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रांची में मच्छरों का प्रकोप बदस्तूर जारी, फॉगिंग मशीन पर उठ रहे सवाल

रांची में निगम ने मच्छर मारने के लिए कोल्ड फॉगिंग मशीन की खरीददारी की थी. इसे लेकर निगम का दावा है कि यह बहुत ही बेहतरीन काम कर रही है, जबकि आम लोग इस मशीन के काम पर सवाल उठा रहे हैं.

रांची में कोल्ड फॉगिंग मशीन पर उठ रहे सवाल
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Published : Aug 19, 2019, 9:57 PM IST

रांची: राजधानी के 53 वार्डों में नगर निगम ने मच्छर मारने के लिए कोल्ड फॉगिंग मशीन से रोस्टर तैयार किया गया है, लेकिन गली-मोहल्लों में यह मशीन कभी-कभार ही नजर आती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन मशीनों से दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों से ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है. इतना ही नहीं इससे मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर भी कोई असर नहीं हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सही में इन मशीनों से होने वाले दवा छिड़काव से मच्छरों का खात्मा हो रहा है या नहीं.

देखें खबर

क्या कह रही है जनता
जनता का सीधा जवाब है कि निगम मच्छरों के प्रकोप से लोगों को मुक्ति दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है. स्थानीय लक्ष्मण प्रजापति और अनंत कुमार का कहना है कि दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों के सफाए में कोई खास असर नहीं पड़ा है बल्कि मच्छरों का प्रकोप बदस्तूर जारी है.

क्या कह रहा है निगम
हालांकि निगम का मानना है कि शहर में मच्छरों को मारने के लिए जिन दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है, उससे मच्छरों के सफाए में फायदा हो रहा है. शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने दावा किया है कि जमशेदपुर में टेस्टेड कोल्ड फॉगिंग मशीन मच्छरों के लारवा को मारने में सक्षम है. उनका कहना है कि इस मशीन को आए अभी 3 महीने ही हुए हैं और मशीन भी निगम के पास कम है, जिसे देखते हुए निगम और भी मशीन लाने की तैयारी कर रही है.


क्या कह रहे हैं पूर्व पार्षद
वहीं पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता ने इसे लेकर नगर निगम की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा है कि सिर्फ कमीशन के लिए निगम महंगे मशीनों की खरीदारी कर रही है

बता दें कि रांची नगर निगम तीन कोल्ड फॉगिंग मशीनों के जरिए शहर में मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रहा है. एक कोल्ड फॉगिंग मशीन की कीमत लगभग 35 लाख रुपये है. निगम का कहना है कि वह और भी कोल्ड फागिंग मशीन लाने की तैयारी में है.

रांची: राजधानी के 53 वार्डों में नगर निगम ने मच्छर मारने के लिए कोल्ड फॉगिंग मशीन से रोस्टर तैयार किया गया है, लेकिन गली-मोहल्लों में यह मशीन कभी-कभार ही नजर आती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन मशीनों से दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों से ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है. इतना ही नहीं इससे मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर भी कोई असर नहीं हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सही में इन मशीनों से होने वाले दवा छिड़काव से मच्छरों का खात्मा हो रहा है या नहीं.

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क्या कह रही है जनता
जनता का सीधा जवाब है कि निगम मच्छरों के प्रकोप से लोगों को मुक्ति दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है. स्थानीय लक्ष्मण प्रजापति और अनंत कुमार का कहना है कि दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों के सफाए में कोई खास असर नहीं पड़ा है बल्कि मच्छरों का प्रकोप बदस्तूर जारी है.

क्या कह रहा है निगम
हालांकि निगम का मानना है कि शहर में मच्छरों को मारने के लिए जिन दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है, उससे मच्छरों के सफाए में फायदा हो रहा है. शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने दावा किया है कि जमशेदपुर में टेस्टेड कोल्ड फॉगिंग मशीन मच्छरों के लारवा को मारने में सक्षम है. उनका कहना है कि इस मशीन को आए अभी 3 महीने ही हुए हैं और मशीन भी निगम के पास कम है, जिसे देखते हुए निगम और भी मशीन लाने की तैयारी कर रही है.


क्या कह रहे हैं पूर्व पार्षद
वहीं पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता ने इसे लेकर नगर निगम की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा है कि सिर्फ कमीशन के लिए निगम महंगे मशीनों की खरीदारी कर रही है

बता दें कि रांची नगर निगम तीन कोल्ड फॉगिंग मशीनों के जरिए शहर में मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रहा है. एक कोल्ड फॉगिंग मशीन की कीमत लगभग 35 लाख रुपये है. निगम का कहना है कि वह और भी कोल्ड फागिंग मशीन लाने की तैयारी में है.

Intro:रांची.राजधानी के 53 वार्डों में नगर निगम द्वारा मच्छर मारने के लिए कोल्ड फागिंग मशीन द्वारा रोस्टर तो तैयार किया गया। लेकिन गली मोहल्लों में यह मशीन कभी-कभार ही नजर आते हैं और उन मशीनों द्वारा दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों से ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है। मच्छरों का प्रकोप खत्म होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। यह हम नहीं बल्कि शहर की जनता कह रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन मशीनों के द्वारा दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों का खात्मा हो रहा है या नहीं।


Body:इस सवाल पर जनता का सीधा जवाब है कि निगम मच्छरों के प्रकोप से लोगों को मुक्ति दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। स्थानीय लक्ष्मण प्रजापति और अनंत कुमार का कहना है कि दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों के सफाए में कोई खास असर नहीं पड़ा है। बल्कि मच्छरों का प्रकोप बदस्तूर जारी है और आम लोगों के लिए यह छिड़काव नुकसानदायक ही साबित होगी।

बाइट 1-लक्ष्मण प्रजापति,स्थानीय
बाइट 2-अनंत कुमार,स्थानीय


लेकिन निगम का मानना है कि शहर में मच्छरों को मारने के लिए जिन दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है।उससे मच्छरों के सफाए में फायदा हो रहा है। शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने दावा किया है कि जमशेदपुर में टेस्टेड कोल्ड फॉकिंग मशीनों का इस्तेमाल राजधानी में मच्छर मारने के लिए किया जा रहा है। जो मच्छरों के लारवा को मारने में सक्षम है । हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी इन मशीनों के इस्तेमाल के 3 महीने हुए हैं। कुछ और दिन हमें इंतजार करना चाहिए।

बाइट 3- संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, रांची



Conclusion:जबकि पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता राजेश गुप्ता ने नगर निगम के कार्यशैली पर ही सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा है कि सिर्फ कमीशन के लिए महंगे मशीनों की खरीदारी निगम कर रही है। जिससे आम जनता को फायदा ना होकर निगम के पदाधिकारियों को फायदा हो रहा है।

बाइट 4- राजेश गुप्ता, पूर्व पार्षद सह कांग्रेस नेता

बता दें कि रांची नगर निगम तीन कोल्ड फागिंग मशीनों के जरिए शहर में मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रहा है। एक कोल्ड फागिंग मशीन की कीमत लगभग 35 लाख रुपये है। ऐसे में निगम और भी कोल्ड फागिंग मशीन लेने की तैयारी में है।
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