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रांचीः नहीं खुले जिले के अधिकतर निजी स्कूल, अभिभावक बोले-वैक्सीन के बाद ही भेजेंगे

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Published : Dec 21, 2020, 9:21 PM IST

झारखंड सरकार के आदेश के बाद सूबे में 10वीं और 12वीं के स्कूल शुरू हो गए हैं, लेकिन परिजनों में कोरोना को लेकर डर बना हुआ है. पहले दिन कम संख्या में छात्र स्कूल पहुंचे. अधिकांश निजी स्कूल बंद रहे.

नहीं खुले स्कूल
नहीं खुले स्कूल

रांचीः सोमवार से 10वीं और 12वीं के स्कूल भले ही खोल दिया गए हैं, लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. अभी भी ऐसे 70 फीसदी अभिभावक हैं जो वैक्सीन आने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. इसी कारण सोमवार को जिले के अधिकतर निजी स्कूल बंद ही दिखे.

अभिभावकों की जानी गई राय

अभिभावकों को अभी भी यह चिंता सता रही है कि आखिर वैक्सीन नहीं आने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर आदेश कैसे निकाला गया, जबकि बुजुर्ग और बच्चों के लिए कोरोना वायरस सबसे ज्यादा घातक है.

हमारी टीम ने ऐसे कई अभिभावकों से बातचीत की और उनका राय भी जानने की कोशिश की गई.कई निजी स्कूल प्रबंधकों से भी बातचीत की गई है. मामले को लेकर निजी स्कूलों ने सीधे तौर पर कहा है कि अभिभावकों के सहमति मिलने के बाद ही वह अपने स्कूल बच्चों के लिए खोलेंगे, तब तक ऑनलाइन पठन-पाठन ही संचालित होगी.

45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति

राज्य सरकार की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को देखते हुए राज्य के तमाम निजी और सरकारी स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया गया है और इस निर्देश के तहत सोमवार को सरकारी स्कूलों में भी 45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति रही.

यह भी पढ़ेंः

वहीं एक-दो निजी स्कूल छोड़ दें तो शहर के अधिकतर निजी स्कूल बंद ही दिखे. कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन अधिकतर पेरेंट्स वैक्सीन आने के इंतजार में हैं. स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं .सहमति मिलने के बाद ही वह स्कूल खोले जाने के पक्ष में है.

यह भी पढ़ेंः धनबाद: बेलगड़िया टाउनशिप के निर्माण में हो रहा घटिया क्वालिटी की साम्रगी का प्रयोग, विधायक ने लगाए गंभीर आरोप

कुछ अभिभावकों ने तो सीधे तौर पर कहा है कि जब तक वह अपने बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगवा देंगे, तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.

बच्चों को वैक्सीन लगाना नहीं होगा आसान

कोरोना की वैक्सीन लगाना और इसे डिस्ट्रीब्यूट करना सरकार के लिए उतना आसान नहीं होगा. कई चरण के वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के बाद आम लोग और बच्चों तक वैक्सीन मुहैया होगा.

तब तक 2021 के तीन से चार महीने बीत हो चुके होंगे .ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो अभिभावक वैक्सीन के बिना बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं उनके लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से क्या कुछ व्यवस्था की जाएगी. हालांकि कई निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के पक्ष में अभी भी हैं. वे कहते हैं कि अभिभावक चाहें तो फिलहाल ऑनलाइन क्लासेज संचालित कर सकते हैं.

रांचीः सोमवार से 10वीं और 12वीं के स्कूल भले ही खोल दिया गए हैं, लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. अभी भी ऐसे 70 फीसदी अभिभावक हैं जो वैक्सीन आने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. इसी कारण सोमवार को जिले के अधिकतर निजी स्कूल बंद ही दिखे.

अभिभावकों की जानी गई राय

अभिभावकों को अभी भी यह चिंता सता रही है कि आखिर वैक्सीन नहीं आने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर आदेश कैसे निकाला गया, जबकि बुजुर्ग और बच्चों के लिए कोरोना वायरस सबसे ज्यादा घातक है.

हमारी टीम ने ऐसे कई अभिभावकों से बातचीत की और उनका राय भी जानने की कोशिश की गई.कई निजी स्कूल प्रबंधकों से भी बातचीत की गई है. मामले को लेकर निजी स्कूलों ने सीधे तौर पर कहा है कि अभिभावकों के सहमति मिलने के बाद ही वह अपने स्कूल बच्चों के लिए खोलेंगे, तब तक ऑनलाइन पठन-पाठन ही संचालित होगी.

45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति

राज्य सरकार की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को देखते हुए राज्य के तमाम निजी और सरकारी स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया गया है और इस निर्देश के तहत सोमवार को सरकारी स्कूलों में भी 45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति रही.

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वहीं एक-दो निजी स्कूल छोड़ दें तो शहर के अधिकतर निजी स्कूल बंद ही दिखे. कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन अधिकतर पेरेंट्स वैक्सीन आने के इंतजार में हैं. स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं .सहमति मिलने के बाद ही वह स्कूल खोले जाने के पक्ष में है.

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कुछ अभिभावकों ने तो सीधे तौर पर कहा है कि जब तक वह अपने बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगवा देंगे, तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.

बच्चों को वैक्सीन लगाना नहीं होगा आसान

कोरोना की वैक्सीन लगाना और इसे डिस्ट्रीब्यूट करना सरकार के लिए उतना आसान नहीं होगा. कई चरण के वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के बाद आम लोग और बच्चों तक वैक्सीन मुहैया होगा.

तब तक 2021 के तीन से चार महीने बीत हो चुके होंगे .ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो अभिभावक वैक्सीन के बिना बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं उनके लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से क्या कुछ व्यवस्था की जाएगी. हालांकि कई निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के पक्ष में अभी भी हैं. वे कहते हैं कि अभिभावक चाहें तो फिलहाल ऑनलाइन क्लासेज संचालित कर सकते हैं.

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