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शुक्रवार से झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, एंटी मॉब लिंचिंग बिल दोबारा लाएगी सरकार

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Published : Jul 28, 2022, 8:23 PM IST

शुक्रवार से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. सरकार एंटी मॉब लिंचिंग बिल और राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक दोबारा लाने की तैयारी में है.

Monsoon session of Jharkhand assembly
Monsoon session of Jharkhand assembly

रांची: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होगा. कुल छह कार्यदिवस वाले इस सत्र में राज्य सरकार ने एंटी मॉब लिंचिंग बिल और राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक दोबारा लाने की तैयारी की है. ये दोनों विधेयक विधानसभा ने पहले भी पारित किये थे, लेकिन इनके हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता की वजह से राज्यपाल ने इन्हें बगैर हस्ताक्षर किये वापस कर दिया था.

ये भी पढ़ें- मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार, सत्तापक्ष-विपक्ष ने की तैयारी पूरी

सत्र की तैयारियों को लेकर स्पीकर की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में राज्य में उत्पन्न हुई सुखाड़ की स्थिति पर सत्र के दौरान विशेष चर्चा कराने पर सहमति बनी. राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने सत्र के दौरान राज्य में अवैध माइनिंग, रांची में महिला सब इंस्पेक्टर की हत्या, सरकारी स्कूलों में रविवार के बदले शुक्रवार की छुट्टी जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी की रणनीति तैयार की है.

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने राज्य के सभी विभाग के पदाधिकारियों को सदन के अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया गया है कि विभागों के अधिकारियों की सत्र के दौरान मौजूदगी सुनिश्चित करायें, ताकि सरकार की ओर से सदस्यों के सवालों के जवाब समुचित तरीके से दिये जा सकें. उन्होंने सरकार के विभागों को यह भी यहा है कि किसी भी विधेयक को सदन पटल पर रखने से पहले उसकी ड्राफ्टिंग जांच ली जाये. भाषा में किसी तरह की त्रुटि ना हो, इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है.

रांची: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होगा. कुल छह कार्यदिवस वाले इस सत्र में राज्य सरकार ने एंटी मॉब लिंचिंग बिल और राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक दोबारा लाने की तैयारी की है. ये दोनों विधेयक विधानसभा ने पहले भी पारित किये थे, लेकिन इनके हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता की वजह से राज्यपाल ने इन्हें बगैर हस्ताक्षर किये वापस कर दिया था.

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सत्र की तैयारियों को लेकर स्पीकर की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में राज्य में उत्पन्न हुई सुखाड़ की स्थिति पर सत्र के दौरान विशेष चर्चा कराने पर सहमति बनी. राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने सत्र के दौरान राज्य में अवैध माइनिंग, रांची में महिला सब इंस्पेक्टर की हत्या, सरकारी स्कूलों में रविवार के बदले शुक्रवार की छुट्टी जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी की रणनीति तैयार की है.

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने राज्य के सभी विभाग के पदाधिकारियों को सदन के अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया गया है कि विभागों के अधिकारियों की सत्र के दौरान मौजूदगी सुनिश्चित करायें, ताकि सरकार की ओर से सदस्यों के सवालों के जवाब समुचित तरीके से दिये जा सकें. उन्होंने सरकार के विभागों को यह भी यहा है कि किसी भी विधेयक को सदन पटल पर रखने से पहले उसकी ड्राफ्टिंग जांच ली जाये. भाषा में किसी तरह की त्रुटि ना हो, इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है.

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