाओं को पोषण, तरक्की और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता कौशल बल और सहायता प्रदान करना है. यह लड़कियों के मन में तकनीकी क्षेत्र में करियर तलाशने की आकांक्षा पैदा करने की दिशा में भी काम करेगा और अपने परिवारों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा. वर्तमान में झारखंड में टीएसएफ द्वारा प्रबंधित दो संस्थानों आईटीआई तामाड़ और आईटीआई जगन्नाथपुर दोनों संस्थानों का प्लेसमेंट अच्छा रहा है.

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