रांची: राजधानी के 53 वार्डों में नगर निगम ने मच्छर मारने के लिए कोल्ड फॉगिंग मशीन से रोस्टर तैयार किया गया है, लेकिन गली-मोहल्लों में यह मशीन कभी-कभार ही नजर आती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन मशीनों से दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों से ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है. इतना ही नहीं इससे मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर भी कोई असर नहीं हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सही में इन मशीनों से होने वाले दवा छिड़काव से मच्छरों का खात्मा हो रहा है या नहीं.
क्या कह रही है जनता
जनता का सीधा जवाब है कि निगम मच्छरों के प्रकोप से लोगों को मुक्ति दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है. स्थानीय लक्ष्मण प्रजापति और अनंत कुमार का कहना है कि दवाइयों के छिड़काव से मच्छरों के सफाए में कोई खास असर नहीं पड़ा है बल्कि मच्छरों का प्रकोप बदस्तूर जारी है.
क्या कह रहा है निगम
हालांकि निगम का मानना है कि शहर में मच्छरों को मारने के लिए जिन दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है, उससे मच्छरों के सफाए में फायदा हो रहा है. शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने दावा किया है कि जमशेदपुर में टेस्टेड कोल्ड फॉगिंग मशीन मच्छरों के लारवा को मारने में सक्षम है. उनका कहना है कि इस मशीन को आए अभी 3 महीने ही हुए हैं और मशीन भी निगम के पास कम है, जिसे देखते हुए निगम और भी मशीन लाने की तैयारी कर रही है.
क्या कह रहे हैं पूर्व पार्षद
वहीं पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता ने इसे लेकर नगर निगम की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा है कि सिर्फ कमीशन के लिए निगम महंगे मशीनों की खरीदारी कर रही है
बता दें कि रांची नगर निगम तीन कोल्ड फॉगिंग मशीनों के जरिए शहर में मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रहा है. एक कोल्ड फॉगिंग मशीन की कीमत लगभग 35 लाख रुपये है. निगम का कहना है कि वह और भी कोल्ड फागिंग मशीन लाने की तैयारी में है.