रांची: सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान विधायक प्रदीप यादव ने प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत आरक्षण (75 percent reservation in private sector) का मामला जोर शोर से उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मादवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 और इसकी नियमावली 2022 अधिसूचित कर दी गई है. इसके बावजूद युवाओं का इसका लाभ नहीं मिल रहा है. नियमावली के तहत पोर्टल पर कंपनियों को निबंधन करना अनिवार्य है. साथ ही तीन माह के भीतर 40 हजार के कम मानदेय वाले कर्मचारी की सूची का निबंधन भी करना जरूरी है. ताकि 75 प्रतिशत स्थानीय नौजवानों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं हुआ है.
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जवाब में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पोर्टल बनाने का काम चल रहा है. डीपीआर तैयार है. इसे जल्द ऑन लाइन कर दिया जाएगा. इसपर प्रदीप यादव ने मंत्री से पूछा कि जब पोर्टल तैयार ही नहीं हुआ है तो 404 कंपनियों का निबंधन कैसे हो गया. मीडिया से बात करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि 12 सितंबर को नियमावली बन चुकी है. इसके तहत 30 दिन के भीतर कंपनियों को निबंधन कराना है. झारखंड में करीब 4 हजार निजी कंपनियां है लेकिन अबतक सिर्फ 404 का निबंधन हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सुस्ती को स्वीकार किया है. 30 जनवरी तक प्रक्रिया पूरी करने का भरोसा दिलाया गया है.
प्रदीप यादव ने इसे सरकार की नाकामी बताया. युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. ऐसा चलता रहा तो निजी कंपनियां बैकडोर से अपने लोगों को नौकरी दे देंगी. फिर यहां के लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा. यही सवाल झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने भी उठाया. उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि नियमावली को अधिसूचित हुए तीन माह से ज्यादा का वक्त बीत गया लेकिन इसपर कुछ नहीं हुआ. इसमें हस्तक्षेप करते हुए स्पीकर ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है. उन्होंने मंत्री सत्यानंद भोक्ता को कहा कि आपको काम करने की जरूरत है. आपकी काम के प्रति रूचि कम प्रतीत हो रही है. इसको गंभीरता से लिया जाना चाहिए. जवाब में मंत्री सत्यानंद ने कहा कि 30 जनवरी के अंदर पोर्टल पर काम शुरू हो जाएगा.