रांची: राजधानी में विधायक बंधु तिर्की ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को सोमवार को पत्र लिखकर रिम्स में नर्सों की नियुक्ति में हो रही अनियमितता के संबंध में अवगत कराया है. साथ ही ऐसी गलती दोबारा नहीं हो इसके लिए कई सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि रिम्स में आरक्षण रोस्टर और आरक्षण रजिस्टर तैयार करने की समुचित जानकारी के अभाव में 109 अनुसूचित जनजाति के ग्रेड ए नर्सों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा है कि झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संस्थान में परिचारिका श्रेणी ए के 367 पदों पर नियमित के लिए 17-18 अक्टूबर 2014 को आयोजित इन्वेस्टिगेशन में कुल 355 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया.
जिन्हें नियुक्त किए जाने का आदेश दिया गया. इसमें 84 आदिवासी अभ्यर्थियों का चयन सामान्य वर्ग में किया गया, लेकिन फिर 1 दिसंबर 2014 को एक नई चिट्ठी जारी की गई. इसमें सामान्य वर्ग में चयनित आदिवासी अभ्यर्थियों को एसटी श्रेणी में गणना की गई. इसके बाद आदिवासी अभ्यर्थियों को उनके लिए आरक्षित पदों से अधिक संख्या में दिखाया जा रहा है और नए नियम नियुक्तियों में आदिवासियों के शून्य पद दर्शाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ऑब्जेक्शन करने के बाद रिम्स निदेशक ने स्वास्थ्य सचिव और कार्मिक विभाग से अप्रूवल प्राप्त करने के लिए पत्र भेजा, लेकिन ऑब्जेक्शन करने का कोई फायदा नहीं हुआ.
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रिम्स निदेशक ने विभागीय स्तर पर भी गलत जानकारी देते हुए विभागीय सचिव से त्रुटिपूर्ण रोस्टर पर सहमति ले ली. इस परिस्थिति में यह जरूरी है कि जितनी नियुक्तियां हो चुकी हैं. उसका रिव्यू हो और त्रुटियों का सुधार करते हुए उस पद पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए. इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसी गलती रिम्स या राज्य सरकार से जुड़े किसी अन्य संस्थान में भी न हो. इसके लिए रोस्टर और आरक्षण रजिस्टर की व्यापक जानकारी देने के लिए समय समय पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाए और उसमें विशेषज्ञ को बुलाकर अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए.