रांचीः कोरोना काल में परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आर्थिक संकट से जूझ रहे मोटर मजदूरों और चालकों को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. इस समस्या को देखते हुए रविवार को मोटर मजदूर यूनियन और चालक कल्याण संघ ने बैठक की. इस बैठक में दोनों संघों ने राज्य सरकार से मांग कि है कि बसों का परिचालन शुरू करें, अन्यथा परिवहन से जुड़े लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराएं.
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चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष विश्वनाथ मिश्रा ने बताया कि सरकार की उदासीन रवैया के कारण अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शुरू नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि प्लेन, ट्रेन और अन्य कमर्शियल वाहनों का परिचालन शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि झारखंड से बाहर के राज्यों में जाने वाली बसों को कोरोना संक्रमण को लेकर बंद रखा गया है, जो ठीक नहीं है.
मांगों पर विचार नहीं किया, तो आंदोलन
विश्वनाथ मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर राज्य के परिवहन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बात की है, लेकिन मांगों पर विचार करने वाला कोई नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो आने वाले समय में बस चालक, उपचालक, स्टैंड किरानी, टिकट बुकर, कुली सभी अपने परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना पर बैठने के लिए मजबूर होंगे.
भुखमरी के कगार पर परिवहन मजदूर
मोटर मजदूर यूनियन के सदस्य जमील अहमद ने बताया कि बस परिचालन शुरू होने से बड़ी संख्या में मजदूरों को काम मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि बस स्टैंड में सिर्फ चालक, उपचालक की नहीं, बल्कि उससे जुड़े कई लोगों को काम मिलता है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जल्द से जल्द झारखंड से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए, ताकि भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे मजदूरों को भोजन मिल जाएगा.
बसों का परिचालन की अनुमति नहीं
बता दें कि परिवहन विभाग की ओर से अभी तक झारखंड से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन की अनुमति नहीं दी गई है. इससे बस चालक और उससे जुड़े कर्मचारी भूखमरी की जिंदगी जीने को विवश हैं. इसलिए बस चालक कल्याण संघ और मोटर मजदूर यूनियन की ओर से मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द बसों का परिचालन शुरू किया जाए.