रांची: झारखंड के मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के रोजगार सृजन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं. इस दौरान विभाग की तरफ से 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया गया की हड़ताल से वापस नहीं आने पर अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा. इसके बावजूद मनरेगाकर्मी टस से मस नहीं हुए.
जिला स्तर पर मनरेगा कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर सरकार पर दबाव बनाता रहा. अब मामले को सुलझाने के लिए विभाग की तरफ से पहल शुरू की गई है. मनरेगा कर्मचारी संघ की तरफ से बताया गया कि 20 अगस्त को अपराहन 3:00 बजे प्रोजेक्ट भवन में विभागीय मंत्री आलमगीर आलम और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया है.
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संघ के महासचिव मोहम्मद इम्तियाज ने ईटीवी भारत को बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर अनुबंध कर्मियों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, इससे न्याय की उम्मीद जगी है, मुख्यमंत्री के इस पहलू को ध्यान में रखते हुए हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने 20 अगस्त को सामूहिक इस्तीफा देने के फैसले को फिलहाल टालने का निर्णय लिया है, अब विभागीय मंत्री के साथ 20 अगस्त को होने वाली वार्ता के नतीजों के आधार पर ही आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी.