ETV Bharat / state

अमित अग्रवाल पर जेल अधीक्षक मेहरबान! गैरमौजूदगी में किया वकालतनामे को सत्यापित, सरयू राय के सवाल पर आया जवाब

निर्दलीय विधायक सरयू राय (MLA Saryu Rai) ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कारोबारी अमित कुमार अग्रवाल ईडी की हिरासत में था तब जेल अधीक्षक हामीद अख्तर (Jail Superintendent Hameed Akhtar) ने सुप्रीम कोर्ट से जुड़े वकालतनामे पर कैसे हस्ताक्षर कर दिया.

mla-saryu-rai-serious-allegations-against-jail-superintendent
mla-saryu-rai-serious-allegations-against-jail-superintendent
author img

By

Published : Oct 18, 2022, 3:26 PM IST

रांची: कोलकाता के कारोबारी अमित कुमार अग्रवाल (Businessman Amit Kumar Agarwal) को अब झारखंड का बच्चा-बच्चा जान चुका है. उन्हें पिछले दिनों ईडी की टीम ने गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि अमित कुमार अग्रवाल ने शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत अधिवक्ता राजीव कुमार को पैसे देकर फंसवाया है.

ये भी पढ़ें- अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली राहत, दी झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह

फिलहाल अमित अग्रवाल न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन अपने एक वकालतनामे की वजह से सुर्खियों में आ गये हैं. जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय (MLA Saryu Rai) का आरोप है कि 12 अक्टूबर को अमित कुमार अग्रवाल ED की हिरासत में था. फिर भी सुप्रीम कोर्ट से जुड़े वकालतनामे पर अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर का सत्यापन होटवार जेल के अधीक्षक ने कैसे कर दिया. उन्होंने ट्वीट कर वकालतनामे की कॉपी भी सार्वजनिक की है. इसमें होटवार जेल अधीक्षक का हस्ताक्षर है.

  • सुप्रीम कोर्ट में दाखिल #ED अभियुक्त अमित अग्रवाल का वकालतनामा होटवार जेल,राँची के अधीक्षक ने 12 अक्टूबर 2022 को सत्यापित किया है,जब उस समय वह जेल में था ही नहीं, उस समय वह #ED की हिरासत में था.जब अभियुक्त जेल अधीक्षक के सामने था ही तब उसके हस्ताक्षर का सत्यापन किस आधार पर हुआ? pic.twitter.com/jlfv0hfxVL

    — Saryu Roy (@roysaryu) October 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरयू राय के इस गंभीर सवाल पर ईटीवी भारत की टीम ने रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक हामीद अख्तर से फोन पर संपर्क किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अमित कुमार अग्रवाल के वकालतनामे को 9 अक्टूबर 2022 को सत्यापित किया था. उस वक्त वह जेल में थे. उसी दिन हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट से जुड़े दो और वकालतनामों को जेल के दूसरे पदाधिकारियों ने सत्यापित किया था. जेल अधीक्षक (Jail Superintendent Hameed Akhtar) ने कहा कि जब 12 अक्टूबर को अमित कुमार अग्रवाल जेल में थे ही नहीं तो मैं उनके वकालतनामे को सत्यापित कैसे करूंगा. उन्होंने कहा कि संभव है कि अमित कुमार अग्रवाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में 12 अक्टूबर को आवेदन दिया होगा. उन्होंने कहा कि विधायक सरयू राय क्यों इसको मुद्दा बना रहे हैं, इसका जवाब मेरे पास नहीं है.

आपको बता दें कि कोलकाता के कारोबारी अमित कुमार अग्रवाल को ईडी ने पीएमएलए, 2002 के सेक्शन 19 के तहत 7 अक्टूबर को रात 8 बजकर 20 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया था. ईडी का आरोप है कि अमित कुमार अग्रवाल ने एक साजिश के तहत झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता में गिरफ्तार करवाया था. रिमांड पिटिशन में ईडी ने दावा किया है कि अमित अग्रवाल ने ही सोनू अग्रवाल के जरिए राजीव कुमार से संपर्क किया था. लेकिन कोलकाता पुलिस को दिए बयान में उसने गलत बताया है कि राजीव कुमार ने उससे संपर्क कर केस को मैनेज करने के एवज में जज और कुछ ब्यूरोक्रेट्स के लिए मोटी रकम की मांग की थी. उसी कड़ी में 50 लाख रुपए के साथ अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी हुई थी.

रांची: कोलकाता के कारोबारी अमित कुमार अग्रवाल (Businessman Amit Kumar Agarwal) को अब झारखंड का बच्चा-बच्चा जान चुका है. उन्हें पिछले दिनों ईडी की टीम ने गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि अमित कुमार अग्रवाल ने शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत अधिवक्ता राजीव कुमार को पैसे देकर फंसवाया है.

ये भी पढ़ें- अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली राहत, दी झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह

फिलहाल अमित अग्रवाल न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन अपने एक वकालतनामे की वजह से सुर्खियों में आ गये हैं. जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय (MLA Saryu Rai) का आरोप है कि 12 अक्टूबर को अमित कुमार अग्रवाल ED की हिरासत में था. फिर भी सुप्रीम कोर्ट से जुड़े वकालतनामे पर अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर का सत्यापन होटवार जेल के अधीक्षक ने कैसे कर दिया. उन्होंने ट्वीट कर वकालतनामे की कॉपी भी सार्वजनिक की है. इसमें होटवार जेल अधीक्षक का हस्ताक्षर है.

  • सुप्रीम कोर्ट में दाखिल #ED अभियुक्त अमित अग्रवाल का वकालतनामा होटवार जेल,राँची के अधीक्षक ने 12 अक्टूबर 2022 को सत्यापित किया है,जब उस समय वह जेल में था ही नहीं, उस समय वह #ED की हिरासत में था.जब अभियुक्त जेल अधीक्षक के सामने था ही तब उसके हस्ताक्षर का सत्यापन किस आधार पर हुआ? pic.twitter.com/jlfv0hfxVL

    — Saryu Roy (@roysaryu) October 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरयू राय के इस गंभीर सवाल पर ईटीवी भारत की टीम ने रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक हामीद अख्तर से फोन पर संपर्क किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अमित कुमार अग्रवाल के वकालतनामे को 9 अक्टूबर 2022 को सत्यापित किया था. उस वक्त वह जेल में थे. उसी दिन हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट से जुड़े दो और वकालतनामों को जेल के दूसरे पदाधिकारियों ने सत्यापित किया था. जेल अधीक्षक (Jail Superintendent Hameed Akhtar) ने कहा कि जब 12 अक्टूबर को अमित कुमार अग्रवाल जेल में थे ही नहीं तो मैं उनके वकालतनामे को सत्यापित कैसे करूंगा. उन्होंने कहा कि संभव है कि अमित कुमार अग्रवाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में 12 अक्टूबर को आवेदन दिया होगा. उन्होंने कहा कि विधायक सरयू राय क्यों इसको मुद्दा बना रहे हैं, इसका जवाब मेरे पास नहीं है.

आपको बता दें कि कोलकाता के कारोबारी अमित कुमार अग्रवाल को ईडी ने पीएमएलए, 2002 के सेक्शन 19 के तहत 7 अक्टूबर को रात 8 बजकर 20 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया था. ईडी का आरोप है कि अमित कुमार अग्रवाल ने एक साजिश के तहत झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता में गिरफ्तार करवाया था. रिमांड पिटिशन में ईडी ने दावा किया है कि अमित अग्रवाल ने ही सोनू अग्रवाल के जरिए राजीव कुमार से संपर्क किया था. लेकिन कोलकाता पुलिस को दिए बयान में उसने गलत बताया है कि राजीव कुमार ने उससे संपर्क कर केस को मैनेज करने के एवज में जज और कुछ ब्यूरोक्रेट्स के लिए मोटी रकम की मांग की थी. उसी कड़ी में 50 लाख रुपए के साथ अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.