रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन शोक प्रकाश के साथ सोमवार तक के लिए स्थगित हो गया, सदन से बाहर निकलें विधायकों ने राज्य की राजनीति और समस्याओं पर जमकर एक दूसरे की खिंचाई की. विधायक सरयू राय ने कहा कि बार बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन देना प्रवर्तन निदेशालय की कमजोरी दर्शाता है. सरयू राय ने कहा कि अब तो ईडी को सोचना होगा कि क्या वह समन देने वाली फैक्टरी बनकर रह जाएगी.
सरयू राय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को अब अदालत में जाकर यह बताना चाहिए कि समन के बाद भी अगर मुख्यमंत्री नहीं आ रहे हैं, तब आगे वह क्या करें.
उन्होंने इसे प्रवर्तन निदेशालय की सुस्ती करार देते हुए कहा कि हो सकता है कि ईडी के पास मुख्यमंत्री से पूछे जाने के लिए गंभीर सवाल नहीं हो.
मैंने कहा था कि यह सरकार दिसंबर पार नहीं करेगी- सरयू राय: पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्होंने स्थिथियों का आकलन करते हुए कहा था कि यह सरकार दिसंबर महीने को पूरा नहीं करेगी. अब यह ईडी के ऊपर है कि वह कैसे आगे बढ़ती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस लड़ाई को बहादुरी से लड़ रहे हैं. हमें महाभारत काल के दो घटनाओं को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक पात्र शिशुपाल का था अब जब ईडी समन पर समन भेज रही है तब अंतिम समन कब होगा यह तो ईडी को तय करना है. सरयू राय ने कहा कि दूसरा प्रकरण कर्ण का है जो अपने पक्ष से लड़ते रहे. मुख्यमंत्री की प्रशंसा इसलिए होनी चाहिए क्योंकि वह बहादुरी से लड़ रहे हैं, बिना इसकी परवाह किए कि इसकी परिणति क्या होगी.
इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं, सिर्फ दिग्भ्रमित कर रही है सरकार-नीरा यादव: भाजपा विधायक और पूर्व शिक्षामंत्री नीरा यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. जब भाजपा की सरकार राज्य में बनेगी तब विकास की गति तेज होगी. उन्होंने कहा कि सिर्फ वर्तमान सरकार युवाओं को छल रही है.
जो वादें कर सत्ता में आई थी, उसकी याद दिलाते रहेंगे सरकार को- सुदेश महतो: राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि इस सरकार से कोई अपेक्षा नहीं है. लेकिन जो वादे यह सरकार जनता से कर के आयी थी उसकी वह याद दिलाते रहेंगे. आजसू की स्पष्ट मांग है कि चाहे युवाओं को रोजगार का मामला हो, ओबीसी आरक्षण की बात हो या फिर स्थानीय नीति की बात हो, जो वादें कर महागठबंधन सत्ता में आई है वह उसे पूरा करें.