रांचीः पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव और वन विभाग के उच्चस्थ अधिकारियों को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने पलामू टाइगर प्रोजेक्ट एरिया (Palamu Tiger Project Area) में वन विभाग (Forest Department) की ओर से कैम्पा फंड (CAMPA Fund) से कराए जा रहे कार्य को गैर-कानूनी बताया है और उस पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही सरयू राय ने वन विभाग के अधिकारियों को मगरूर करार दिया है.
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पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला भाग-1 और भाग-2 के बीचों-बीच एक लंबी दीवार
पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) के डाल्टनगंज-महुआडांड़ राज्य उच्च पथ से लगे बेतला रेंज (Betla Range) के भाग-1 और भाग-2 के बीच वन विभाग की ओर से एक लंबी दीवार खड़ी कर दी गई है. विधायक सरयू राय का कहना है कि पलामू टाइगर रिजर्व एरिया (Palamu Tiger Reserve Area) में टाइगर का तो नामोनिशान नहीं है, फिर भी हाथी, गौर, चीतल जैसे अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति यहां दर्ज की गई. इनका भ्रमण बेतला भाग-1 से भाग-2 के बीच होता रहता है. वन विभाग की ओर से खड़ी की गई लंबी दीवार के कारण यह भ्रमण रूक जाएगा और वन्यजीवों और मनुष्य के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ जाएगी.
नियमविरुद्ध और कैम्पा फंड का दुरूपयोग
सरयू राय ने सीएम ने वन संरक्षण अधिनियम-1980 (Forest Conservation Act-1980) या वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 (Wildlife Protection Act-1972) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दीवार खड़ी करके वनों और वन्यजीवों का संरक्षण किया जाए. दीवार उठाने का काम कैम्पा के फंड से हो रहा है. यह कैम्पा के फंड का दुरूपयोग है. कैम्पा फंड (CAMPA Fund) का इस्तेमाल वनों के संरक्षण, वनरोपण, वन्यजीवों के संरक्षण जैसे कार्यों में ही हो सकता है.
पढ़ें! पूर्व मंत्री सरयू राय की मुख्यमंत्री के नाम लिखी चिठ्ठी
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री,
झारखण्ड, सरकार।
विषय: पलामू टाईगर रिजर्व के बेतला भाग-1 और भाग-2 के बीचों-बीच एक लम्बी दीवार खड़ा करने के संबंध में।
महाशय,
उपर्युक्त विषय में निम्नांकित बिन्दुओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ:-
(1) पलामू टाईगर रिजर्व के डाल्टनगंज-महुआडाँड़ राज्य उच्च पथ से लगे बेतला रेंज के भाग-1 और भाग-2 के बीच वन विभाग द्वारा एक लम्बी दीवार खड़ी कर दी गई है। इसका काम अभी भी जारी है।
(2) पलामू टाईगर रिजर्व में टाईगर का तो नामोनिशान नहीं है, फिर भी हाथी, गौर, चीतल आदि अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति यहाँ दर्ज की गई है। इनका भ्रमण बेतला भाग-1 से भाग-2 के बीच होते रहता है। वन विभाग द्वारा खड़ी की गई लम्बी दीवार के कारण यह भ्रमण रूक जाएगा और वन्यजीवों तथा मनुष्य के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ जाएगी।
(3) वन संरक्षण अधिनियम-1980 अथवा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दीवार खड़ी करके वनों एवं वन्यजीवों का संरक्षण किया जाय।
(4) जहाँ तक मेरी जानकारी है, दीवार खड़ी करके बेतला वन क्षेत्र के भाग-1 और भाग-2 को अलग करने की कोई योजना न तो पलामू टाईगर रिजर्व के प्रबंधन कार्य में है और न ही राज्य सरकार ने इस तरह की किसी योजना की स्वीकृति दी है।
(5) दीवार उठाने का काम कैम्पा के फंड से हो रहा है। यह कैम्पा के फंड का दुरूपयोग है। कैम्पा के फंड का इस्तेमाल वनों के संरक्षण, वनरोपण, वन्यजीवों के संरक्षण आदि कार्यों में ही हो सकता है।
(6) ऐसा लगता है कि वन विभाग के अधिकारी मगरूर हो गये है और नियमों, अधिनियमों में निहित प्रावधान की उपेक्षा कर इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं।
उपर्युक्त बिन्दुओं के संदर्भ में निवेदन है कि वन संरक्षण विरोधी एवं वन्यजीव संरक्षण विरोधी उपर्युक्त विषयक कार्रवाई को तत्काल स्थगित किया जाय, खड़ी की गई दीवार को हटाया जाय और ऐसा अनियमित कार्य करनेवालों एवं इसकी स्वीकृति देनेवालों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाय।
सधन्यवाद,
भवदीय
ह0/-
(सरयू राय)