रांची: झारखंड विधानसभा में राज्य में अल्पवर्षा से उत्पन्न सुखाड़ की स्थिति पर विशेष चर्चा के दौरान हालात पर कृषि मंत्री ने गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज्य में 31 जुलाई तक 28 लाख 27 हजार हेक्टेयर में धनरोपनी हो जाया करती थी. लेकिन इस वर्ष अबतक सिर्फ 6 लाख 89 हजार हेक्टेयर में धनरोपनी हो पाई है. इसकी वजह है औसत से कम बारिश का होना. उन्होंने कहा कि चिंता वाली बात यह है कि अबतक सिर्फ 15.41 प्रतिशत ही धनरोपनी हुई है. अगर अन्य खरीब फसलों को भी जोड़ दें तो कुल 24.37 प्रतिशत की ही बुआई हो पाई है. उन्होंने कहा कि बिगड़े हालात को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव लेकर आगे कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक वास्तविक तस्वीर सामने आ जाएगी.
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कृषि मंत्री ने कहा कि 2019 तक 13 लाख 77 हजार किसानों को केसीसी दिया गया था लेकिन उनकी सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल में ही 4 लाख 94 हजार नया केसीसी जारी किया है. उन्होंने कहा कि संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए 5 लाख नये राशन कार्ड बनवाने की तैयारी की जा रही है. जरूरत पड़ी तो दीदी कीचन का भी संचालन किया जाएगा. सुखाड़ होने पर प्रति व्यस्क किसान को 60 रू प्रति दिन और बच्चों को 45 रू. प्रति दिन दिए जाएंगे ताकि वैसे परिवार भोजन की व्यवस्था कर सकें. उन्होने फसल नहीं होने पर प्रति एकड़ मुआवजे की भी जानकारी दी. यही नहीं इस दौरान बकरी के मरने पर 3 हजार रू. और गाय-भैंस के मरने पर 30 हजार रू क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई. भाजपा विधायक सदन में राज्य को अकाल क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर वेल में आकर हंगामा मचाने लगे. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 2022-23 का 3436 करोड़ 56 लाख 32 हजार का पहला अनुपूरक बजट पेश किया.
बीजेपी ने किया वाक आउट, सत्तापक्ष ने कसा तंजः झारखंड विधानसभा में सोमवार को सुखाड़ पर विशेष चर्चा हुई. भोजनावकाश के बाद सदन में जैसे ही सुखाड़ पर चर्चा शुरू हुई भाजपा विधायक राज्य को अकाल क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा करने लगे और भाजपा विधायक सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए सदन से वॉक आउट कर गए. बीजेपी विधायक सीपी सिंह और अनंत ओझा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सदन में सुखाड़ और अकाल में अंतर समझाकर जवाब देने से भाग रही है.
इधर विपक्ष के रुख पर आपत्ति जताते हुए सत्तारूढ़ दल ने सदन के अंदर और बाहर जमकर पलटवार किया. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बीजेपी के रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सुखाड़ पर विशेष चर्चा के लिए कार्यमंत्रणा में सहमति बनी थी लेकिन जब इस पर सदन में चर्चा शुरू हुई तो बीजेपी के सदस्य वाक आउट कर गए. इससे विपक्ष की मानसिकता का पता चलता है. बहरहाल नोकझोंक और आरोप प्रत्यारोप के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.