रांचीः एक तरफ राज्य सरकार स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल विद्यालय खोलकर शिक्षा की गुणवत्ता बढाने पर जोर दे रही है. वहीं दूसरी ओर इन विद्यालयों में शिक्षक कौन होंगे यह अभी तक तय नहीं हो पाया है.
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इन विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली संविदा आधारित करने का सबसे पहले विभाग ने निर्णय लिया. झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से इस संबंध में जिला स्तर पर बहाली के लिए विज्ञापन भी निकाले गए. विभिन्न विषयों के लिए निकाली गई विज्ञापन में 100 रुपये के शुल्क के साथ हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन भी जमा किए. गिरीडीह जैसे जिले ने तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ आवेदन की कॉपी निबंधित डाक से भेजने को कहा. रांची डीईओ के माध्यम से रांची जिला शिक्षा परियोजना के माध्यम से आवेदन निबंधित डाक टिकट युक्त लिफाफा के साथ भेजने का निर्देश दिया.
लेकिन जब भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने लगी तो सबसे पहले ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने की वजह से यह अधर में लटक गया. इसके बाद में शिक्षा विभाग ने अपनी गलती स्वीकार किया. जिला स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान कैबिनेट से पास कराने में सफल तो हो गई मगर रोस्टर क्लीयरेंस के मुद्दे पर यह मामला लटक गया.
इन सबके बीच जानकारी के मुताबिक अब सरकार संविदा आधारित शिक्षकों को नियुक्त करने के बजाए हाल के दिनों में स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया 2016 के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को ही इन विद्यालयों में पदस्थापित करने का निर्णय ले रही है. ऐसे में संविदा पर ही सही शिक्षक बनने की आस लगाए हजारों आवेदनकर्ता की उम्मीद पर पानी फिरने जा रहा है. छात्र नेता एस अली ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि सरकार इस तरह का फैसला ना लें. क्योंकि जिस उम्मीद के साथ अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किए और उसके लिए बकायदा 100 रुपया का परीक्षा शुल्क भी जमा किया गया. ऐसे में यह अभ्यर्थी ठगे जाएंगे और सरकार से विश्वास उठ जाएगा.
अभ्यर्थी घबरायें नहीं कोई रास्ता निकलेगा- शिक्षा सचिवः अभ्यर्थियों के बीच बढ़ रहे असंतोष और सरकार के द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर सफाई देते हुए शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि संविदा आधारित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ अड़चनें हैं, जिसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. जिला स्तर पर नए सिरे से रोस्टर क्लीयरेंस के बाद इस पर विचार किया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि अभ्यर्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है कुछ ना कुछ रास्ता निकल जाएगा. इधर उत्कृष्ट विद्यालय का नाम अब सीएम उत्कृष्ट विद्यालय कर दिया गया है, जिसमें नामांकन के लिए मंगलवार को प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई. नामांकन के लिए करीब 40 हजार आवेदन आए हैं.परीक्षा के बाद जल्द ही परिणाम घोषित कर नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
राज्य के शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में मॉडल स्कूल स्थापित होगा. प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक अच्छी गुणवत्ता वाला सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाने की तैयारी की जा रही है. बुनियादी ढांचे, पाठ्यक्रम, मूल्यांकन और स्कूल प्रशासन में सुधार कर मॉडल स्कूल बनेगा. फरवरी में विज्ञापन निकालकर 14 विषयों के लिए आवेदन मांगा गया था. 80 उत्कृष्ट और 325 मॉडल स्कूलों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी. अभी भी कई उत्कृष्ट विद्यालय का भवन निर्माणाधीन है, ऐसे में यहां पढ़ाई की शुरुआत कैसे होगी.